गुजरात के अहमदाबाद में सुबह-सुबह सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा हमेशा की तरह सक्रिय था। फ्लाइट AI-171, एयर इंडिया का एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, अपनी नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लिए तैयार था अहमदाबाद से लंदन हीथ्रो के लिए। इस आधुनिक, विशाल विमान में सवार थे 242 लोग। 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर। इनमें कुछ छात्र थे, कुछ प्रवासी भारतीय, कुछ बुज़ुर्ग, कुछ काम के सिलसिले में जा रहे प्रोफेशनल्स। किसी को अंदाजा नहीं था कि यह सफर उनके जीवन की आखिरी उड़ान बन सकता है। विमान ने रनवे से टेकऑफ़ किया, और चंद सेकंड बाद ही एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) के रडार पर एक असामान्य गतिविधि दर्ज हुई। मेघानी नगर की ओर से लोगों ने आसमान में धुएं का गुबार देखा, और फिर हुआ एक तेज़ धमाका। विमान आवासीय क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
हवा में आग के गोले का विस्फोट
गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (फ्लाइट AI-171) के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद से पूरे देश में शोक है। विमान ने रनवे से टेकऑफ़ करने के कुछ ही समय बाद मेघानी नगर क्षेत्र में बुरी तरह से दुर्घटना का शिकार हो गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तुरंत राज्य सरकार और पुलिस कमिश्नर से संपर्क किया, और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की टीमों को राहत-बचाव कार्य में तैनात कर दिया। हादसे के तुरंत बाद, एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गईं। आग पर काबू पाने के लिए कई घंटे की मशक्कत के बाद स्थिति को नियंत्रण में किया गया। स्थानीय प्रशासन और अस्पतालों को अलर्ट किया गया था, लेकिन असल संख्या का अनुमान अब तक लगाना मुश्किल था। ये पहला मौका नहीं था जब भारत में कोई बड़ा विमान हादसा हुआ हो इसके पहले भी कई बार देश में ऐसे विमान हादसे हो चुके हैं। आइए आपको बताते हैं इसके पहले कब और कितनी बार ऐसे बड़े विमान हादसे हुए हैं।
भारतीय विमान हादसों का इतिहास
1. भारतीय एयरलाइंस फ्लाइट 257 (1993)
तिथि: 14 मई 1993
हादसा: भारतीय एयरलाइंस फ्लाइट 257 दिल्ली से पटना जा रही थी। विमान के इंजन में तकनीकी खराबी आई और विमान टेकऑफ के कुछ ही मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह विमान एक आवासीय इलाके में गिरा, जिससे कई लोग मारे गए। इस हादसे ने विमानन सुरक्षा के मुद्दे को एक बार फिर से सार्वजनिक किया और ध्यान आकर्षित किया।
2. एयर इंडिया फ्लाइट 855 (1978)
तिथि: 1 जनवरी 1978
हादसा: यह एक और अत्यंत दुखद घटना थी जब एयर इंडिया फ्लाइट 855 जो मुंबई से दुबई जा रही थी, अरब सागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। विमान के कॉकपिट डिवाइस की खराबी के कारण कप्तान ने गलत दिशा में विमान को मोड़ लिया। इस हादसे में विमान में सवार सभी 213 लोग मारे गए, जिनमें 190 यात्री और 23 क्रू मेंबर शामिल थे। यह घटना भारतीय विमानन के इतिहास में एक काले धब्बे की तरह दर्ज हो गई।
3. इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 113 (1999)
तिथि: 17 जुलाई 1999
हादसा: इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 113 पटना से दिल्ली जा रही थी, और विमान के टेकऑफ के दौरान पायलट ने विमान का नियंत्रण खो दिया। तकनीकी खराबी और पायलट की गलतियों के कारण विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में 55 लोग मारे गए, जिनमें 40 यात्री और 15 क्रू सदस्य शामिल थे। यह हादसा भारतीय विमानन इतिहास में एक और काले अध्याय के रूप में गिना जाता है।
4. हवाई यात्रा के इतिहास का सबसे बड़ा हादसा – एयर इंडिया फ्लाइट 182 (1973)
तिथि: 1973
हादसा: एयर इंडिया फ्लाइट 182, जो सिंगापुर से दिल्ली आ रही थी, बॉम्बे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। विमान के दोनों इंजन फेल हो गए थे, और विमान टेकऑफ के बाद कुछ ही समय में नियंत्रण खो बैठा था। यह हादसा भारतीय विमानन इतिहास में एक बेहद दर्दनाक घटना थी जिसमें विमान में सवार सभी 183 लोग मारे गए।
5. कुडप्पा फ्लाइट 903 (2010)
तिथि: 4 जनवरी 2010
हादसा: कुडप्पा फ्लाइट 903, जो चेन्नई से कुडप्पा जा रही थी, अपने लैंडिंग के दौरान तकनीकी गड़बड़ी और खराब मौसम के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गई। तेज बारिश और तेज़ हवाओं के कारण विमान लैंडिंग में असफल रहा और एक बड़े हादसे का शिकार हो गया। इस दुर्घटना में कई लोग घायल हुए और दो लोग मारे गए।
6. एयर इंडिया फ्लाइट 1344 (2020)
तिथि: 7 अगस्त 2020
हादसा: एयर इंडिया फ्लाइट 1344 दुबई से कोझिकोड (केरल) आ रही थी। भारी बारिश के बीच, विमान लैंडिंग के समय ट्रैक से बाहर निकल गया और विमान रनवे के आंतरिक हिस्से में गिर गया, जिससे विमान में आग लग गई। इस दुर्घटना में 21 लोग मारे गए, जिनमें 2 पायलट और 18 यात्री शामिल थे। यह हादसा भारतीय विमानन इतिहास में एक और काला अध्याय था, जिसने भारतीय विमानन सुरक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए।
क्या हम कुछ सीख पाए हैं?
भारत ने विमानन सुरक्षा में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं, फिर भी हर हादसा एक सवाल छोड़ता है कि क्या हम भविष्य में इन घटनाओं से पूरी तरह बच सकते हैं?
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