‘सनातन धर्म या हिन्दू पहचान से इतनी नफरत क्यों?’ ये सवाल इसलिए कि छत्तीसगढ़ से ऐसी खबर सामने आई है, जो न तो एक गुरु को शोभा देती है और मानवता को भी शर्मसार करती है। हुआ कुछ यूं कि राज्य के दुर्ग में मदर टेरेसा इंग्लिश मीडियम स्कूल की तीन साल की छात्रा को महज इसलिए बेरहमी से पीटा गया और सजा के तौर पर उसके मुंह को टेप से सील कर दिया गया, क्योंकि उस छात्रा ने प्रेम से ‘राधे-राधे’ कहा था।
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डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, ये घटना बुधवार को शहर के नंदिनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत बागडूमर गांव में स्थित मदर टेरेसा स्कूल की है। इसी मिशनरी स्कूल में एक तीन साल की बच्ची नर्सरी की कक्षा में पढ़ती है। बुधवार को बच्ची रोजमर्रा की तरह स्कूल पहुंची तो उसने राधे-राधे कहकर अभिवादन किया। इस पर ईसाई प्रिंसिपल ‘इला इवान काल्विन’ का पारा चढ़ गया। उसे लगा कि जिस प्रकार की शिक्षा वो बच्चों के जेहन में भरना चाहती है, ये तो उसके उलट हो रहा है।
फिर क्या था उसने बच्ची को पीटा और उसका मुंह टेप से बंद कर दिया। जब इस मामले की खबर बच्ची के घर वालों को लगी तो उन्होंने पुलिस में इसकी शिकायत कर दी। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी प्रिंसिपल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 115(2) और 299 के साथ-साथ किशोर न्याय (बालकों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम की धारा 75 के तहत चोट पहुँचाने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने, बच्चों के साथ क्रूरता करने और अन्य अपराधों के केस दर्ज किया गया है।
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बहरहाल, इस घटना के बाद एक बार फिर से मिशनरी स्कूलों में गैर ईसाई बच्चों के साथ होने वाले बर्ताव ने मामले को उछाल दिया है।
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