हर बार की तरह इस बार भी खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को शैतानी हरकतें करने की धमकी जारी की है। खालिस्तानी दुष्प्रचार और उपद्रव करने वाले ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) संगठन का कर्ताधर्ता पन्नू भारत विरोधी बयानबाजी कर रहा है। उसने धमकी दी है कि वह अमेरिका में भारतीय दूतावास के बाहर तिरंगा जलाएगा और उसके दो दिन बाद यानी 17 अगस्त को खालिस्तान के समर्थन में ‘जनमत संग्रह’ का आयोजन करेगा। पन्नू की यह नई हरकत न केवल भारत की संप्रभुता को चुनौती देती है, बल्कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश भी कर रहा है।
पन्नू ने एक वीडियो जारी करके कहा है कि ‘आने वाली 15 अगस्त का दिन सिखों और पंजाब के लिए स्वतंत्रता का दिन नहीं है’। उसने तिरंगा जलाने की धमकी देते हुए इसे 1984 के दंगों से जोड़ा, जिसमें कांग्रेस के कार्यकताओं ने इंदिरा गांधी की हत्या का बदला लेने के लिए हजारों निर्दोष सिखों की जान ले ली थी। पन्नू लंबे समय से दुष्प्रचार करता आ रहा है कि ‘भारत सरकार ने सिखों के साथ अन्याय किया है और अब खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह जरूरी है’। इस तरह की बयानबाजी का उद्देश्य भारत के खिलाफ नफरत फैलाना, सिख समुदाय को भड़काना और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के नाम पर बट्टा लगाना ही है। पन्नू गुरुद्वारों, दूतावास या राह चलते लोगों को कई तरह के पर्चे भी बांटता रहता है, जिसमें भारत के लिए अपमानजनक शब्दों के अलावा धमकियां छपी होती हैं।

इसी पन्नू ने ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ नाम से संगठन चला रखा है। कई गुरुद्वारों की प्रबंध समितियों में अपने कथित बाहुबल से घुसपैठ करके अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप में खालिस्तान समर्थकों को जुटाने की नौटंकी करके ‘जनमत संग्रह’ के दिखावे करता रहा है। ये तथाकथित ‘जनमत संग्रह’ और कुछ नहीं, भाड़े के या सिख पंथ के नाम पर मासूम सिखों को झांसा देकर जुगाड़े 100—150 लोग होते हैं, जो किसी गुरुद्वारे के बाहर इकट्ठे होकर खालिस्तानी नारेबाजी करते हैं। कभी यह पन्नू किसी भारतीय विमान को बम धमाके से उड़ाने की धमकियां देता फिरता है। उसकी कुल जमा कोशिश यही रहती है कि कैसे भी भारत की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान पहुंचाया जाए।
अनेक जानकारों का मानना है कि पन्नू और कुछ नहीं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का खड़ा किया उपद्रवी है जो पाकिस्तान के दिए पैसों पर पाकिस्तानी एजेंडे पर चलते हुए भारत और भारत सरकार के लिए अनाप—शनाप बोलता रहता है। अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया जैसे देशों में उसकी ये हरकतें ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ के नाम पर अनदेखी की जाती रही हैं जिससे उसे शह मिलती रही है।
भारत सरकार ने SFJ को पहले से ही प्रतिबंधित कर रखा है और पन्नू को आतंकवादी घोषित किया हुआ है। भारत की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क रहते हुए इसकी हर धमकी की जांच करती हैं। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के आसपास को उसकी धमकियां बढ़ जाती हैं। लेकिन तो भी विदेशों में स्थित भारतीय दूतावासों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के जरिए पन्नू की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
नि:संदेह खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू की बयानबाजी सिख समुदाय के भीतर विभाजन पैदा करने की कोशिश की तरह है। सिख पंथ के अनुयायी भारत भक्त हैं और पन्नू का खुलकर प्रतिकारी भी करते हैं। 1984 के दंगों की त्रासदी को राजनीतिक हथियार बनाकर वर्तमान पीढ़ी को भड़काना पन्नू की एक खतरनाक चाल है जिसके चक्क्र में वह उग्र युवाओं को फांसता आ रहा है।
Delhi-based journalist with 25+ years of experience, covering India and abroad. Interests include foreign relations, defense, socio-economic issues, diaspora, and Indian society. Enjoys reading and watching documentaries on travel, history, geopolitics, and wildlife.
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