भारत सरकार ने नौकरीपेशा लोगों को राहत देने के लिए EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) के नियम आसान कर दिए हैं। अब ईपीएफओ सदस्यों के लिए अपने पीएफ खाते से पैसा निकालना पहले से कहीं अधिक आसान हो जाएगा, खासकर यदि वे घर खरीदना चाहते हैं या किसी जरूरी काम के लिए धन की जरूरत है।
नया घर खरीदने वालों को बड़ी राहत- EPF स्कीम के तहत पैरा 68-PD में बदलाव किया गया है। अब यदि कोई कर्मचारी नया घर खरीद रहा है, घर का निर्माण करवा रहा है या किसी मौजूदा घर की ईएमआई भर रहा है, तो वह अपने पीएफ खाते से कुल जमा राशि का 90% तक पैसा निकाल सकता है। पहले यह सीमा 36 महीने की जमा राशि तक सीमित थी लेकिन अब यह सीमा हटाकर 90% कर दी गई है।
पहले कोई भी सदस्य अपने पीएफ खाते से पैसा निकालने के लिए कम से कम 5 साल की सदस्यता पूरी करना जरूरी होता था। लेकिन नए नियम के अनुसार अब सिर्फ 3 साल बाद ही सदस्य पैसे निकाल सकते हैं। इसका सीधा फायदा उन कर्मचारियों को मिलेगा जो हाल ही में नौकरी में आए हैं और घर खरीदने या बनवाने की योजना बना रहे हैं। जून 2025 से एक और अहम बदलाव लागू होगा। अब किसी भी आपात स्थिति जैसे गंभीर बीमारी, दुर्घटना या आर्थिक संकट में कर्मचारी अपने पीएफ खाते से UPI या ATM के जरिए तुरंत 1 लाख रुपये तक निकाल सकेंगे। इससे जरूरत के समय पैसे जल्दी मिल जाएंगे और परेशानी नहीं होगी।
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पहले पीएफ का ऑटो सेटलमेंट (स्वतः निपटान) केवल 1 लाख रुपये तक की राशि के लिए ही संभव था। लेकिन अब इस लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। यानी अब पीएफ से संबंधित दावे और भुगतान बड़ी रकम के लिए भी जल्दी निपटाए जा सकेंगे।अब तक पीएफ का पैसा निकालने के लिए 27 अलग-अलग सत्यापन मापदंडों को पूरा करना पड़ता था, जिससे प्रक्रिया काफी जटिल हो जाती थी। लेकिन अब इन मापदंडों की संख्या घटाकर सिर्फ 18 कर दी गई है। इससे पीएफ निकालने की प्रक्रिया सरल और तेज हो जाएगी। अब शादी, इलाज और उच्च शिक्षा जैसे कारणों से भी पीएफ से पैसे निकालना पहले से आसान हो गया है। कई बार इन जरूरी कामों में पैसों की तंगी आ जाती है लेकिन अब पीएफ से पैसे निकालना सरल होने के कारण कर्मचारियों को राहत मिलेगी।
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