काैशल विकास : शिक्षा से रोजगार तक
July 24, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

शिक्षा से रोजगार तक

अकादमिक जगत को उद्योग से जोड़ने की दिशा में एक प्रभावी पहल

by  डॉ. शशांक द्विवेदी
Jun 30, 2025, 02:18 pm IST
in भारत, विश्लेषण, शिक्षा
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

भारत एक युवा देश है, जहां की लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है। यह जनसांख्यिकीय लाभांश एक ऐसी ताकत है, जो यदि सही दिशा में प्रशिक्षित हो, तो देश को वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक अग्रणी स्थान दिला सकती है। लेकिन इस ताकत को कुशलता (स्किल) में तब्दील करने के लिए ठोस प्रयासों की आवश्यकता है। यही कारण है कि भारत में स्किल डेवेलपमेंट यानी कौशल विकास को आज एक प्रमुख राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में देखा जा रहा है।

कौशल विकास की आवश्यकता

भारत में हर साल करोड़ों युवा शिक्षा प्रणाली से बाहर निकलते हैं, लेकिन उनमें से बड़ी संख्या ऐसी होती है, जिनके पास रोजगार योग्य कौशल नहीं होता। दूसरी ओर, उद्योगों को ऐसे कुशल श्रमिकों की जरूरत होती है, जो तकनीकी दक्षता के साथ उत्पादन और सेवा क्षेत्र की मांगों को पूरा कर सकें। इस खालीपन को भरने के लिए कौशल विकास की योजनाओं की अत्यधिक आवश्यकता है।

आज भारत विश्व की सबसे तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। भारत अपने जनसांख्यिकीय लाभांश को तभी सही दिशा में उपयोग कर सकता है, जब शैक्षणिक संस्थानों से निकलने वाले छात्रों के कौशल और उद्योग की आवश्यकताओं के बीच संतुलन स्थापित हो। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सरकार ‘स्किल इंडिया’ अभियान के तहत प्रभावी दिशा में काम कर रही है।

आज जब देश ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर तेजी से अग्रसर है, तब युवाओं को उद्योग की जरूरतों के मुताबिक कुशल बनाना सबसे बड़ी प्राथमिकता है। खासतौर पर दूरसंचार (टेलीकॉम) जैसे तेजी से बदलते क्षेत्र में, जहां 5जी, आईओटी और एआई जैसी तकनीकों ने पूरी तस्वीर ही बदल दी है, वहां अकादमिक जगत और उद्योग के बीच की दूरी पाटने का काम टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल (टीएसएससी) कर रहा है।

उद्योग और शिक्षा के बीच सेतु

टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल, नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NSDC) के अंतर्गत काम करने वाला एक प्रमुख निकाय है, जो युवाओं को दूरसंचार क्षेत्र की आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षित करता है। इसकी पहल पर अब कई विश्वविद्यालय और कॉलेज अपने पाठ्यक्रमों में उद्योग आधारित कौशल प्रशिक्षण जोड़ रहे हैं, जिससे छात्रों को डिग्री के साथ-साथ नौकरी लायक कौशल भी मिल रहा है। टीएसएससी न केवल प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार करता है, बल्कि राष्ट्रीय व्यावसायिक मानक (National Occupational Standards-NOS) का भी निर्धारण करता है। यह सुनिश्चित करता है कि प्रशिक्षण की गुणवत्ता उद्योग की अपेक्षाओं के अनुरूप हो।

टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल के तहत ‘इंटीग्रेटेड स्किल प्रोग्राम्स’, ‘इंटर्नशिप’ और ‘ट्रेन-द-ट्रेनर’ जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनसे न केवल छात्रों को उद्योग का व्यावहारिक अनुभव मिल रहा है, बल्कि शिक्षकों को भी तकनीकी बदलावों की अद्यतन जानकारी मिलती है।

देश की बड़ी टेलीकॉम कंपनियां, जैसे जियो, एयरटेल और एरिक्सन, टीएसएससी के साथ मिलकर उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित कर रही हैं। इन कंपनियों की भागीदारी से छात्रों को सीधे मौके मिल रहे हैं और रोजगार की संभावनाएं कई गुना बढ़ गई हैं।

