केरल

केरल की निमिषा प्रिया को यमन में फांसी पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई, केंद्र से जवाब तलब

केरल की नर्स निमिषा प्रिया को यमन में हत्या के मामले में फांसी की सजा का सामना करना पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है और 'ब्लड मनी' के जरिए सजा कम करने की संभावना पर विचार कर रहा है।

Published by
Kuldeep Singh

यमन में कथित हत्या के मामले में फांसी की सजा का सामना कर रही केरल की निमिषा प्रिया (37) को बचाने वाली याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने आज सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने भारत के अटार्नी जनरल को एक नोटिस जारी कर निमिषा प्रिया की याचिका पर केंद्र सरकार के जबाव तलब किया है।

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, केरल की निमिषा प्रिया को हत्या के मामले में यमन में मौत की सजा हुई है। उन्हें 16 जुलाई को फांसी की सजा दी जानी है। ऐसे में निमिषा प्रिया के वकील ने भारत के सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष याचिका दायर कर तत्काल सुनवाई की मांग की थी।

प्रिया के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि भारत सरकार प्रिया का बचाव करने के लिए कांसुलर एक्सेस के जरिए बातचीत कर सकती है। वकील का कहना था कि शरिया कानून के अंतर्गत यमन में ‘रक्त धन’ वार्ता का विकल्प उपलब्ध है, जिससे प्रिया की सजा तो कम हो ही सकती है। इन दलीलों को सुनने के बाज शीर्ष अदालत ने इस मामले को सोमवार को सुनवाई के लिए लिस्टेड कर लिया है। इस मामले पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने की।

8 साल पुराना है मामला

निमिषा प्रिया केरल के पलक्कड़ जिले के कोलेनगोड़े की रहने वाली हैं। वह यमन में एक नर्स हैं। जुलाई 2017 में उन पर अपने ही बिजनेस पार्टनर की हत्या का आरोप लगा और बाद में 2020 में अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए शरिया के तहत मौत की सजा सुनाई गई। उन्होंने सजा के खिलाफ अपील की थी, लेकिन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने वर्ष 2023 में इसे खारिज कर दिया था। वह वर्तमान में राजधानी सना की जेल में बंद हैं।

भारत सरकार प्रिया को बचाने की कोशिशों में लगी

बहरहाल, भारत सरकार अलग-अलग स्तरों पर प्रिया को बचाने की कोशिशों में पहले से ही लगी हुई है। पीटीआई ने एक सरकारी सूत्र के हवाले से लिखा कि सरकार लगातार इस मामले पर नजर बनाए हुए है। इसके साथ ही अधिकारी नर्स के परिजनों के संम्पर्क में भी हैं। सरकार ने पहले ही दियात यानी कि ब्लड मनी देकर प्रिया को बचाने की कोशिशें कर चुकी है, लेकिन उसमें भी कहीं न कहीं दिक्कत आ रही है।

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