व्हाट्सएप की नई गोपनीयता नीति पर केंद्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में हलफनामा दाखिल किया है। इसमें कहा गया है कि उपयोगकर्ताओं पर व्हाट्सएप अपनी नई नीति थोप रही है और इसे स्वीकार करवाने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपना रही है।
फेसबुक की स्वामित्व वाली मैसेजिंग एप व्हाट्सएप के साथ जारी विवाद के बीच केंद्र सरकार ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में हलफनामा दिया। इसमें केंद्र सरकार ने कहा है कि व्हाट्सएप अपनी डिजिटल क्षमता का गलत इस्तेमाल कर रही है। यह यूजर विरोधी गतिविधियों में लिप्त है और अद्यतन गोपनीयता नीति पर ‘चालाकी से सहमति’ हासिल कर रही है।
केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में अदालत से कहा है कि व्हाट्सएप व्हाट्सएप ने बिना सोचे-समझे उपयोगकर्ताओं के लिए ‘अपने डिजिटल कौशल का खुलासा’ किया है। वह नियमित अंतराल पर नोटिफिकेशन भेजकर उन्हें अद्यतन गोपनीयता नीति 2021 को स्वीकार करने के लिए बाध्य करना चाह रही है। इसकी योजना बहुत स्पष्ट है। व्हाट्सएप बहुत चालाकी से व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक के कानून बनने से पहले ही उपयोगकर्ताओं से गोपनीयता नीति स्वीकार करवा रही है। व्हाट्सएप बार-बार अपने उपयोगकर्ताओं को नोटिफिकेशन भेज रही है, जो भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के 24 मार्च, 2021 के आदेश के खिलाफ है।
इसी के साथ केंद्र ने अदालत से नई गोपनीयता नीति के तहत रोजाना बार-बार भेजे जाने वाले नोटिफिकेशन पर अंतरिम आदेश देने की मांग की है। गौरतलब है कि व्हाट्सएप ने 15 मई से भारत सहित कई देशों में अपनी नई गोपनीयता नीति लागू कर दी है। इस पर भारत सरकार द्वारा आपत्ति जताने के बावजूद व्हाट्सएप ने अभी तक इसमें कोई बदलाव नहीं किया है।
-web desk
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