इस्राएल—ईरान संघर्ष के बीच इस्राएल डिफेंस फोर्स (IDF) ने एक ग्राफिक जारी किया, जिसमें भारत के नक्शे को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया था। इस नक्शे में जम्मू-कश्मीर को भारत का नहीं ‘जिन्ना के देश का हिस्सा’ दिखाया गया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया करते हुए इस्राएल की इस गलती पर आक्रोश प्रकट किया। इस विवाद के बाद IDF ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और स्पष्ट किया कि यह नक्शा केवल क्षेत्रीय चित्रण था, जिसमें सीमाओं को सटीक रूप से नहीं दर्शाया गया था।
इस्राएल के इस गलत नक्शे को लेकर सोशल मीडिया पर भारतीयों का व्यापक आक्रोश देखने को मिला। कई यूजर्स ने इस गलती को उजागर करते हुए लिखा कि ऐसा करना अक्षम्य है। लोगों ने मांग की कि इसमें फौरन सुधार किया जाए। कुछ लोगों ने इस्राएल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को टैग करते हुए इस मुद्दे पर ध्यान देने की अपील की। IDF को अपनी चूक का भान हुआ और उसने अफसोस जाहिर करते हुए इस गलती के लिए अपनी ओर से सफाई दी। भारत सरकार ने इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
भारत में इस्राएल के राजदूत, रेउवेन अजार ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे ‘अनपेक्षित गलती’ बताया और कहा कि गलत नक्शे को हटाने या ठीक करने के लिए कदम उठाए हैं।
This post is an illustration of the region. This map fails to precisely depict borders. We apologize for any offense caused by this image.
— Israel Defense Forces (@IDF) June 13, 2025
उल्लेखनीय है कि भारत और इस्राएल के बीच मजबूत रणनीतिक और रक्षा साझेदारी है। भारत इस्राएल से रक्षा उपकरणों का एक प्रमुख खरीदार है और दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध भी लगातार बढ़ रहे हैं। हालांकि, इस तरह की गलतियां भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को लेकर संवेदनशीलता को जरूर दर्शाती हैं।
लेकिन दुखद बात यह है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब इस्राएल ने भारत के नक्शे को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है। इससे पहले भी इस्राएल या कई अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा भारत के नक्शे में जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को अलग दिखाने की घटनाएं सामने आई हैं।
इस्राएल डिफेंस फोर्स द्वारा नक्शे की गलत प्रस्तुति एक गंभीर कूटनीतिक चूक थी, जिसे सोशल मीडिया ने तुरंत उजागर कर दिया। विशेषज्ञों को कहना है कि हालांकि IDF ने माफी मांगकर स्थिति को संभालने की कोशिश की है, लेकिन यह घटना भारत-इस्राएल संबंधों में भरोसे और संवेदनशीलता के महत्व को रेखांकित करती है। भविष्य में इस्राएल को इस तरह की गलतियों से बचने के लिए अधिक सतर्कता बरतनी होगी।
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