इज़राइल ने ईरान पर एक बड़ा सैन्य हमला किया है, जिसमें ईरानी सेना के प्रमुख जनरल मोहम्मद बाघेरी और मिसाइल कार्यक्रम के प्रमुख जनरल आमिर अली हाजीज़ादेह की मौत हो गई है। इस हमले में ईरान के कई अन्य वरिष्ठ सैन्य कमांडर भी मारे गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इज़राइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों को भी गंभीर नुकसान पहुंचाया है।
इस हमले के बाद ईरान की ओर से जवाबी कार्रवाई की आशंका गहरा गई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इज़राइल ने दुनियाभर में अपने दूतावासों को अगली सूचना तक बंद करने वाला है। स्वीडन स्थित इज़रायली दूतावास ने इसकी पुष्टि की है, जबकि बर्लिन में दूतावास पहले ही बंद किया जा चुका है।
इसके अलावा संभावित हमले की आशंका को देखते हुए इज़राइल ने अपने सबसे बड़े प्राकृतिक गैस क्षेत्र को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि यह निर्णय सुरक्षा कारणों से लिया गया है क्योंकि गैस फील्ड ईरान का संभावित टारगेट हो सकता है।
इज़रायली मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इज़राइल के इस ऑपरेशन में ईरान के कुल 20 शीर्ष सैन्य (कमांडरों) अधिकारियों की मौत हुई है। वहीं अब संभावित ईरानी हमले के मद्देनज़र इज़राइल ने सुरक्षा तैयारियों को और कड़ा कर दिया है।
वहीं ईरान ने भी पुष्टि की है कि जनरल हाजीज़ादेह की मृत्यु हो चुकी है और साथ ही चेतावनी दी है कि “अब कहानी का अंत हम लिखेंगे।” इस चेतावनी के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव चरम पर पहुंच गया है।
ईरान और इज़राइल दोनों ने अपने एयरस्पेस को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। इसके साथ ही इराक, सीरिया, जॉर्डन और लेबनान ने भी अपनी वायुसीमाएं सील कर दी हैं।
इसके अलावा, इज़राइल ने दुनियाभर में अपने नागरिकों और यहूदी समुदाय को सलाह दी है कि वे सार्वजनिक रूप से इज़रायली या यहूदी प्रतीकों का प्रदर्शन न करें। दूतावासों की वेबसाइट्स पर कौंसुलर सेवाएं न देने की सूचना भी जारी कर दी गई है।
ईरान और इज़राइल के तनाव पर वैश्विक प्रतिक्रिया भी सामने आई है। फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी के नेताओं ने इस स्थिति पर चर्चा की है। वहीं अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि ईरान ने इज़राइल पर हमला किया, तो वह इज़राइल का समर्थन करेगा। वहीं जर्मन सरकार ने आश्वासन दिया है कि वह इज़रायल और यहूदी संस्थानों को पूर्ण सुरक्षा मुहैया कराएगी।
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