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उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि रेमडेसिविर जैसी जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी बड़ा अपराध है. इसमें संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट या रासुका के तहत कठोरतम कार्रवाई की जाएगी
इस महामारी के दौर में कालाबाजारी करने वाले 44 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया. गौतमबुद्ध नगर जनपद में निजी अस्पतालों में छापा मारकर 200 से अधिक बेड खाली कराए गए. इस प्रकार का अपराध करने वालों के खिलाफ गैंगेस्टर एवं रासुका के अंतर्गत कठोर कार्रवाई की जा रही है.
यह महामारी का दौर है. मानवता पर संकट का दौर है. मानवता का शत्रु, कोरोना वायरस कहर बन कर आम जन मानस पर टूट रहा है. आज यह समय मानवता को बचाने का है. मानवता को लज्जित करने का नहीं है. कुछ ऐसी घटनाएं प्रकाश में आई हैं जिसमे लोग इस आपदा में धन उगाही कर रहे थे. संक्रमित व्यक्ति की मदद करने के बजाय कई गुना दाम पर इंजेक्शन बेचा गया. अस्पताल में बेड का अधिक दाम वसूलने का मामला प्रकाश में आया. अभी हाल ही में गौतमबुद्ध नगर के कुछ अस्पतालों में छापा मारकर 200 बेड खाली कराए गए. अस्पतालों के बेड को फर्जी तरीके से फुल दिखाया गया था ताकि मरीज के आने पर बेड का संकट बता कर धन उगाही की जा सके.
कुछ दिन पहले जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया कि सभी अस्पताल अपने बेड का विवरण आनलाइन जारी करेंगे. इसके बाद अस्पतालों ने फर्जी ढंग से कुछ मरीजों को भर्ती कर दिया. ये वो लोग थे जिन्हें भर्ती होने की कोई आवश्यकता नहीं थी मगर इन्हें भर्ती करके अस्पताल में बेड न होना दिखाया गया. इस सम्बन्ध में जब शिकायत प्राप्त हुई तो गौतमबुद्ध नगर जनपद के जिलाधिकारी सुहास एल.वाई. ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निजी अस्पतालों को चेक करने का आदेश दिया. चेकिंग के दौरान कई निजी अस्पतालों में गड़बड़ी पाई गई. स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों के ऐसे करीब 200 बेड खाली करवाए. जानकारी के अनुसार दलाल के माध्यम से धन उगाही की व्यवस्था हो जाने पर फर्जी मरीज को डिस्चार्ज करके संक्रमित व्यक्ति को भर्ती कर दिया जाता था.
कालाबाजारी करने वाले 44 आरोपी पहुंचे जेल
कालाबाजारी के मामले में गत दिनों 44 से अधिक लोग गिरफ्तार किये गए. 687 रेमडिसिविर इंजेक्शन, 340 ऑक्सीजन सिलेंडर, नौ लाख 42 हजार 660 रुपए और चार मोबाइल फोन बरामद किया गया. अभियुक्तों से बरामद इंजेक्शन और सिलेंडर को केस प्रापर्टी दर्शाने के बजाय उसे मरीजों के इलाज में लगाया गया. बाराबंकी में एक अस्पताल संचालक पर मुकदमा दर्ज किया गया. उसने ऑक्सीजन की कमी की अफवाह फैलाई थी. जांच में पाया गया कि आक्सीजन की कोई कमी नहीं थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि “रेमडेसिविर जैसी जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी बड़ा अपराध है. इसमें संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट या रासुका के तहत कठोरतम कार्रवाई की जाएगी. आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं और ऑक्सीजन आदि का अनावश्यक भंडारण न करें और अफवाहों से बचें.”
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