देवघर (झारखंड) । कहा जाता है कि “पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाए…”—कुछ ऐसा ही अद्भुत दृश्य झारखंड की देव नगरी देवघर में देखने को मिला, जिसने हर किसी को भावुक कर दिया। जिले के सारठ प्रखंड स्थित ब्रह्मसोली गांव में एक अंतिम संस्कार के दौरान एक लंगूर की भावुक प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है।
बीमार किसान की हुई थी मृत्यु
जानकारी के अनुसार, ब्रह्मसोली गांव निवासी किसान मुन्ना सिंह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। जिनका उपचार रांची के रिम्स अस्पताल में चल रहा था, जहां अचानक रात के समय उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया। उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए पैतृक गांव लाया गया। जहां गमगीन माहौल में ग्रामीणों ने उन्हें अंतिम विदाई दी और शव को श्मशान घाट तक पहुंचाया।
अचानक आया बंदर
श्मशान घाट पर अंत्येष्टि की तैयारी चल ही रही थी कि तभी एक लंगूर अचानक वहां आया और शव के पास जाकर बैठ गया। जिसके बाद बंदर शव के सिरहाने जा कर धीरे-धीरे कफ़न हटाता है, फिर मृतक के चेहरे को करीब पांच से छह मिनट तक एकटक निहारता है, और बाद में उसके चेहरे को चूमने लगता है। इतना ही नहीं, वह शव के पास बैठकर अंत्येष्टि की पूरी प्रक्रिया को देखता रहा। जब शव को जलाने के लिए लकड़ियां रखी गईं, तो लंगूर कुछ समय के लिए उन्हीं लकड़ियों पर जाकर बैठ गया।
अंतिम संस्कार के बाद चुपचाप चला गया बंदर
सबसे हैरानी की बात यह रही कि लंगूर पूरे अंतिम संस्कार तक वहीं मौजूद रहा और जब शव पूरी तरह जल गया, तो वह चुपचाप वहां से चला गया। लंगूर कहां से आया और कहां गया, इस बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है।
इस पूरी अनोखी घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। ग्रामीणों के अनुसार, यह दृश्य इतना मार्मिक था कि श्मशान घाट पर मौजूद हर कोई स्तब्ध रह गया।
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