लुधियाना। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर कमल कौर भाभी की मौत ने सोशल मीडिया की असलियत को एक बार और दिखा दिया। इंस्टा पर कमल कौर के चार लाख फालोअर्स हैं परंतु उसके अंतिम संस्कार में केवल तीन लोग ही पहुंचे।
सोशल मीडिया की चकाचौंध से चमकी कंचन कुमारी उर्फ कमल कौर की हत्या के बाद उसका अंतिम संस्कार किया गया। कंचन के अंतिम संस्कार में कोई नहीं पहुंचा। उसके सोशल मीडिया पर हजारों नहीं बल्कि लाखों फॉलोअर्स हैं। बावजूद इसके अंतिम संस्कार में तीन लोग ही पहुंचे। कोई भी एक फैन उसको अंतिम विदाई देने नहीं पहुंचा। अंतिम संस्कार परिवार ने सहारा जनसेवा संस्था की सहायता से बठिंडा के श्मशानघाट में किया था।
दूसरी ओर बठिंडा की एसएसपी अमनीत कोंडल ने बताया कि उक्त मामले में पकड़े गए दोनों आरोपियों ने दो दिन के पुलिस रिमांड पर पुलिस पूछताछ में खुलासा किया है कि कंचन कुमारी उर्फ कमल कौर की हत्या के लिए तीन माह से अमृतपाल महरों और उसके साथी रेकी कर रहे थे। कुछ दिन अमृतपाल अपने साथियों समेत कंचन के घर पास एक होटल में भी रुका रहा था। अमृतपाल दो बार कंचन के घर भी गया था, लेकिन वो घर पर नहीं मिली थी। एसएसपी के अनुसार जब ऐसे बात न बनी तो फिर अमृतपाल ने 8 जून को कंचन से संपर्क करके कहा कि उसे कार की प्रमोशन करने के लिए बठिंडा आना है। इसके बाद कंचन उर्फ कमल कौर 9 जून को लुधियाना से अपनी कार से बठिंडा पहुंची। जहां पर अमृतपाल महरों, जसप्रीत सिंह और निमरजीत सिंह तीनों कंचन को मिले और उसकी गाड़ी में बैठ गए।
पहले तीनों आरोपियों ने भुच्चो के समीप एक गैरेज से कंचन की गाड़ी रात के साढ़े 12 बजे तक ठीक करवाई और फिर अपनी स्कॉर्पियो को एक पेट्रोल पंप पर खड़ा करके कंचन को साथ लेकर उसी की गाड़ी में चारों सवार हो गए। आरोपियों द्वारा किए खुलासे के अनुसार अमृतपाल महरों कंचन की गाड़ी चला रहा था। जसप्रीत और निमरतजीत कंचन के साथ कार की पिछली सीट पर बैठे थे। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि अमृतपाल के कहने पर सबसे पहले उन्होंने कंचन के दोनों मोबाइल ले लिए और उससे पासवर्ड मांगा जब उसने पासवर्ड नहीं बताया तो अमृतपाल के कहने पर कंचन से दोनों ने मारपीट की। इसके बाद कमरकस्से से दोनों ने एक सुनसान जगह पर गाड़ी में ही कंचन का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।
एसएसपी ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि कंचन की हत्या के बाद अमृतपाल महरों अपने साथी रणजीत सिंह और एक अज्ञात व्यक्ति के साथ उनकी कार में बैठ कर सीधा अमृतसर के एयरपोर्ट गया और वहां से 10 जून की सुबह सवा नौ बजे फ्लाइट पकडक़र यूएई भाग गया। जब पुलिस ने अमृतपाल के पासपोर्ट की डिटेल निकलवाई तो पता चला कि वह यूएई भाग गया है। एसएसपी ने बताया कि पुलिस ने अमृतपाल महरों को ले जाने वाले रणजीत सिंह जिला तरनतारन और एक अज्ञात व्यक्ति को उक्त केस में नामजद कर लिया है। अब पुलिस ने अमृतपाल महरो की एलओसी जारी कर दी है और उसको डिपोर्ट करवाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। आरोपी अमृतपाल के सभी सोशल मीडिया अकाउंट बैन करवा दिए गए हैं।
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