अगर आप समोसे, पकौड़े और जलेबी जैसे तले लजीज व्यंजन खाने के शौकीन हैं तो सावधान हो जाइए। एक तेल में कई बार तली गई चीज को खाने से मोटापा और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। इसको देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत जायकेदार चीजों को बेचने वालों को इनमें मौजूद कैलोरी और शुगर की जानकारी देनी होगी। यानी उन्हें लड्डू, वड़ा पाव, पकौड़ा, समोसा, जलेबी जैसी चीजों पर ऑयल और शुगर की चेतावनी वाले चमकीले पोस्टर लगाने होंगे। यह याद दिलाने का काम करेंगे कि आप जो स्नैक्स खा रहे हैं उसमें कितना फैट और शुगर है।
जोखिम पर खानी होंगी जायकेदार चीजें
इस बात को आसानी से समझें, जिस प्रकार सिगरेट और तंबाकू के पैकेट्स पर चेतावनी लिखी होती, ‘धूम्रपान से कैंसर हो सकता है या तंबाकू जानलेवा है’ इसके बावजूद लोग इसे अपने जोखिम पर खाते और पीते हैं। इसी तरह अब खाने-पीने की चीजों पर पर भी यह चेतावनी देखने को मिलेगी। इसे खाना और न खाना आप पर निर्भर करेगा।
2050 में करीब 44.9 करोड़ लोगों के मोटापे से ग्रस्त होने की आशंका
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव द्वारा सभी मंत्रालयों और सरकारी विभागों को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि विभिन्न परिस्थितियों में स्वस्थ आहार संबंधी आदतों को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है। ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज अध्ययन का हवाला देते हुए सचिव ने अपने पत्र में आगे कहा कि भारत में मोटे और अधिक वजन वाले युवाओं की संख्या 2021 में करीब 18 करोड़ थी, जो वर्ष 2050 में करीब 44.9 करोड़ हो जाने का अनुमान है। इससे भारत दूसरा सबसे अधिक वैश्विक बोझ वाला देश बन जाएगा। वहीं, मोटापा और गंभीर बीमारियों पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र भी अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में लोगों से कम तेल और कम चीनी का उपयोग करने को कह चुके हैं।
बदलते खानपान पर नियंत्रण जरूरी
एक व्यक्ति को प्रतिदिन 27 से 30 ग्राम वसा का सेवन करना चाहिए। वहीं युवाओं को प्रतिदिन 25 ग्राम से ज्यादा और बच्चों को 20 ग्राम से ज्यादा चीनी का सेवन नहीं करना चाहिए। सॉफ्ट ड्रिंक्स, चॉकलेट, गुलाब जामुन और फ्लेवर्ड जूस में अधिक मात्रा में शुगर होने के कारण कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। द लैंसेट की रिपोर्ट के मुताबिक 1990 में भारत में करीब 1.5 करोड़ पुरुष और 2.1 करोड़ महिलाएं मोटोपे से ग्रस्त थे। 2021 तक ये आंकड़ा काफी तेजी से बढ़ा और 8.1 करोड़ पुरुष और 9.8 करोड़ महिलाएं मोटापे से ग्रस्त पाए। अगर लोगों ने अपने बदलते खानपान पर नियंत्रण नहीं रखा तो वर्ष 2050 तक 21.8 करोड़ पुरुष और 23.2 करोड़ महिलाओं के मोटापे से ग्रस्त होने की आशंका है।
महिलाएं मोटापे से अधिक ग्रस्त
एक अध्ययन में पुरुषों की तुलना में मोटापे से ग्रस्त महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। भारत में विवाहित महिलाओं में मोटापा 1998-99 के 5 प्रतिशत से तीन गुना बढ़कर 2019-21 में 16 प्रतिशत हो गया है।
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