सीवान सहित पूरे बिहार में आतंक का पर्याय रहे मोहम्मद शाहबुद्दीन की मौत के बाद शायद उस जगह की मिट्टी भी नहीं मिलेगी, जहां से उसने अपने जुर्म की कहानी शुरू की थी।
जिस सीवान में उसने दो जवान लड़कों को तेजाब में नहलवा दिया था। अब उसी सीवान में मोहमम्द शाहबुद्दीन को दफनाने के लिए जगह नहीं मिल रही। इसपरऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने गृह मंत्रालय के इसके लिए मांग की है। हालांकि कोरोना प्रोटोकॉल के चलते शायद ही इसकी इजाजत मिले।
दर्जनों लोगों की हत्या और अपहरण के मामलों में आरोपी शाहबुद्दीन पिछले दिनों तिहाड़ में बंद था और उसको कोरोना हो गया था। जहां दो दिन पहले उसकी मौत की ख़बर आई थी। लेकिन बाद में इसको नकार दिया गया था। हालांकि अब बिहार आरजेडी नेताओं ने भी शाहबुद्दीन की मौत को कंफर्म किया है।
दो भाइयों को जिंदा तेजाब में जलाकर हत्या में शाहबुद्दीन को उम्र कैद की सजा हुई थी। पहले वो बिहार की जेल में ही था। लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उसे दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया गया था। कोरोना लहर के बीच शाहबुद्दीन को भी कोरोना हो गया था। इसके बाद उसे शनिवार को दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसका कोरोना से निधन हो गया था।
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