नई दिल्ली (हि.स.) । दिल्ली हाई कोर्ट ने संयुक्त राष्ट्र की पूर्व सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी के खिलाफ किए गए ट्वीट्स मामले में तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले की ओर से मांगी गयी लिखित माफी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। जस्टिस नवीन चावला की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने साकेत गोखले से कहा कि उनका माफीनामा रिकॉर्ड पर नहीं लिया जाएगा और वे नया माफीनामा दाखिल करें। मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी।
आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि सिंगल बेंच ने अपने आदेश में जो माफीनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था, उसके कंटेंट और साकेत गोखले की ओर से दाखिल माफीनामे के कंटेंट में फर्क है।
सुनवाई के दौरान वकील अमित सिब्बल ने कहा कि साकेत गोखले ने एक्स (पूर्व का ट्विटर) अकाउंट पर माफीनामा मांगने के अलावा बिना शर्त माफीनामा संबंधी हलफनामा भी दाखिल किया है। इसका लक्ष्मी पुरी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने एतराज जताते हुए कहा कि अवमानना के मामले में साकेत गोखले का व्यवहार ठीक नहीं है।
सिंगल बेंच ने 28 मई को साकेत गोखले की ओर से माफी नहीं मांगने पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा था कि अगर साकेत गोखले सार्वजनिक माफी नहीं मांगते तो जेल भी भेजा जा सकता है। इसके पहले 2 मई को कोर्ट ने साकेत गोखले पर लगाए गये 50 लाख रुपये के जुर्माने और सोशल मीडिया पर माफी मांगने के आदेश को वापस लेने की अर्जी खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि साकेत गोखले को जुर्माने का 50 लाख रुपये भरना होगा।
इसके पहले हाईकोर्ट ने 24 अप्रैल को साकेत गोखले पर लगाए गये 50 लाख रुपये के जुर्माने की रकम उनकी सैलरी से वसूलने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा था कि साकेत गोखले की सांसद के रुप में मिल रही सैलरी से हर महीने एक लाख 90 हजार रुपये कोर्ट में तब तक जमा होंगे, जब तक 50 लाख रुपये वसूल नहीं लिए जाते।
हाई कोर्ट ने 1 जुलाई, 2024 के अपने आदेश में साकेत गोखले को निर्देश दिया था कि वो लक्ष्मी पुरी के खिलाफ किए गए अपमानजनक ट्वीट्स के मामले में लक्ष्मी पूरी को 50 लाख रुपये का जुर्माना दें।
हाई कोर्ट ने 1 जुलाई, 2024 को अपने आदेश में साकेत गोखले पर जुर्माना लगाने के साथ एक अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में इस संबंध में अपना माफीनामा छपवाने को भी कहा था।
Leave a Comment