आतंकवाद के मोर्चे पर हर बार मुंह की खाने के बावजूद खालिस्तानी आतंकी संगठन का सरगना गुरपतवंत पन्नू अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। किसान आंदोलन में शुरू से ही लोगों को तोड़फोड़ के लिए उकसाने वाला आतंकवादी पन्नू दोबारा खतरनाक साजिश रच रहा है।
आतंकवाद के मोर्चे पर हर बार मुंह की खाने के बावजूद खालिस्तानी आतंकी संगठन का सरगना गुरपतवंत पन्नू अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। किसान आंदोलन में शुरू से ही लोगों को तोड़फोड़ के लिए उकसाने वाला आतंकवादी पन्नू दोबारा खतरनाक साजिश रच रहा है। अमेरिका में रहने वाला पन्नू अपने संपर्क वाले किसानों और मीडिया कर्मियों को लगातार संदेश भेज रहा है। अपने संदेश में पन्नू ने गणतंत्र दिवस पर हुए उपद्रव में घायल और आंदोलन के विभिन्न चरणों में जान गंवाने वाले किसानों का विवरण देने की बात कही है। उसने कहा है कि वह इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र संघ में ले जाएगा। वहां पर मोदी सरकार के उन कदमों की जानकारी दी जाएगी, जिसके जरिए किसानों को प्रताड़ित किया जा रहा है। सरकार जानबूझकर किसान विरोधी कृषि कानूनों को वापस नहीं ले रही है। देशभर के किसानों को खेत—खलियान छोड़कर सड़क पर बैठने के लिए मजबूर किया जा रहा है। केंद्रीय एजेंसियां, आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के इस संदेश पर नजर रख रही हैं।
बता दें कि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों से खालिस्तान की मांग उठाने वाला पन्नू अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन से किसान आंदोलन को सरकार के खिलाफ कोई बड़ा कदम उठाने के लिए उकसाता रहता है। गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में लालकिला एवं दूसरी जगहों पर हिंसा का जो तांडव सामने आया था, सुरक्षा एजेंसियां उसके पीछे पन्नू का हाथ बताती हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उसे पहले ही आतंकियों की सूची में शामिल कर रखा है। एनआईए ने पंजाब में पन्नू की कई संपत्तियां जब्त की हैं। उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जांच एजेंसियां अपने स्तर पर जुटी हैं। लिहाजा, पन्नू अब भारत का नागरिक नहीं है, इसी वजह से जांच एजेंसियां उसके खिलाफ चाह कर भी ज्यादा कुछ नहीं कर पातीं। पन्नू जिन देशों से किसानों के पास संदेश भेजता है या फोन करता है, वहां पर इसे गैर-कानूनी नहीं माना जाता है। अब केंद्रीय एजेंसियां कूटनीति के जरिए पन्नू पर शिकंजा कसने का प्रयास कर रही हैं। ताजा प्रकरण में पन्नू ने उन सभी किसानों के पास संदेश भेजे हैं, जो पुलिस की मार से घायल हुए हैं। इसके अलावा अभी तक किसान आंदोलन में जितने किसानों की मौत हुई है, उनके घरों पर भी पन्नू संपर्क कर रहा है। उसने इन सभी से अपील की है कि वे पुलिस की ज्यादती से संबंधित विस्तृत विवरण ईमेल के जरिए उनके पास भेज दें। इसके लिए पन्नू ने अपने आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस की मेल आईडी दी है। वह आगे कहता है कि किसान जितनी जल्दी मेल भेजेंगे, वह उतनी ही तेजी से उनका मामला संयुक्त राष्ट्र में उठाने का प्रयास करेगा।
वह आगे कहता है कि उसने अंतरराष्ट्रीय मंच से इस मुद्दे को उठाने की पूरी तैयारी कर रखी है। अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को बताया जाएगा कि भारत में किसानों के साथ गलत किया जा रहा है। किसान आंदोलन के दौरान एनआईए ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए फंडिंग करने के आधार पर पन्नू की जमीन और दूसरी संपत्तियां जब्त की हैं। अब पन्नू के इस संदेश के बाद खुफिया एजेंसियां उन परिवारों पर नजऱ रख रही है, जिनके सदस्य किसान आंदोलन में घायल या हताहत हुए हैं। बहरहाल, पन्नू के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता महसूस की जाने लगी है।
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