प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो साभार: लॉ बीट)
Land for Job scam: राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब घोटाले से जुड़े मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। लालू ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उनकी याचिका खारिज हो गई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए ट्रायल कोर्ट में व्यक्तिगत पेशी से छूट दी और दिल्ली हाई कोर्ट को उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई करने का निर्देश दिया।
यह मामला 2004 से 2009 का है, जब लालू यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे। सीबीआई का आरोप है कि उस दौरान रेलवे में ग्रुप डी की नौकरियों में गड़बड़ी हुई। जबलपुर (मध्य प्रदेश) में नियुक्तियों के बदले उम्मीदवारों या उनके परिवारों से जमीन लालू के परिवार या करीबियों के नाम पर ली गई। सीबीआई ने 2022 में लालू, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। इसके बाद 2022, 2023 और 2024 में तीन चार्जशीट दाखिल की गईं।
18 जुलाई 2025 को जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने लालू की याचिका पर सुनवाई की। लालू ने कहा कि सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत जरूरी स्वीकृति नहीं ली, इसलिए जांच गैरकानूनी है। उन्होंने इसे “राजनीतिक साजिश” और “बदले की कार्रवाई” बताया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के 29 मई 2025 के फैसले में दखल देने से मना कर दिया, जिसमें कहा गया था कि कार्यवाही रोकने का कोई ठोस कारण नहीं है। कोर्ट ने कहा, “हम इस छोटे से मामले को क्यों रोकें? दिल्ली हाई कोर्ट में अपनी बात रखें।” साथ ही, हाई कोर्ट को जल्द सुनवाई का आदेश दिया।
इसे भी पढ़ें: मद्रास हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: “जाति इंसानों की बनाई, भगवान सबके लिए एक”
लालू का कहना है कि सीबीआई ने 14 साल बाद पुराने मामले को फिर से खोला, जबकि पहले इसे बंद कर दिया गया था। उनके वकील कपिल सिबल ने तर्क दिया कि बिना स्वीकृति के जांच शुरू करना लालू के निष्पक्ष जांच के अधिकार का हनन है। लालू इसे अपनी छवि खराब करने की साजिश मानते हैं।
सीबीआई के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी इस मामले की जांच कर रहा है। ईडी ने लालू, उनके बेटे तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू और उनके बेटों को जमानत दी थी। सीबीआई का दावा है कि उसने गृह मंत्रालय से जरूरी स्वीकृति ले ली है।
सुप्रीम कोर्ट ने लालू को ट्रायल कोर्ट में पेशी से छूट दी, लेकिन केस की कार्यवाही जारी रहेगी। दिल्ली हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी। यह मामला बिहार की सियासत में हलचल मचा रहा है, क्योंकि लालू एक बड़े नेता हैं। यह केस न सिर्फ कानूनी, बल्कि राजनीतिक रूप से भी चर्चा में है।
Leave a Comment