इजरायल ईरान युद्ध के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बाद उनके विदेश मंत्री मार्क रुबियो ने भी ईरान में सत्ता को उखाड़ फेंकने की तरफ इशारा किया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर ईरान के शासक नहीं सुधरे तो वे उन्हें उखाड़ फेंकेंगे। हालांकि, रुबियो ने जरूर कहा कि यहां शासन परिवर्तन लाने के लिए अमेरिका की फिलहाल कोई योजना नहीं है। वो कहते हैं कि दुनिया में ऐसी कई सरकारें हैं, जो न तो मुझे पसंद हैं और न ही राष्ट्रपति को। हममें से कई लोग चाहते हैं कि वे हों ही न।
ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, मार्क रुबियो ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप चाहते हैं कि अगर ईरान में शासन आतंकवाद पर पैसा खर्च करना जारी नहीं रखता, परमाणु हथियार पाने के लिए पैसा खर्च करता है, इजरायल पर हमला करने के लिए रॉकेट पर पैसा खर्च करना जारी रखता है। अगर वो अपनी अर्थव्यवस्था का विकास नहीं करना चाहता या अपने लोगों की मदद नहीं करना चाहता, तो शायद शासन परिवर्तन होगा, क्योंकि ईरान के लोग इससे तंग आ जाएंगे।
सरकारें स्थापित करना हमारा काम नहीं
हेग में मार्को रुबियो ने पोलिटिको को दिए साक्षात्कार में बताया कि दुनिया में कई सरकारें हैं, जो हमें पसंद नहीं है, लेकिन ये हमारा काम नहीं है कि हम (अमेरिका) का काम हर देश में सरकारें स्थापित करना नहीं है। रुबियो ने कहा कि हमारा राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दा ईरानी मौलवी हैं, जो परमाणु हथियार हासिल करना चाहते हैं, ताकि वो आज इजरायल और कल को हमें धमका सकें। राष्ट्रपति ने स्पष्ट कर दिया है कि हम ऐसा नहीं होने देंगे।
एक माह में परमाणु हथियार के लिए पुर्जे बना सकता है विशेषज्ञ
इस बीच ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर एक विशेषज्ञ ने चेतावनी दी है कि ईरान के पास इतनी ताकत है कि वह एक माह में परमाणु हथियारों के लिए पुर्जे बना सकता है। ये बात संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था के एक पूर्व उप महानिदेशक ओली हेइनोनेन ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि एक छोटी यूरेनियम धातु प्रयोगशाला के साथ करीब 1000 सेंट्रीफ्यूज संवर्धन सुविधा की संभावना मौजूद है, जो एक माह में पहले परमाणु हथियार के लिए पुर्जे बना सकती है।
इस बीच इजरायल के खुफिया प्रमुख ने कहा कि मोसाद ईरान में काम करना जारी रखेगा। मोसाद चीफ डेविड बार्निया ने बुधवार को कहा कि ईरान में हमारे एजेंट अभी भी मौजूद हैं। अमेरिका की मध्यस्थता में किए गए युद्धविराम के बावजूद अपने अभियान को जारी रखेंगे।
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