अकादमिक संस्थानों से भागीदारी

टीएसएससी ने देशभर के तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा संस्थानों के साथ रणनीतिक साझेदारी की है। इसका उद्देश्य पाठ्यक्रमों को उद्योग-संबंधित बनाना है, ताकि छात्रों को समय रहते आवश्यक तकनीकी और व्यवहारिक प्रशिक्षण मिल सके।

इंटीग्रेटेड स्किल डिवेलपमेंट प्रोग्राम्स : टीएसएससी, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के साथ मिलकर उनके पाठ्यक्रमों में तकनीकी कौशल से संबंधित मॉड्यूल्स को शामिल करता है। इससे छात्रों को डिग्री के साथ-साथ स्किल सर्टिफिकेशन भी मिलता है। छात्रों को दूरसंचार कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर प्रदान किए जाते हैं, जिससे वे वास्तविक उद्योग अनुभव प्राप्त कर सकें।

ट्रेन द ट्रेनर प्रोग्राम्स : शिक्षकों को नवीनतम तकनीकी ट्रेंड्स और टूल्स की जानकारी देकर उन्हें छात्रों को प्रभावी ढंग से प्रशिक्षित करने के लिए सक्षम बनाया जाता है। टीएसएससी द्वारा प्रशिक्षण उपरांत छात्रों का मूल्यांकन कर उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट दिया जाता है, जो रोजगार के अवसरों को बढ़ाता है।

उद्योगों की भागीदारी

टीएसएससी उद्योग जगत से नियमित संवाद करता है और उनकी आवश्यकताओं को प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सम्मिलित करता है। जियो, एयरटेल, एरिक्सन, नोकिया जैसी प्रमुख कंपनियां टीएसएससी के साथ मिलकर आवश्यक कौशलों की पहचान करती हैं और प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सहयोग करती हैं। इसके अतिरिक्त, कंपनियां सीएसआर (काॅरपोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिल्टी) के तहत कई प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना में योगदान देती हैं, जिससे ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के युवाओं को भी यह अवसर मिल सके।

प्रभावी पहल

टीएसएससी के प्रशिक्षण प्राप्त छात्र अपेक्षाकृत कम समय में रोजगार प्राप्त कर पाते हैं, क्योंकि उनके पास वह कौशल होता है जिसकी उद्योग में मांग है। उद्योगों को प्रशिक्षित और तत्पर कार्यबल मिलता है, जिससे उनकी उत्पादकता और दक्षता में वृद्धि होती है। जब शिक्षा उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप होती है, तब उसकी गुणवत्ता और उपयोगिता दोनों बढ़ती है। स्किल्ड युवाओं के बीच नवाचार की भावना जाग्रत होती है, जिससे वे नए स्टार्टअप्स की ओर भी अग्रसर होते हैं।

चुनौतियां और संभावनाएं

सरकार और निजी क्षेत्र के प्रयासों के बावजूद कौशल विकास को लेकर अब भी कई चुनौतियां मौजूद हैं। मसलन, कई प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षकों की गुणवत्ता और पाठ्यक्रम सामग्री में सुधार की आवश्यकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्किल सेंटर तक पहुंच, इंटरनेट की कमी और उपकरणों की अनुपलब्धता प्रशिक्षण को प्रभावित करती है। कई बार प्रशिक्षण लेने के बावजूद युवाओं को रोजगार नहीं मिल पाता, जिससे योजना की प्रभावशीलता पर सवाल उठते हैं। प्रशिक्षण के बाद मिलने वाले प्रमाणपत्रों को निजी और सार्वजनिक नियोक्ताओं द्वारा समान रूप से मान्यता नहीं दी जाती।

वर्तमान में भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स, ग्रीन टेक्नोलॉजी और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इन क्षेत्रों में कुशल जनशक्ति की भारी मांग है। भारत को चाहिए कि वह युवाओं को इन भविष्य के कौशलों से लैस करे।

रोजगार और स्टार्टअप की राह आसान

टीएसएससी के माध्यम से प्रशिक्षित छात्र अब पारंपरिक नौकरियों के साथ-साथ स्टार्टअप और स्वरोजगार की दिशा में भी आगे बढ़ रहे हैं। इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्र, दोनों के युवाओं को समान अवसर मिल रहे हैं। शैक्षणिक पाठ्यक्रमों को उद्योग उन्मुख बनाना, ग्रामीण युवाओं तक प्रशिक्षण पहुंचाना, और शिक्षकों को नवीनतम तकनीकी अपडेट देना कुछ ऐसी चुनौतियां हैं, जिन पर टीएसएससी निरंतर कार्य कर रहा है।

हालांकि कुछ समस्याएं अभी भी मौजूद हैं, जैसे-ग्रामीण इलाकों में संसाधनों और छात्रों में जागरूकता की कमी। लेकिन सीएसआर फंडिंग और डिजिटल माध्यमों के जरिये इन समस्याओं को भी दूर किया जा रहा है। टीएसएससी का यह मॉडल भारत में शिक्षा और उद्योग को जोड़ने की एक मिसाल बन चुका है। यदि देश के दूसरे क्षेत्र भी इसी दिशा में कार्य करें, तो देश का युवा वर्ग न केवल नौकरी पाने वाला बनेगा, बल्कि नौकरियां देने वाला भी बन सकता है। मतलब, भारत वैश्विक स्तर पर ‘स्किल कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड’ के रूप में स्थापित हो सकेगा।

Topics: स्टार्टअप्सइंटर्नशिपइंटीग्रेटेड स्किल प्रोग्राम्सट्रेन-द-ट्रेनरडिजिटल इंडिया‘आत्मनिर्भर भारत’स्किल इंडियाकौशल विकासपाञ्चजन्य विशेष
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

स्थापना दिवस : भारतीय मजदूर संघ, राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित एक प्रमुख संगठन

व्हेल और डॉल्फिन : महासागर के महारथियों का अद्भुत संसार

निर्माण कार्य नें लगे लोगों और पुलिस पर पथराव करती मुस्लिम महिलाएं

जैसलमेर के बासनपी गांव में वीरों की छतरियों का पुनर्निर्माण कर रहे लोगों पर उन्मादी मुसलमानों का हमला

बाल गंगाधर तिलक

लोकमान्य तिलक जयंती पर विशेष : स्वराज के संघर्ष ने बनाया ‘लोकमान्य’

10 हजार साल पुराना है भारत का कृषि का ज्ञान-विज्ञान, कपड़ों का निर्यातक भी था

न्यायपालिका : अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर किसी भी व्यक्ति की भावनाओं के साथ खिलवाड़ सहन नहीं

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पूर्व डीआईजी इंद्रजीत सिंह सिद्धू चंडीगढ़ की सड़कों पर सफाई करते हुए

पागल या सनकी नहीं हैं, पूर्व DIG हैं कूड़ा बीनने वाले बाबा : अपराध मिटाकर स्वच्छता की अलख जगा रहे इंद्रजीत सिंह सिद्धू

जसवंत सिंह, जिन्होंने नहर में गिरी कार से 11 लोगों की जान बचाई

पंजाब पुलिस जवान जसवंत सिंह की बहादुरी : तैरना नहीं आता फिर भी बचे 11 लोगों के प्राण

उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों से जुड़ा दृश्य

उत्तराखंड : कैबिनेट बैठक में कुंभ, शिक्षा और ई-स्टैंपिंग पर बड़े फैसले

मोदी सरकार की रणनीति से समाप्त होता नक्सलवाद

महात्मा गांधी के हिंद सुराज की कल्पना को नेहरू ने म्यूजियम में डाला : दत्तात्रेय होसबाले जी

BKI आतंकी आकाश दीप इंदौर से गिरफ्तार, दिल्ली और पंजाब में हमले की साजिश का खुलासा

CFCFRMS : केंद्र सरकार ने रोकी ₹5,489 करोड़ की साइबर ठगी, 17.82 लाख शिकायतों पर हुई कार्रवाई

फर्जी पासपोर्ट केस में अब्दुल्ला आज़म को बड़ा झटका, हाईकोर्ट ने याचिकाएं खारिज कीं

अवैध रूप से इस्लामिक कन्वर्जन करने वाले आरोपी अब पुलिस की गिरफ्त में हैं।

आगरा में इस्लामिक कन्वर्जन: मुख्य आरोपी रहमान के दो बेटे भी गिरफ्तार, राजस्थान के काजी की तलाश कर रही पुलिस

नोएडा से AQIS संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार - गुजरात ATS की कार्रवाई

नोएडा से AQIS के 4 आतंकी गिरफ्तार : गुजरात ATS ने किया खुलासा- दिल्ली NCR में थी आतंकी हमले की योजना!

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies