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Operation Sindoor: बेनकाब हुआ चीन, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में ऐसे कर रहा था अपने दोस्त पाक की मदद

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WEB DESK

Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन अपने दोस्त पाकिस्तान की मदद कर रहा था लेकिन भारतीय सेना ने उसके इस प्लान को असफल कर दिया था. इस ऑपरेशन के दौरान चीन, पाकिस्तान को खुफिया जानकारी, सैन्य उपकरण और रणनीतिक सहायता दे रहा था. इस बात का खुलासा भारतीय सेना ने किया है. सेना का कहना है कि पाकिस्तान ने भारत पर जवाबी हमले के लिए जिन हथियारों J-10C, JF-17 फाइटर जेट और PL-15 मिसाइल का इस्तेमाल किया था, वो चीन निर्मित थे.

इस ऑपरेशन के दौरान भारत पर जवाबी हमले के लिए तुर्की के सोंगर ड्रोन का भी इस्तेमाल पाक ने किया था. लेकिन चीन और पाक के नापाक मंसूबे पूरे नहीं हुए और ये हथियार भारतीय सेना के जज्बे और स्वदेशी रक्षा प्रणाली के सामने ध्वस्त हो गये. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना ने पाकिस्तान के 6 फाइटर जेट, 2 निगरानी विमान और कई ड्रोन नष्ट कर दिये थे.

चीन ने पाक को दी रियल-टाइम जानकारी

भारतीय सेना के उप-प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने एफआईसीसीआई ( FICCI) के एक सेमिनार में बताया कि कैसे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन अपने दोस्त पाकिस्तान की मदद कर रहा था. इस ऑपरेशन के दौरान चीन पाकिस्तान के साथ खुफिया जानकारी और निगरानी (ISR) साझा कर रहा था. चीन ने पाकिस्तान को भारतीय सैन्य गतिविधियों की रियल-टाइम जानकारी दी थी. जिसमें भारतीय सैन्य टुकड़ियों की तैनाती और मिसाइल पथों की निगरानी शामिल थी.

चीन ने 5 सैटेलाइट्स से की थी निगरानी

चीन ने पांच सैटेलाइट्स को विशेष रूप से भारतीय सैन्य ठिकानों की निगरानी के लिए तैनात किया था ताकि वो भारतीय वायुसेना और सैन्य गतिविधियों की तस्वीरें और रडार डेटा पाकिस्तान को दे सके. इस ऑपरेशन के दौरान पाक के चीन से केजे-500 एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल विमान खरीदने की पुष्टि हुई थी. यह विमान अपनी क्षमता के हिसाब से 470 किमी तक की दूरी पर लड़ाकू विमानों का पता लगा सकता है. साथ ही 12 घंटे तक 5,700 किमी की उड़ान भर सकता है.

ऑपरेशन सिंदूर की प्रेस ब्रीफिंग

पाक ने किया था चीन के J-10C, JF-17 फाइटर जेट का इस्तेमाल

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने चीन निर्मित J-10C और JF-17 ब्लॉक III फाइटर जेट का इस्तेमाल किया था. ये फाइटर जेट PL-15 बियॉन्ड-विजुअल-रेंज मिसाइल से लैस थे. इसके अलावा पाकिस्तान ने चीन निर्मित HQ-9P और LY-80 वायु रक्षा प्रणालियों का उपयोग भी इस ऑपरेशन के दौरान किया था. लेकिन ये रक्षा प्रणालियां भारतीय हमलों को रोकने की कोशिश में नाकाम रहीं. पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन के दौरान चीन निर्मित CH-4 और विंग लूंग ड्रोन का इस्तेमाल भी किया था. लेकिन भारत के S-400 सिस्टम ने इन्हें नाकाम कर दिया था.

 

भारतीय रक्षा प्रणालियों ने असफल कर दिये थे चीन-पाक के मंसूबे

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाक ने CM-401 हाइपरसोनिक मिसाइल का इस्तेमाल किया था. लेकिन भारतीय रक्षा प्रणालियों ने इन मिसाइलों के साथ ही पाकिस्तान और चीन के नापाक मंसूबों को असफल कर दिया था. इन मिसाइलों का उपयोग पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों पठानकोट और गुरदासपुर पर हमले के लिए किया था. इस ऑपरेशन के दौरान चीन ने भारतीय नौसेना की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए हिंद महासागर में 200 से अधिक “मछली पकड़ने वाली नावें” तैनात की थीं. असल में चीन ने इन नावों के जरिए निगरानी का काम कर रहा था.

गौरतलब है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) के आतंकियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में बेकसूर टूरिस्टों को निशाना बनाया था और इस हमले में 26 लोग मारे गये थे. इस हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया और पाकिस्तान व पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर हमला करके उनको नष्ट कर दिया था.

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