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नेशनल हेराल्ड मामला: सोनिया और राहुल गांधी कोर्ट को कर रहे गुमराह, दी गलत जानकारी, ईडी की बड़ी दलीलें

ईडी ने गांधी परिवार के उस दावे को भ्रामक बताया, जिसमें उनके पास संपत्तियों पर कोई नियंत्रण नहीं होने की बात कही गई थी

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WEB DESK

नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड से जुड़े मामले में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोर्ट में दलील दी कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी न्यायालय को गुमराह कर रहे हैं। करोड़ों रुपये के इस घोटाले की सुनवाई राउज एवेन्यू कोर्ट में हो रही है। स्पेशल जज विशाल गोगने ने ईडी की आगे की जवाबी दलीलें 12 जुलाई को सुनने का आदेश दिया।

ईडी की तरफ अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस वी राजू ने कहा कि सोनिया और राहुल गांधी ने शेयरधारकों को परिसंपत्तियों का हकदार नहीं होने के बारे में गलत बयान दिया है। उन्होंने कंपनी अधिनियम की धारा 25 का हवाला दिया। ईडी ने गांधी परिवार के उस दावे को भ्रामक बताया, जिसमें उनके पास संपत्तियों पर कोई नियंत्रण नहीं होने की बात कही गई थी।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान एएसजी एसवी राजू ने गांधी परिवार की उस दलील का विरोध किया कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) पर उनका कोई नियंत्रण नहीं था। एजेएल ही मूल रूप से नेशनल हेराल्ड की प्रकाशक थी। इस मामले में 5 जुलाई को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील आरएस चीमा ने कहा था कि कांग्रेस ने एजेएल को बेचने की कोशिश नहीं की थी, बल्कि वो इस संस्था को बचाना चाहती थी क्योंकि वो स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा थी।

चीमा ने कहा था कि ईडी एजेएल का मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन क्यों नहीं दिखा रही है। साल 1937 में एजेएल की स्थापना जवाहर लाल नेहरू, जेबी कृपलानी, रफी अहमद किदवई और दूसरे कांग्रेस नेताओं ने की थी। चीमा ने कहा था कि एजेएल के मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएएशन में कहा गया है कि उसकी सभी नीतियां कांग्रेस की होंगी।

3 जुलाई को ईडी की ओर से दलीलें पूरी कर ली गयी थीं। कोर्ट ने 2 मई को इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत सात आरोपितों को नोटिस जारी किया था। ईडी ने 15 अप्रैल को कोर्ट में मनी लांड्रिंग कानून की धारा 44 और 45 के तहत अभियोजन शिकायत दाखिल की थी। ईडी ने इस मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और सैम पित्रोदा को आरोपी बनाया है।

यह है आरोप

सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि दिल्ली में बहादुरशाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस की 1600 करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को एजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया। हेराल्ड हाउस को केंद्र सरकार ने समाचार पत्र चलाने के लिए जमीन दी थी, इस लिहाज से व्यावसायिक उद्देश्य के लिए उसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

(इनपुट – हिंदुस्थान समाचार)

 

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