हिंदू युवतियों के कन्वर्जन का मास्टरमाइंड मौलाना छांगुर उर्फ जलालुद्दीन की लाल डायरी मिली है। यह लाल डायरी उसके भरोसेमंद नीतू उर्फ नसरीन के कमरे से मिली है। माना जा रहा है कि इस लाल डायरी से कई नेता और अफसर बेनकाब होंगे जो छांगुर की मदद कर रहे थे। ऐसा कहा जा रहा है कि यह लाल डायरी कन्वर्जन से जुड़े कई राज खोल सकती है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस लाल डायरी में कई नेताओं के नाम मिले हैं। ये वो नेता हैं जिन्हें छांगुर ने विधानसभा चुनाव के लिए मोटी रकम दी थी। वह इन नेताओं के समर्थन के लिए समय-समय पर लखनऊ भी जाता रहता था। ऐसी जानकारी मिली है कि छांगुर इन नेताओं के प्रचार के लिए पानी की तरह पैसा बहाता था। इन्हीं का संरक्षण उसे मिला हुआ था। इन नेताओं के कार्यक्रमों का खर्च छांगुर अपनी जेब से भरता था। गिरफ्तारी से पहले वह कई जलसों में पुलिस अधिकारियों को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाता था।
मीडिया रिपोर्ट मे जांच के हवाले से कहा गया है कि छांगुर के एक पूर्व आईपीएस अधिकारी से करीबी रिश्ते थे। जांच में यह सामने आया है कि छांगुर को हिंदुओं के अवैध कन्वर्जन के खेल में पुलिस अफसरों और प्रशासन का संरक्षण मिला हुआ था। यह भी कहा जा रहा है कि पिछले 10 सालों में बलरामपुर जिले की राजनीति में छांगुर की पैठ बढ़ती जा रही थी। वह लोकसभा और विधानसभा चुनावों में सक्रिय रहता था और कई प्रत्याशियों को फंडिंग भी करता था। यह भी कहा जा रहा है कि छांगुर इन नेताओं के पक्ष में वोट डालने के लिए अपने अनुयायियों से अपील भी करता था।
नसरीन के कमरे से मिली लाल डायरी में इन नेताओं के नाम शामिल हैं। साल 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों में मौलाना छांगुर ने इन नेताओं को फंडिंग की थी। जांच एजेंसियां अब इस लाल डायरी के जरिए छांगुर के काले कारनामों पर कई खुलासा कर सकती है और कई नेता भी इसकी जद में आ सकते हैं। इससे पहले छांगुर की अतीक अहमद के साथ कई तस्वीरें भी वायरल हुई थी।
वहीं, एसटीएफ और एटीएस के बाद ईडी की 12 टीमों ने करीब 13 घंटे तक छांगुर के पूरे साम्राज्य को खंगाला है। कहा जा रहा है कि ईडी के हाथ छांगुर के कन्वर्जन से जुड़े कई दस्तावेज हाथ लगे हैं। नेपाल से हवाला के माध्यम से पैसे मंगाने की भी जानकारी हाथ लगी है। उतरौला में छांगुर के ठिकानों और उसके सहयोगियों के घरों पर छानबीन कर ईडी की टीम उतरौला से लौटी है। छांगुर से जुड़े हुए 10 लागों से पूछताछ की गई है। गौरतलब है कि छांगुर हिंदुओं के कन्वर्जन के जरिए मुस्लिम आबादी को बढ़ाना चाहता था। वह अपने बाद अपने बेटे को कन्वर्जन गिरोह का मुखिया बनाना चाहता था। कन्वर्जन के लिए उसे विदेशों से 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की फंडिंग हुई थी। जिसमें 300 करोड़ रुपये नेपाल के जरिए छांगुर के पास पहुंचे थे। कन्वर्जन के इस खेल में छांगुर के रिश्तेदार भी उसका साथ दे रहे थे। इससे पहले खुलासा हुआ था कि मौलाना छांगुर ने 1000 से ज्यादा मुस्लिम युवकों की फौज हिंदू युवतियों को प्रेमजाल में फंसाने और कन्वर्जन कराने के लिए तैयार की थी।
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