पंजाब पुलिस के वीर सिपाही जसवंत सिंह को खुद तैरना नहीं आता था, परंतु जब एक कार को नहर में गिरा हुआ देखा, तो कूद पड़े डूबते लोगों के लिए देवदूत बन कर और 11 लोगों को बचा लाए। बठिंडा के बहमन दिवाना पुल के पास बुधवार सुबह एक कार नहर में गिर गई। कार में सवार एक ही परिवार के 11 सदस्य, जिनमें छह बच्चे और पांच बड़े शामिल थे, अचानक होंडा अमेज कार के बेकाबू होने के कारण नहर में गिर गए।
जसवंत सिंह की दिलेरी : बिना तैरना जाने नहर में कूदे
वहीं, पास में खड़े पीसीआर के पंजाब पुलिसकर्मी जसवंत सिंह ने दिलेरी दिखाते हुए नहर में कूदकर कार सवार बच्चों एवं बड़ों को बाहर निकाला। इससे सभी की जान बच गई।
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जिस पुलिसकर्मी ने नहर में छलांग लगाकर सभी की जान बचाई, उसे तैरना तक नहीं आता था, लेकिन डूबते हुए बच्चों में उसे अपनी बेटी दिखाई दी, तो तुरंत नहर में छलांग लगा दी।
मौके पर पहुंचे स्थानीय लोग और रेस्क्यू टीम
घटना की जानकारी मिलते ही नौजवान वेलफेयर सोसायटी के स्वयंसेवक, स्थानीय लोग और पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गए। क्रेन की मदद से कार को बाहर निकाला गया और सभी सवारों को सुरक्षित बचा लिया गया।
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हालांकि, एक बच्ची की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिसे सिविल अस्पताल, बठिंडा में भर्ती कराया गया है। परिवार बस्ती नंबर 6, गांव बीड़ तालाब का निवासी है। यह परिवार किसी पारिवारिक कार्यक्रम से लौट रहा था, जब यह हादसा हुआ।
जन्मदिन पर 11 जानें बचाईं
नहर में डूब रहे कार सवार 11 लोगों को बचाने वाले पंजाब पुलिस के जांबाज़ कर्मी जसवंत सिंह का बुधवार को ही जन्मदिन था। जब यह हादसा हुआ, तो वह अपने पॉइंट पर तैनात था। इसी दौरान उसने देखा कि एक कार नहर में गिर गई और उसमें बच्चे व बड़े शामिल थे, जो बचाओ-बचाओ का शोर मचा रहे थे।
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जसवंत सिंह ने बताया कि जब बच्चों की आवाज उसके कान में पहुंची, तो उन बच्चों में उसे अपनी बेटी दिखाई दी। इस कारण बिना कुछ सोचे-समझे नहर में छलांग लगाकर सभी बच्चों एवं बड़ों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
भावनाओं की ताक़त बनी हिम्मत
जसवंत ने बताया कि उसे तैरना नहीं आता था, लेकिन उसके दिमाग में चल रहा था कि उसकी बच्ची नहर में डूब रही है, जिसे हर हाल में बचाना है। उन्होंने बताया कि अपने जन्मदिन पर इससे बड़ा और क्या काम हो सकता है।
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