लखनऊ । विश्व हिंदू रक्षा परिषद के लखनऊ कार्यालय में आज लव जिहाद और ज़मीन जिहाद के पीड़ितों ने अपनी आपबीती साझा की। गाज़ियाबाद के बालूपुरा मोहल्ले के एक किसान आज़ाद सिंह की 22 वर्षीय बेटी लव जिहाद का शिकार हो गई है।
आज़ाद सिंह ने बताया कि उन्होंने 2 अप्रैल 2025 को थाना कोतवाली नगर, गाज़ियाबाद में अपनी बेटी पूजा के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट दर्ज होने के चार महीने बाद भी पूजा का अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है।
“छांगुर” नाम की लगातार चर्चा
पीड़िता के पिता आज़ाद सिंह का कहना है कि उनकी बेटी पूजा अकसर “छांगुर” का नाम लिया करती थी और कहती थी कि उसे पुणे जाना है। उन्हें शक है कि पूजा एक सुनियोजित इस्लामी कन्वर्जन रैकेट का शिकार हुई है।
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पूजा को जाकिर खान नामक युवक ने अपने प्रेमजाल में फंसा लिया था। वह गाज़ियाबाद के अर्थला और दादरी की दरगाहों में जाया करती थी। परिजनों द्वारा मना करने पर ज़हर खाने की धमकी भी देती थी।
छांगुर नेटवर्क से जुड़ी आशंकाएं
गौरतलब है कि हाल ही में छांगुर के कन्वर्जन नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। आज़ाद सिंह का कहना है कि उनकी बेटी को भी इस नेटवर्क का हिस्सा बनाकर अगवा किया गया है। उन्होंने मांग की है कि इस पूरे मामले की विशेष जांच करवाई जाए और मुख्य साजिशकर्ताओं पर कड़ी कार्रवाई हो।
ज़मीन जिहाद का मामला : धूम मानिकपुर, दादरी
गौतम बुद्ध नगर जनपद के तहसील दादरी अंतर्गत ग्राम धूम मानिकपुर से ज़मीन जिहाद, अतिक्रमण और कन्वर्जन की एक सुनियोजित साजिश का मामला सामने आया है।
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श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, उनके जेठ राजू वर्मा, और देवर लोकेश वर्मा उर्फ पप्पू ने आरोप लगाया है कि खसरा संख्या 840 की भूमि, जिसे उनके पूर्वजों ने 1963 में बैनामा लेकर खरीदा था, पर 1993 के बाद से मजहबी कब्ज़ा और दरगाह निर्माण का प्रयास किया गया।
बाबरी विध्वंस के बाद उत्पीड़न के आरोप
आरोप है कि बाबरी विध्वंस के बाद मुस्लिम समुदाय के नफीस, नसरू और अन्य 20 अज्ञात व्यक्तियों ने इस भूमि को “हमारी दरगाह” घोषित कर दिया। इस दौरान वहाँ बने देवताओं की मूर्तियों को तोड़ा गया और विरोध करने पर धमकियाँ दी गईं।
विरोध करने पर हत्या का आरोप
लक्ष्मी वर्मा का दावा है कि जब उनके जेठ राजकुमार उर्फ त्रिलोक चंद वर्मा ने इसका विरोध किया, तो 2007 में उनकी हत्या कर दी गई और इसे रेलवे ट्रैक पर आत्महत्या का रूप दे दिया गया।
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हाल के वर्षों में इस अवैध दरगाह पर छांगुर नामक संदिग्ध व्यक्ति की उपस्थिति देखी गई है, जिसकी छवियाँ सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं। छांगुर के साथ एक युवती और कई बार सिख महिलाओं की उपस्थिति भी दर्ज की गई है।
मजहबी कट्टरता और कन्वर्जन के प्रयास
शिकायती पत्र में आरोप लगाया गया है कि इस दरगाह के माध्यम से इस्लामी कट्टरता, मजहबी विस्तार और हिंदू महिलाओं के कन्वर्जन के प्रयास किए जा रहे हैं।
नफीस, नसरू जैसे स्थानीय मौलवियों के साथ-साथ छांगुर और अन्य कट्टरपंथी तत्वों की भी इसमें सक्रिय भूमिका बताई गई है।
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