इसरो जासूसी कांड : 1994 : मिलेगा नंबी को न्याय!
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत दिल्ली

इसरो जासूसी कांड : 1994 : मिलेगा नंबी को न्याय!

by WEB DESK
Apr 29, 2021, 11:41 am IST
in दिल्ली
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

वरिष्ठ वैज्ञानिक नंबी नारायण को अदालत ने पहले ही इसरो जासूसी कांड के आरोपों से मुक्त कर दिया था। लेकिन अब सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई से उन्हें झूठे प्रकरण में फंसाने वाले षड्यंत्रकारियों का पता लगाने को कहा है

झूठ कितना भी ताकतवर हो, एक न एक दिन सच के आगे उसे शर्मिंदा होना ही पड़ता है। 26 वर्ष पूर्व देश के एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक नंबी नारायण को जासूसी के आरोप में फंसाकर उनका करियर तबाह कर दिया गया, अब सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। गत 15 अप्रैल के शीर्ष अदालत के आदेश से न केवल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन को सांत्वना मिली है, बल्कि उनका मनोबल भी बढ़ा है।
दरअसल, पूरे प्रकरण की शुरुआत अक्तूबर 1994 में केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में मालदीव की एक नागरिक मरियम रशीदा को गिरफ्तारी से हुई थी। उस पर इसरो के रॉकेट इंजनों की गुप्त ड्राइंग हासिल कर पाकिस्तान को बेचने के आरोप लगे थे। जासूसी प्रकरण में नंबी नारायणन की गिरफ्तारी हुई और 48 दिन तक उन्होंने जेल में जांच अधिकारियों की यातनाएं सहीं। उन पर यह आरोप लगाया गया कि उन्होंने देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम से जुड़े कुछ गोपनीय दस्तावेज दूसरे देशों को भेजे हैं। इस मामले की शुरुआती जांच ‘आईबी’ और ‘रॉ’ ने की थी, लेकिन बाद में जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया गया था। गिरफ्तारी के बाद नंबी नारायण का पेशेवर जीवन पूरी तरह समाप्त हो गया। इसरो में एडवांस टेक्नोलॉजी एंड प्लानिंग विभाग में निदेशक के पद से सेवानिवृत्त होने वाले वरिष्ठ वैज्ञानिक नंबी नारायण ने खुद को निर्दोष साबित करने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। आखिरकार 2018 में देश के सर्वोच्च न्यायालय न केवल उन्हें तमाम आरोपों से मुक्त किया, बल्कि केरल सरकार से उन्हें 50 लाख रुपये मुआवजा भी दिलवाया। उसी साल केंद्र सरकार ने उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया। अब न्यायमूर्ति खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले को ‘गंभीर’ मान कर नंबी नारायण को गलत तरीके से फंसाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध ‘गहन जांच’ को आवश्यक बताते हुए सीबीआई को पूरी साजिश की जांच करने का आदेश दिया है, जिसके तहत उन्हें कथित तौर पर दोषी ठहराया गया था।

अदालत में लंबी चली लड़ाई
लगभग दो साल की जांच के बाद सीबीआई ने मई 1996 में केरल उच्च न्यायालय में जांच रिपोर्ट पेश किया। इसमें जांच एजेंसी ने नंबी नारायण को आरोपमुक्त करने और उन्हें फंसाने के लिए दोषी राज्य पुलिस के उच्चाधिकारियों व आईबी के उप-निदेशक आर.बी. श्रीकुमार पर कार्रवाई के लिए याचिका दायर की, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। लेकिन जून में केरल सरकार ने सीबीआई से केस वापस ले लिया और राज्य पुलिस ने नारायण व अन्य आरोपियों के विरुद्ध फिर से जांच शुरू की। उच्च न्यायालय ने नवंबर 1996 में राज्य सरकार द्वारा दोबारा जांच शुरू करने के फैसले को बहाल किया। इसके बाद अप्रैल 1998 में सर्वोच्च न्यायालय ने जांच दोबारा शुरू करने के राज्य सरकार के फैसले को निरस्त कर दिया और मई 1998 में केरल सरकार को नारायण को 1 लाख रु. मुआवजा देने को कहा। मार्च 2001 में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को नारायण को 10 लाख रु. मुआवजा देने का आदेश दिया। जून 2011 में केरल सरकार ने जांच अधिकारियों के खिलाफ केस आगे न चलाने का फैसला किया। सितम्बर, 2012 में उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को मानवाधिकार आयोग द्वारा तय किया गया 10 लाख रु. का मुआवजा देने को कहा। अक्तूबर 2014 में उच्च न्यायालय ने जांच अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने पर विचार करने को कहा। मार्च 2015 में उच्च न्यायालय ने जांच अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई आगे न बढ़ाने के केरल सरकार के फैसले को स्वीकृति दे दी। सितम्बर 2018 में सर्वोच्च न्यायालय ने केरल सरकार को नारायण को मुआवजे के तौर पर 50 लाख रु. देने और जांच अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर फैसला करने के लिए एक समिति गठित करने को कहा। साथ ही, अदालत ने नंबी के खिलाफ हुई पुलिस कार्रवाई को ‘मनोरोगियों जैसा आचरण’ करार दिया था। आदेश में कहा गया था, ‘उनकी स्वतंत्रता, गरिमा और मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ा दी गर्इं और उन्हें ‘निंदनीय घृणा’ का सामना करने के लिए बाध्य किया गया।’

