फोटो साभार: रेडियो जेनोआ
यूरोपीय देश आजकल अप्रवासी संकट से जूझ रहे हैं। इन देशों ने बड़े पैमाने पर मुस्लिमों को शरण दी, लेकिन वहां पहुंचने के बाद इन मुस्लिमों ने यूरोपीय देशों का ही इस्लामीकरण करना शुरू कर दिया। इस्लाम के नाम पर अपराध बढ़ रहे हैं, जिससे अब कई देशों में मुस्लिमों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि उन्हें अपने देश में मुसलमान और पैगंबर मोहम्मद नहीं चाहिए।
इंडिया हेराल्ड ने रेडियो जेनोआ के हवाले से मुस्लिम विरोधी इन प्रदर्शनों को रिपोर्ट किया है। एक्स पर तेजी से वायरल हो रहे पोस्ट में लोगों को प्रदर्शन करते हुए दिखाया गया है। लोगों ने अपने हाथ में बड़े-बड़े बैनर लिए हुए हैं। इन बैनरों के जरिए ये संदेश दिया जा रहा है कि मुस्लिम और मोहम्मद का पोलैंड में वेलकम नहीं है। इतना ही नहीं लोगों ने स्टॉप इस्लाम के पोस्टर भी लहराए।
रिपोर्ट के अनुसार, पोलैंड का सांस्कृतिक और धार्मिक एकरूपता का लंबा इतिहास रहा है। यहां ईसाई मत को मानने वाले लोग रहते हैं। इनमें अधिकतर रोमन कैथोलिक चर्च प्रभाव है।
पोलैंड में अगर मुस्लिम आबादी की बात करें तो वैसे तो यह बेहद कम, लगभग 0.1% है। इसमें ऐतिहासिक लिप्का तातार समुदाय और 1989 के बाद मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका से आए आप्रवासी शामिल हैं। लेकिन 2015 के यूरोपीय प्रवासी संकट ने इस्लाम के प्रति नकारात्मक धारणाओं को बढ़ावा दिया। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह इन अप्रवासियों के द्वारा किए जा रहे अपराध हैं। सर्वेक्षणों के अनुसार, अधिकांश आबादी इस्लाम को अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए खतरा मानती है।
पोलैंड के लोग इस्लाम और इस्लामी कट्टरता को अपनी पहचान के लिए बड़ा खतरा मानते हैं। यही कारण है कि वहां अब जनता राष्ट्रवादियों की ओर देख रही है। इसका असर ये हुआ है कि पिछले साल हुए चुनाव में राष्ट्रवादी नेताओं ने बड़ी बढ़त हासिल की है।
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