"एक आंदोलन जो छात्र नहीं, राष्ट्र निर्माण करता है"
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

“एक आंदोलन जो छात्र नहीं, राष्ट्र निर्माण करता है”

1949 में स्थापित ABVP आज सिर्फ छात्र संगठन नहीं, बल्कि शिक्षा, संस्कृति और नेतृत्व विकास का एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन है। जानिए कैसे यह संगठन भारत के पुनरुत्थान की मशाल बना। जानें इसकी प्रेरक यात्रा...

by अभिनव मिश्र
Jul 9, 2025, 05:25 pm IST
in भारत, मत अभिमत, दिल्ली
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

साल था 1949, भारत ने अभी-अभी स्वतंत्रता की हवा महसूस की थी। संविधान सभा में लोकतंत्र का नया खाका खींचा जा रहा था। एक ओर देश की नियति लिखी जा रही थी, और दूसरी ओर कुछ युवाओं ने एक विचार का बीज बोया – ऐसा विचार जो छात्र राजनीति को राष्ट्र निर्माण से जोड़ दे। यही वह क्षण था जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जन्म लिया।

इस परिषद की बुनियाद केवल छात्रहित तक सीमित नहीं थी। इसकी आत्मा भारत की मिट्टी, उसकी संस्कृति, उसकी अस्मिता और उसकी भावी पीढ़ियों से जुड़ी थी। पहले ही कदम पर इस संगठन ने राष्ट्रभाषा हिंदी और ‘वंदे मातरम्’ को राष्ट्रगीत घोषित करने की मांग रखी – एक साहसिक पहल, जो उस समय यह संकेत दे रही थी कि यह संगठन शिक्षा से आगे जाकर राष्ट्रीय चेतना का वाहक बनने वाला है।

समय बदला, चुनौतियाँ बदलीं, पर उद्देश्य नहीं बदला

साल दर साल बीतते गए। पीढ़ियाँ बदलीं। लेकिन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की दिशा वही रही – भारत के लिए समर्पित, छात्रों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण। आज जब देश के परिसरों में अवसाद, तनाव और निराशा की गूंज सुनाई देती है, तब ABVP की आवाज युवाओं को प्रेरित करती है – “तुम्हारा जीवन व्यर्थ नहीं, यह भारत के पुनरुत्थान का आधार है।”

जहाँ शिक्षा, वहाँ संवाद : जहाँ छात्र, वहाँ सार्थकता

अभाविप ने शिक्षा को केवल पुस्तकों की सीमाओं से नहीं बाँधा। उसने स्वाध्याय मंडलों के माध्यम से चिंतन को प्रोत्साहित किया, राष्ट्रीय कला मंच के ज़रिए रचनात्मकता को दिशा दी, और कुटुंब प्रबोधन द्वारा छात्रों को अपने सामाजिक परिवेश से जोड़ने का प्रयास किया।
अभाविप का मानना रहा – यदि शिक्षक और विद्यार्थी के बीच समन्वय हो जाए, संवाद हो जाए, तो परिसर संस्कार का केंद्र बन जाता है।

यह भी पढ़ें – राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस : युवा शक्ति के संगठन ABVP का प्रेरक सफर

यही कारण है कि ABVP सिर्फ शिक्षा की नहीं, शिक्षा संस्कृति की बात करती है। एक ऐसी संस्कृति जिसमें छात्र केवल नौकरी पाने की दौड़ में नहीं, बल्कि अपने भीतर राष्ट्र के लिए कुछ करने की प्रेरणा लेकर उठता है।

एक भारत, श्रेष्ठ भारत की जीवंत कल्पना

आज जब पूर्वोत्तर भारत की युवा पीढ़ी देश के अन्य हिस्सों से खुद को अलग-थलग महसूस करती है, तब ABVP सील प्रकल्प के माध्यम से उन्हें भारत के कोने-कोने से जोड़ती है। यह केवल एक प्रकल्प नहीं, एक भारत श्रेष्ठ भारत की कल्पना को साकार करने का माध्यम है।

आने वाले समय की कल्पना

एबीवीपी जानती है कि आने वाला समय चुनौतियों से भरा होगा। पश्चिमी सोच के प्रभाव, मानसिक अस्थिरता, सांस्कृतिक विच्छेदन और शिक्षा की गिरती गुणवत्ता – यह सब युवा पीढ़ी के सामने विकराल रूप में उपस्थित हैं। पर अभाविप का संकल्प है अडिग। वह छात्रों में नेतृत्व क्षमता को जगाना चाहती है, भारतीय ज्ञान परंपरा को फिर से शिक्षा के केंद्र में लाना चाहती है, और विकास की उस अवधारणा को स्थापित करना चाहती है जो केवल भौतिक न होकर टिकाऊ, नैतिक और राष्ट्रोन्मुखी हो।

एक दीप से अनेक दीप जलते हैं

आज देश के अलग-अलग कोनों में, प्रशासन, शिक्षा, विज्ञान, कला, साहित्य, सेवा – हर क्षेत्र में ABVP के पूर्व कार्यकर्ता अपनी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने नारा नहीं दिया, उन्होंने कार्य किया। जब कई छात्र संगठन परिसरों में केवल राजनीतिक बहसों में उलझकर निष्प्रभावी हो रहे हैं, तब ABVP अपनी सकारात्मक कार्यपद्धति से युवाओं के बीच विश्वास और दिशा का प्रतीक बनकर उभर रही है।

यह भी पढ़ें – ABVP की सदस्यता का आंकड़ा 55 लाख के पार, दुनिया का सबसे बड़ा छात्र संगठन ने तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड

77 वर्षों की यह यात्रा केवल इतिहास नहीं, यह भविष्य की भूमिका है। एक ऐसी भूमिका, जिसमें छात्र आंदोलन केवल मांग नहीं करता, बल्कि निर्माण करता है – विचारों का, मूल्यों का, और भारत के उज्ज्वल भविष्य का।

इसलिए, जब अगली बार आप किसी विद्यार्थी को परिसर में या रचनात्मक गोष्ठी में भाग लेते देखें – तो समझिए, वह केवल छात्र नहीं, भारत के पुनरुत्थान की कहानी का वाहक है।

लेखक – राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद सदस्य एवं केंद्रीय मीडिया टोली सदस्य, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

Topics: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषदAkhil Bharatiya Vidyarthi ParishadABVP इतिहासABVP स्थापनाABVP छात्र संगठनABVP राष्ट्र निर्माणABVP 77 वर्षABVP विचारधाराABVP Vision for India
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

एबीवीपी का 77वां स्थापना दिवस: पूर्वोत्तर भारत में ABVP

एबीवीपी की राष्ट्र आराधना का मौलिक चिंतन : ‘हर जीव में शिव के दर्शन करो’

सफाई अभियान चलाते स्वयंसेवक

रथ यात्रा में सेवा

पुरी रथ यात्रा में स्वयंसेवकों ने पेश की सेवा की मिसाल

इतनी नफरत ! : हिंदू देवताओं की रंगोली को जैर अली ने पैरों से बिगाड़ा, सहायक प्रोफेसर पर FIR दर्ज

अभाविप की ‘सील’ राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा : उपराष्ट्रपति और नितिन गडकरी से प्रतिनिधियों ने की मुलाकात

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वाले 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies