हाल ही में अमेरिका की जांच एजेंसी FBI ने कैलिफोर्निया में 8 खालिस्तानी आतंकियों को गिरफ्तार कर एक बड़ा ऑपरेशन किया। इनमें से एक आतंकी भारत की NIA की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल है। यह कार्रवाई न सिर्फ अमेरिका में अपराध के खिलाफ कड़ा कदम है, बल्कि भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते सुरक्षा सहयोग को भी दिखाता है।
क्या हुआ सैन जोक्विन में?
11 जुलाई 2025 को कैलिफोर्निया के सैन जोक्विन काउंटी में FBI और स्थानीय SWAT टीमों ने मिलकर एक बड़ा ऑपरेशन चलाया। स्टॉकटन, मंटेका और स्टानिस्लॉस काउंटी की टीमें भी शामिल थीं। इस कार्रवाई में 8 भारतीय मूल के लोग पकड़े गए, जो खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से जुड़े थे। FBI ने इसे “समर हीट” अभियान का हिस्सा बताया, जिसका मकसद हिंसक गैंग्स और अपराधियों को पकड़ना है। ऑपरेशन में 5 पिस्तौल, एक असॉल्ट राइफल, सैकड़ों गोलियां और 15,000 डॉलर से ज्यादा नकदी जब्त की गई।
कौन है मुख्य आरोपी?
गिरफ्तार लोगों में पवित्र सिंह बटाला का नाम सबसे अहम है। वह NIA की मोस्ट वांटेड लिस्ट में है और पंजाब में कई आतंकी घटनाओं में शामिल रहा है। वह पाकिस्तान में बसे BKI आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा के साथ मिलकर भारत में पुलिस चौकियों, धार्मिक स्थलों और बड़े लोगों को निशाना बनाने की साजिश रच रहा था। बाकी पकड़े गए लोगों पर भी अपहरण, यातना, गैरकानूनी कैद और हथियारों से जुड़े गंभीर आरोप हैं।
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भारत-अमेरिका का मजबूत सहयोग
यह कार्रवाई भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते सहयोग का नतीजा है। खासकर जब से कश पटेल FBI के निदेशक बने हैं, दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम कर रहे हैं। इससे पहले अप्रैल 2025 में FBI ने BKI के एक और आतंकी हरप्रीत सिंह को पकड़ा था। NIA और पंजाब पुलिस की सूचनाओं की वजह से यह ऑपरेशन कामयाब हुआ। अब भारत बटाला को प्रत्यर्पण के जरिए देश लाने की कोशिश करेगा, ताकि उसे भारतीय कानून के तहत सजा दी जा सके।
खालिस्तानी आंदोलन
खालिस्तान आंदोलन का मकसद पंजाब में एक अलग सिख राष्ट्र बनाना है। 1980 के दशक में यह आंदोलन चरम पर था, और BKI जैसे संगठन हिंसा फैलाने में शामिल रहे। भारत ने BKI को आतंकी संगठन घोषित किया है, और इसे पाकिस्तान की ISI से भी जोड़ा जाता है। आजकल ये आतंकी विदेशों में, जैसे अमेरिका और कनाडा में, सोशल मीडिया के जरिए अपनी गतिविधियां चला रहे हैं। FBI की यह कार्रवाई उनके लिए बड़ा झटका है।
जानकारों का कहना है कि यह ऑपरेशन खालिस्तानी आतंकियों के लिए करारा जवाब है। यह भारत-अमेरिका सहयोग को और मजबूत करेगा और पंजाब में शांति बनाए रखने में मदद करेगा। लेकिन चुनौतियां बाकी हैं। विदेशों में बसे खालिस्तानी समर्थक अब भी सक्रिय हैं। भारत को NIA और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर इनके नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करना होगा।
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