भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे ने कहा है कि जम्मू–कश्मीर में आतंकी गतिविधियों और पत्थरबाजी की घटनाओं में बहुत कमी आना, केंद्र शासित प्रदेश में हालात के सामान्य होने की ओर संकेत करता है। साथ ही, कहा कि नियंत्रण रेखा के दूसरी तरहफ आतंकी ढांचा चल रहा है, इसलिए हमारी तैयारियों और सतर्कता में कोई कमी नहीं आएगी। भारत के साथ विश्वास बहाली की पूरी जिम्मेदारी पाकिस्तानपर है।
दो दिवसीय दौरे के बाद गुरुवार को सेना प्रमुख ने कहा कि घाटी में आतंकियों द्वारा संचालित घटनाओं में बहुत कमी आई है। पत्थरबाजी का शायद ही कोई मामला सामने आया। यह कश्मीर में हालात सामान्य होने की ओर इशारा करता है। लोग भी यही चाहते हैं, जो एक अच्छी बात है। हम अपनी तरफ से तैयार हैं और अमरनाथ यात्रा के सुचारू संचालन के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, ‘लंबे समय के बाद हम ऐसी स्थिति में पहुंचे हैं, जहां चारों ओर शांति ही शांति है। युवाओं को मेरा संदेश है कि अगर शांति है तो हम विकास कर सकते हैं, तभी हम एक साथ समृद्ध हो सकते हैं। इसलिए हिंसा को छोड़कर शांति के रास्ते पर चलें और अपना भविष्य संवारें।’
सीमा पर आतंकी ढांचे मौजूद
सेना प्रमुख नरवणे ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच अविश्वास बरसों से है। रातों-रात हालात नहीं बदल सकते। भारत के साथ विश्वास बहाली की पूरी जिम्मेदारी पाकिस्तान पर है। नियंत्रण रेखा के पार आतंकी ढांचा अभी भी मौजूद है, इसलिए हमारी तैयारियों या सतर्कता में कोई कमी नहीं आएगी। फरवरी के आखिर में पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम की सहमति बनी थी। इस समय यह प्रभाव में है और संघर्षविराम चलता रहे, इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह पाकिस्तान पर है। अगर वे संघर्ष विराम का पालन जारी रखते हैं, भारत में आतंकियों को भेजना बंद करते हैं तो इन कदमों से विश्वास बढ़ेगा।
दूर-दराज के इलाकों तक पहुंच बनाई
जम्मू–कश्मीर के दौरे के दौरान सेना प्रमुख ने नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। साथ ही, सैनिकों से बातचीत कर उनका मनोबल बढ़ाया और अच्छी तैयारियों के लिए उनकी सराहना की। सद्भावना गतिविधियों के बारे में नरवणे ने कहा कि जब स्थानीय प्रशासन दूर-दराज के क्षेत्रों तक विकास की गतिविधियां नहीं पहुंचा सका तो सेना की सद्भावना अभियान चलाया। इससे स्थानीय लोगों की तकलीफें को दूर करने और उनकी जरूरतों को पूरी करने में काफी मदद मिली। इससे हालात काफी सुधरे हैं और इन इलाकों में प्रशासन की पहुंच भी हो गई है। अब हम अपनी रणनीति भी बदलेंगे और स्थानीय प्रशासन के साथ फिर से सद्भावना गतिविधियों को जांचेंगे.
-web desk
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