गत 7 जून को बिलासपुर में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, मध्य क्षेत्र के कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम (सामान्य) का समापन हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि और ‘छत्तीसगढ़ लोकनाचा राष्ट्रीय रासधारी’ (रहस) के डॉ. उग्रसेन कन्नौजे ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम मेरे जीवन का ऐतिहासिक क्षण है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह बौद्धिक शिक्षण प्रमुख दीपक विस्पुते ने कहा कि प्राचीन भारत श्रेष्ठ भारत रहा है। आक्रांताओं के हजार वर्ष के शासन के दौरान समाज में कुछ दोष एवं समाज में आत्महीनता, आत्म-गौरव का अभाव हमारे सामाजिक पतन का कारण बना।
कृणवन्तो विश्वमार्यम् का संदेश देने वाला हिन्दू समाज अभाव एवं संकटों से ग्रस्त होकर नैराश्य (निराशा) के वातावरण में था। इसे दूर करने और समाज में देशभक्ति, अनुशासन एवं संगठन का भाव जागरण पैदा करने के लिए संघ 100 वर्ष से कार्य कर रहा है।
समाज और देश का वैभव किसी एक संगठन से नहीं, अपितु जागरूक समाज के प्रयास से ही संभव है। अतः सारा समाज एक श्रेष्ठ भारत, दिग्विजयी भारत, समरस भारत, समृद्ध भारत, बनाने में अपना योगदान करे। समारोह में स्वयंसेवकों ने घोष, समता, आसन, नियुद्ध, पद-विन्यास, दंड संचालन और राष्ट्रभक्ति गीत का सामूहिक प्रदर्शन किया।
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