उत्तर प्रदेश के फूलपुर से लापता हुई नाबालिग लड़की ने मंगलवार को कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया। लड़की ने आरोप लगाया है कि उसे बहला-फुसलाकर केरल ले जाया गया, जहां उसका जबरन धर्मांतरण कराया गया और जिहादी गतिविधियों से जुड़ने का दबाव बनाया गया।
इस मामले में गिरफ्तार की गई दरकशा बानो और कैफ को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में नैनी जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि इन दोनों के खिलाफ पहले ही अपहरण, आपराधिक साजिश और एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज है। अब लड़की के कोर्ट में दिए बयान के आधार पर यूपी धर्मांतरण विरोधी कानून की धाराएं भी जोड़ी जा सकती हैं। लड़की ने पुलिस को बताया कि दरकशा ने पैसों का लालच देकर उसे इस्लाम अपनाने के लिए कहा। दरकशा ने उसे यह भी कहा था कि अगर वह इस्लाम अपना लेगी तो उसे अच्छी जिंदगी मिलेगी और पैसे भी मिलेंगे। शादी समारोह में जाते समय दरकशा ने लड़की को नौकरी और मुफ्त रहने-खाने का झांसा देकर अपने साथ ले गई थी।
यह भी पढ़ें-
इस्लामिक देश कजाखस्तान में हिजाब से मुक्ति, महिलाओं में खुशी की लहर, भारत के लिए भी है सबक
पुलिस की जांच में सामने आया है कि लड़की को एक ऐसी जगह ले जाया गया, जहां कई मुस्लिम युवक मौजूद थे। लड़की के परिजनों ने पहले ही दरकशा से उसकी दोस्ती पर आपत्ति जताई थी क्योंकि दरकशा अमूमन महंगे रेस्टोरेंट और जगहों पर जाती थी जबकि उसका परिवार सामान्य स्थिति में था। अब इस मामले की जांच एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) भी कर रही है। एटीएस अधिकारियों ने दोनों आरोपियों से तीन घंटे तक पूछताछ की और उनके संपर्कों, केरल में उनकी गतिविधियों और किसी संदिग्ध नेटवर्क से संबंधों के बारे में जानकारी जुटाई। एटीएस को शक है कि इस मामले के पीछे कोई अंतरराष्ट्रीय कट्टरपंथी इस्लामिक नेटवर्क हो सकता है, जो गरीब और असहाय लड़कियों को निशाना बनाकर उन्हें कट्टरपंथ की ओर धकेलता है। इस पूरे नेटवर्क की फंडिंग विदेश से होने की आशंका भी जताई जा रही है। एटीएस ने आरोपियों के मोबाइल फोन, सोशल मीडिया अकाउंट, यात्रा के रूट और पैसों के लेन-देन की भी जांच शुरू कर दी है। यदि जांच में आतंकवाद से संबंध पाए जाते हैं तो राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) जैसी सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
टिप्पणियाँ