उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के चार वर्ष पूरे हो गए. उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कानून – व्यवस्था को बेहतर किया और विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए. इसका परिणाम अब धरातल पर भी दिखने लगा है.
उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान करने वालों के खिलाफ अध्यादेश लागू कर उनकी संपत्तियों को कुर्क कर नुकसान की भरपाई की गई. पहले के समय में दंगों में सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जाता था. लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना आम बात हो चुकी थी मगर उत्तर प्रदेश में अध्यादेश लाकर इस पर नियंत्रण किया गया. राज्य में क़ानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू किया गया. जघन्य अपराध, महिला अपराध, एससी-एसटी के विरुद्ध अपराध के मामलों में कड़ी कार्रवाई की गई. कई मामले में एनएसए लगाया गया. माफियाओं की अवैध संपति संपत्ति जब्त की गई. महिलाओं के लिए मिशन शक्ति कार्यक्रम की शुरुआत की गई. यह अभियान अभी भी जारी है. प्रदेश में मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से प्रदेश की 60,54,525 महिलाओं को अब तक जागरूक किया जा चुका है. ग्रामीण इलाकों की महिलाओं व बेटियों को हक की बात, शक्ति संवाद, स्किल व मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग के जरिए उनमें आत्मवविश्वा स जगाने और आत्मेनिर्भर बनाने का कार्य भी किया जा रहा है. यूपी के ग्रामीण इलाकों में अब तक 11,534 महिलाओं व 52, 439 बेटियों को मार्शल आर्ट व सेल्फर डिफेंस की ट्रेनिंग दी जा चुकी है. ग्रामीण क्षेत्र की 10,12,409 महिलाओं व 16,76,664 बेटियों को सरकरी योजनाओं के तहत जागरूक किया जा चुका है. विभाग की ओर से निराश्रित महिलाओं को विधवा पेंशन और बेटियों को कन्या सुमंगला योजना से लाभान्वित किया गया है.
कोरोना का संक्रमण जब शुरू हुआ तब उत्तर प्रदेश में सेनेटाइजर नहीं था. पीपीई किट नहीं थी. मास्क नहीं था. तेजी से बढ़ रही बेरोजगारी को भी नियंत्रित करना था. अन्य राज्यों से आये 40 लाख प्रवासी कामगारों को भी रोजगार देने की चुनौती थी. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को गति प्रदान की. कोरना काल खंड में ही एमएसएमई सेक्टर के माध्यम से सबसे अधिक रोजगार देने के मामले में उत्तर प्रदेश, देश के शीर्ष पांच राज्यों में स्थान बना चुका है.
बीते करीब चार वर्षों में 1 लाख 88 हजार करोड़ रुपए का निवेश उत्तर प्रदेश में आया है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में करीब 40 हजार करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है. यूपी में अलग-अलग सेक्टरों के लिए निवेश फ्रेंडली नीतियां बनाई गईं. यही वजह है कि आज यूपी में देश और विदेश की बड़ी -बड़ी कंपनियां अपनी यूनिट स्थापित कर रही हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करीब दर्जन भर अलग-अलग विभागों की नीतियां बनवाईं. करीब 186 सुधारों को लागू किया जिसके चलते चार वर्षों में 156 कंपनियों ने 48 हजार 707 करोड़ रुपए का निवेश कर यूपी में उत्पादन शुरु किया है. इन कंपनियों में एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है. ऋणमाफी योजना के अंतर्गत किसानों का ऋण माफ़ किया गया. जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण किया गया. पूर्वांचल, बुंदेलखंड, गोरखपुर-आजमगढ़ लिंक एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है.
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