जलालुद्दीन उर्फ छांगुर कैसे संगठित तरीके से हिंदुओं का कन्वर्जन (forced religious conversion in India) कराता था। कैसे वह इस गिरोह का मास्टर माइंड बना। पाञ्चजन्य ने वर्ष 2022 में अपनी रिपोर्ट (अस्पताल या कन्वर्जन का अड्डा ? जलालुद्दीन ने दी SC मजदूरों को इस्लाम की दावत, विरोध पर ठेकेदार को जेल भेजने की धमकी) में छह उंगलियों वाले जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के कन्वर्जन सिंडिकेट, अवैध जमीन कब्जे और विदेशी पैसे के गोरखधंधे का भंडाफोड़ किया था।
आईपीएस अमिताभ यश की अगुआई में यूपी एसटीएफ ने छांगुर और उसके नेटवर्क पर बिना किसी शोर-शराबे के शिकंजा कसा, सबूत जुटाए और उसे धर दबोचा, एसटीएफ की कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि गजवा-ए-हिंद जैसे खतरनाक कन्वर्जन अभियानों की अब उत्तर प्रदेश में कोई जगह नहीं है। मुख्य सरगना जलालुद्दीन उर्फ मौलाना छांगुर, इस समय यूपी एटीएस की रिमांड (Uttar Pradesh ATS custody) में है और प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की भी निगाहें उस पर टिकी हैं।
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अब तक की जांच में सामने आया है कि (Islamic conversion through love jihad) मौलाना छांगुर ने करीब 1500 हिंदू लड़कियों का कन्वर्जन (conversion of Hindu girls) कराया, और इस काम में भारी विदेशी फंडिंग का इस्तेमाल किया गया। ईडी (ED raid on conversion racket) को मौलाना के 30 में से 18 बैंक खातों की जानकारी मिल चुकी है, जिनमें लगभग 68 करोड़ रुपये की लेन-देन की पुष्टि हुई है। इन खातों में से केवल पिछले तीन महीनों में ही सात करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग (foreign funding for conversion) दर्ज की गई है।
यह फंडिंग (spiritual activities cover for conversion) कई अलग-अलग देशों से छोटे-बड़े ट्रांजेक्शन के ज़रिए भारत भेजी गई थी। जांच एजेंसियों को संदेह है कि यह पैसा हवाला या मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए भारत में पहुंचा और इसका असली उद्देश्य मतांतरण (illegal religious conversion operations in India) का जाल फैलाना था। मौलाना छांगुर ने इस फंडिंग को अपने कथित “रूहानी” कार्यों के लिए दिखाया था, लेकिन अब एजेंसियां यह पड़ताल कर रही हैं कि यह पैसा वास्तव में कहां और कैसे खर्च हुआ। (property details, income tax records, fake trusts and money trail)
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ईडी ने मौलाना की संपत्तियों, आयकर रिटर्न, लेनदेन से जुड़े दस्तावेजों और ट्रस्टों की गहन जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, कई संपत्तियां मौलाना ने फर्जी ट्रस्ट (benami accounts and fake religious NGOs) और करीबी साथियों के नाम पर खरीद रखी हैं, लेकिन वास्तविक नियंत्रण उन्हीं के पास है। जांच एजेंसियों को शंका है कि यह पूरा नेटवर्क हवाला (conversion funding through hawala channels) के तहत काम करता था।
बाकी बचे हुए 12 खातों की जानकारी भी ईडी को जल्द मिलने की संभावना है, जिसके बाद जांच की रफ्तार और तेज हो जाएगी। (international money laundering angle) जानकारों का मानना है कि ईडी आने वाले दिनों में बड़ा एक्शन ले सकती है। (ED major crackdown on religious conversion racket)
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फिलहाल यूपी एटीएस मौलाना से रिमांड पर पूछताछ (Conversion mafia kingpin) कर रही है और ईडी की टीमें उसके वित्तीय नेटवर्क को खंगाल रही हैं। छांगुर के खिलाफ सबूतों की परतें खुल रही हैं और निकट भविष्य में (multiple arrests and property seizures) कई और बड़े खुलासे सामने आने की संभावना है।
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