इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत युद्धग्रस्त ईरान से 290 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश वापस लाने में सफलता हासिल की है। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इन नागरिकों का स्वागत ‘भारत माता की जय’ और ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद’ के नारों के साथ हुआ। लौटने वाले लोगों में छात्र और तीर्थयात्री शामिल हैं, जिन्होंने भारत सरकार और दूतावास की त्वरित कार्रवाई की सराहना की।
ऑपरेशन सिंधु: एक मानवीय मिशन
भारत सरकार ने इजरायल-ईरान संघर्ष के कारण ईरान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए 18 जून को ‘ऑपरेशन सिंधु’ शुरू किया। इस मिशन के तहत, भारतीय दूतावास ने तेहरान और येरेवन में समन्वय स्थापित कर भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला। पहले चरण में, उर्मिया मेडिकल यूनिवर्सिटी के 110 छात्रों को आर्मेनिया के रास्ते दिल्ली लाया गया। इसके बाद, शुक्रवार देर रात और शनिवार सुबह विशेष चार्टर्ड उड़ानों से 290 और भारतीय स्वदेश पहुंचे।
परिवारों से मिलकर नम हुईं आंखें
दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरते ही लौटने वाले भारतीयों की खुशी और राहत देखते बनती थी। नोएडा की रहने वाली तजकिया फातिमा ने बताया, “वहां युद्ध जैसे हालात थे। हमें नहीं पता था कि हम कैसे बाहर निकलेंगे, लेकिन भारत सरकार ने पूरी प्रक्रिया को बहुत आसान बनाया।” एक अन्य छात्रा, सेहरिश रफीक, जो तेहरान की ईरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं उन्होंने कहा कि “हमें नहीं लगा था कि स्थिति इतनी बिगड़ जाएगी। भारतीय दूतावास ने हमें बचाने के लिए दिन-रात काम किया।”
भारतीय दूतावास ने बहुत मदद की
ईरान से वापस लाए गए भारतीयों ने वहां के हालात बयां किए। इसी क्रम में मशहद से निकाले गए मोहम्मद अली काजिम ने कहा, “तेहरान और अन्य शहरों में हालात बहुत खराब थे। मिसाइल हमले और विस्फोटों के बीच डर का माहौल था।” एक अन्य नागरिक, जफर अब्बास नकवी, ने बताया कि वे पहले घरों में छिपे रहे, लेकिन जब मशहद में भी हमले शुरू हुए, तो उन्होंने भारतीय दूतावास से संपर्क किया। दूतावास ने तुरंत उनकी मदद की और सुरक्षित निकासी सुनिश्चित की।
आज आएंगे 1000 नागरिक
आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के लिए आज दो फ्लाइट ऑपरेशन सिंधु के तहत आएंगी। इनमें से एक तुर्कमेनिश्तान के अश्गाबात से आएगी। कुल दो फ्लाइट्स के जरिए 1000 लोगों को भारत लाया जाएगा।
टिप्पणियाँ