इजरायल ने ईरान पर स्ट्राइक कर दिया है, जिसका असर अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर भी दिखने लगा है। चूंकि ईरान तेल उत्पादक देश है, इसलिए इजरायल की स्ट्राइक के तुरंत बाद ही शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में 5% का उछाल आ गया है। इसका सीधा असर भारत पर भी पड़ने वाला है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली हमले के बाद मिडिल-ईस्ट एक बार फिर से युद्ध की विभीषिका से तपने लगा है। इस हमले के बाद तेल आपूर्ति के बाधित होने की आशंका प्रबल हो गई है। इसी के साथ बेंट क्रूड (कच्चा तेल) वायदा कारोबार तक $3.91 या 5.64% बढ़कर $73.27 प्रति बैरल हो गया, जो 3 अप्रैल के बाद सबसे अधिक हो गया है। वहीं यह यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड $4.09 या 6.01% बढ़कर $72.13 प्रति बैरल तक पहुंच गया है।
एमएसटी मार्की के सीनियर ऊर्जा विश्लेषक सॉल कैवोनिक का कहना है कि इजरायल के हमलों मे जोखिम को और अधिक बढ़ा दिया है। उनका कहना है कि अब इस संघर्ष को इस हद तक बढ़ाना होगा कि ईरान को क्षेत्र के आधारभूत ढांचों पर जवाबी कार्रवाई करनी पडे, इससे पहले कि तेल आपूर्ति पर कोई असर पड़े। क्योंकि ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य के रास्ते को बंद करके प्रतिदिन 20 मिलियन बैरल तक तेल की आपूर्ति में बाधा डाल सकता है।
इजरायल ने क्यों किया हमला
ईरान पर इजरायल के हमलों के बारे में जानने की कोशिश करें तो पाएंगे कि ये सारा मामला परमाणु बम से जुड़ा हुआ है। इजरायल का दावा है कि ईरान इतना यूरेनियम संवर्धित कर चुका है कि वो कुछ ही दिनों में 15 परमाणु बम बना सकता है। इजरायल नहीं चाहता है कि ईरान परमाणु बम हासिल करे। क्योंकि अगर ईरान ने परमाणु बम हासिल कर लिया तो वो इजरायल पर बड़ा खतरा बन जाएगा। इसीलिए आईडीएफ ने स्ट्राइक कर दी। उधर ईरान भी तेजी से अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है।
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