पुलिस ने गढ़ी थी कहानी
इसके बाद 5 अप्रैल, 2021 को भारत सरकार ने जासूसी मामले में पुलिस अधिकारियों की भूमिका के संबंध में एक परिषद द्वारा दायर रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय के सामने विचार के लिए रखा। 79 वर्षीय नारायण का कहना है कि पूरे मामले को केरल पुलिस ने गढ़ा था। वे कहते हैं, ‘मुझ पर जिस तकनीक को विदेशियों को हस्तांतरित करने का आरोप लगा था, वह उन दिनों विद्यमान ही नहीं थी।’

उल्लेखनीय है कि 1994 में जब प्रकरण घटित हुआ था, उसी अवधि में सत्तारूढ़ यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के प्रमुख दल कांग्रेस की राज्य इकाई में तेज गुटीय संघर्ष हुआ था। इन गुटों का नेतृत्व वरिष्ठ नेता ए.के. एंटनी और तत्कालीन मुख्यमंत्री के. करुणाकरन कर रहे थे और इन्हें ए-ग्रुप और आई-ग्रुप (आई का अर्थ इंदिरा से है) के रूप में जाना जाता था। जासूसी मामले ने गुटीय संघर्ष को तेज कर दिया था। एक समूह ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री करुणाकरन पुलिस के तत्कालीन आईजी रेमन श्रीवास्तव को बचा रहे थे, जिन पर आरोपियों के साथ मामले में सहयोग करने का आरोप था। अंत में कांग्रेस हाईकमान के दूत ने पूरे विधायक दल से मुलाकात करके उनकी राय जानी थी। इसके परिणामस्वरूप मुख्यमंत्री करुणाकरन को कुर्सी छोड़नी पड़ी थी और प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने एंटनी को मुख्यमंत्री पद संभालने के लिए तिरुवनंतपुरम भेजा था। इन घटनाक्रमों के मद्देनजर कुछ लोगों का मानना है कि पूरा मामला कांग्रेस के अंदरूनी झगड़ों का नतीजा था और इसीलिए फर्जी तरीके से गढ़ा हुआ था। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि पूरे मामले को प्रधानमंत्री राव के इशारे पर सीबीआई ने खराब किया था। इन लोगों का मानना है कि अगर यह जांच ‘रॉ’ और ‘आईबी’ के पास ही रही होती तो इस मामले के परिणाम अलग रहे होते।

संघर्षपूर्ण जीवन पर फिल्म

नंबी नारायण के जीवन पर ‘रॉकेट्री: द नंबी इफैक्ट’ नाम से एक फिल्म बनी है। इसमें वैज्ञानिक नंबी नारायण के 27 से 70 वर्ष के संघर्ष को दिखाया गया है। करीब 100 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस फिल्म में माधवन ने नंबी नारायण का किरदार निभाया है। माधवन द्वारा निर्देशित यह पहली फिल्म है। गत 1 अप्रैल को फिल्म का ट्रेलर जारी किया गया, जिसकी प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की है। नंबी नारायण और प्रसिद्ध अभिनेता आर. माधवन प्रधानमंत्री मोदी से भी मिले थे। प्रधानमंत्री ने फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद ट्वीट में कहा, ‘यह फिल्म एक महत्वपूर्ण विषय को शामिल करती है, जिसके बारे में अधिक लोगों को पता होना चाहिए. हमारे वैज्ञानिकों और तकनीशियनों ने हमारे देश के लिए महान बलिदान किए हैं, जिनकी झलक मैं रॉकेट्री की क्लिप में देख सकता था।’ गौरतलब है कि यह फिल्म हिंदी, अंग्रेजी, तेलुगु, मलयालम, तमिल और कन्नड़ भाषाओं में प्रदर्शित होगी।
टी. सतीशन

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

माता वैष्णो देवी में सुरक्षा सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

माता वैष्णो देवी में सुरक्षा सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

Britain NHS Job fund

ब्रिटेन में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट: एनएचएस पर क्यों मचा है बवाल?

कारगिल विजय यात्रा: पूर्व सैनिकों को श्रद्धांजलि और बदलते कश्मीर की तस्वीर

four appointed for Rajyasabha

उज्ज्वल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला समेत चार हस्तियां राज्यसभा के लिए मनोनीत

Kerala BJP

केरल में भाजपा की दोस्तरीय रणनीति

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies