सरकार की जनहित योजनाएं जब जमीन पर उतरती हैं तो गरीबों के लिए वरदान से कम नहीं होती हैं। आयुष्मान भारत योजना ने भी बिहार के ज्ञानेंद्र को चिंरजीवी कर दिया। उन्हें नया जीवन मिला है। ज्ञानेंद्र कुमार गुप्ता आयुष्मान योजना की सुविधा से किडनी का नि:शुल्क इलाज हुआ है। ज्ञानेंद्र ने इलाज के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ह्रदय से आभार जताया।
प्रधानमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने पत्र में लिखा “आयुष्मान भारत योजना से करोड़ों लोग लाभान्वित हुए हैं, उसमें से एक मैं भी हूं। मुझे किडनी की समस्या हो गई थी और इस योजना से बिहार के पटना में मेरा इलाज हुआ है। इस योजना से देश के गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों को काफी लाभ मिल रहा है। यह योजना बहुत ही कारगर व लाभप्रद है।”
पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की यह क्रांतिकारी योजना देश के 55-60 करोड़ गरीब-मध्यम वर्ग-बुजुर्गों के लिए वरदान से कम नहीं है। पहली बार किसी सरकार ने 5 लाख रुपये तक की मुफ्त इलाज के साथ दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थकेयर सुविधा दी है। जनता को इसका लाभ भी मिल रहा है। पटना निवासी ज्ञानेंद्र ने अपना भाव शब्दों में पिरोकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा, तो प्रधानंमत्री मोदी की भी सहजता और नागरिकों से जुड़ाव की भावना एक बार फिर दिखी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ज्ञानेंद्र कुमार गुप्ता को पत्र लिखा और स्वास्थ्य में सुधार के लिए शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने पत्र में लिखा, “आपके स्वास्थ्य में सुधार के बारे में जानकर बहुत प्रसन्नता हुई है… आपने पत्र में आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से बीते दिनों किडनी के सफल उपचार की जो जानकारी साझा की है, उससे हृदय को असीम संतुष्टि मिली है।” ज्ञानेंद्र ने अपने पत्र में लिखा है, “आपके (पीएम मोदी) हिम्मत और व्यक्तित्व से देश की जनता को राहत और रास्ता मिलता रहेगा।” इसके जवाब में प्रधानमंत्री मोदी भी अपनी भावना को शब्दों में पिरोने से नहीं रोक पाए। उन्होंने लिखा, “हमने चिकित्सा पर होने वाले खर्च से परिवारों की जीवन भर की जमा-पूंजी एक झटके में खत्म होते देखा है। कई बार तो लोग इस खर्च के कारण इलाज करवाने से भी कतराते थे। आज आयुष्मान भारत योजना यह सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी भारतीय इलाज से वंचित न रहे। समुचित उपचार मिलने पर किस तरह एक व्यक्ति के जीवन को नई उम्मीद और दिशा मिलती है, यह इस योजना ने सिद्ध कर दिखाया है।”
विकसित भारत के लिए स्वस्थ भारत जरूरी
पीएम मोदी ने यह भी लिखा कि एक विकसित भारत के लिए स्वस्थ भारत कितना जरूरी है। एक स्वस्थ व्यक्ति न केवल अपने परिवार को संबल देता है, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में भी सक्रिय भूमिका निभाता है। इसलिए प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में ज्ञानेंद्र को लिखा, “कहा गया है- ‘शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्।’ अर्थात् शरीर ही सभी कार्यों और कर्तव्यों की पूर्ति का प्रथम साधन है। जब नागरिक स्वस्थ होंगे, तभी राष्ट्र भी सबल और सक्षम बनेगा।”
प्रधानमंत्री ने बताया बड़ी उपलब्धि
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाएं जमीनी स्तर पर आम नागरिकों तक पहुंच रही हैं और उनके जीवन में वास्तविक परिवर्तन ला रही हैं, यह अत्यंत सुखद है। उन्होंने कहा, “इलाज के बाद आप जैसे सभी साथियों को अपने जीवन में फिर से उसी आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते देखना हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है।”
जीवन प्रत्याशा और जीडीपी का संबंध
अध्ययन बताते हैं कि बेहतर स्वास्थ्य सेवा से जीवन प्रत्याशा में एक साल की भी बढ़ोतरी मात्र से जीडीपी में 4 प्रतिशत तक की वृद्धि होती है। ऐसे में आयुष्मान भारत योजना, विविधता से भरे बड़ी आबादी वाले देश के लिए कितना महत्वपूर्ण है, उसे सहजता से समझा जा सकता है।
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