इंदौर के कारोबारी राजा रघुवंशी की मेघालय में हुई हत्या का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। राजा की पत्नी सोनम ने अपने प्रेमी राज कुशवाहा के साथ मिलकर राजा की हत्या की साजिश रची और उसे अंजाम देने के लिए तीन भाड़े के हत्यारों को इंदौर से शिलांग बुलवाया गया।
लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, डेढ़ साल पहले राज कुशवाहा सोनम की फैक्ट्री में काम करने आया था। दोनों के बीच प्रेम संबंध बने। इस दौरान जब सोनम की शादी राजा रघुवंशी से तय हुई, तो राज कुशवाहा ने उसे भावनात्मक रूप से इतना अपने वश में कर लिया कि सोनम ने पति को रास्ते से हटाने की बात स्वीकार कर ली।
पूरी हत्या की योजना राज और सोनम ने मिलकर बनाई। इसके तहत सोनम ने अपने पति राजा रघुवंशी के साथ शिलांग घूमने की योजना बनाई और डबल डेकर ब्रिज जाने की तैयारी की। वहीं राज कुशवाह ने सोनम को नया मोबाइल और सिम दिया, जिससे वह तीनों हत्यारों – विक्की, आकाश और आनंद – से लगातार संपर्क में रही।
ये तीनों आरोपी इंदौर से पहले कोलकाता, फिर कामाख्या देवी होते हुए शिलांग पहुंचे।
घटना वाले दिन जब राजा और सोनम डबल डेकर ब्रिज जा रहे थे, तभी तीनों हमलावर मोटरसाइकिल से वहां पहुंचे और मौके देखकर राजा पर पीछे से धारदार हथियार से हमला कर दिया।
वहीं अगर राजा रघुवंशी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की बात करें तो, उसके अनुसार- राजा के सिर पर आगे और पीछे दो वार किए गए थे। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई और शव को खाई में फेंक दिया गया। हत्या के लिए जिस हथियार का उपयोग हुआ वह एक नया पेड़ काटने वाला धारदार औजार था, जिसे विशेष रूप से हत्या के लिए खरीदे जाने की आशंका है।
वारदात के बाद आरोपी इंदौर और बीना लौट गए, जबकि इस पूरी घटना का मास्टरमाइंड राज कुशवाहा वारदात के समय इंदौर में ही रहा, इसके अलावा उसने राजा के अंतिम संस्कार में भाग लिया ताकि शक से बचा जा सके।
इस बीच मीडिया में मामले की खबरें आने लगी, जिसके चलते सभी आरोपी डर और तनाव में थे। जैसे ही पुलिस ने मोबाइल लोकेशन, कॉल डिटेल्स और अन्य सबूत जुटा लिए, गिरफ्तारी शुरू हो गई। रविवार रात से लेकर सोमवार सुबह तक इंदौर, यूपी और अन्य स्थानों पर छापेमारी की गई।
इस दौरान सोनम रघुवंशी की अचानक गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) से गिरफ्तारी की खबर भी सामने आ गई। सोनम की गिरफ्तारी पर मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स के एसपी विवेक सायम ने बताया कि सोनम की गिरफ्तारी तब हुई जब पुलिस बाकी आरोपियों को पकड़ चुकी थी। इससे यह स्पष्ट होता है कि वह पुलिस के दबाव में सामने आई।
पुलिस के अनुसार, सोनम घटना वाले दिन अपने मोबाइल से लोकेशन लगातार भेज रही थी। जिसका एक CCTV फुटेज भी सामने आया है, जिसमें वह मोबाइल पर बात करती दिखाई दी थी। मेघालय पुलिस सोनम को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। इस मामले में और भी खुलासे और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
शिवम् दीक्षित एक अनुभवी भारतीय पत्रकार, मीडिया एवं सोशल मीडिया विशेषज्ञ, राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता, और डिजिटल रणनीतिकार हैं, जिन्होंने 2015 में पत्रकारिता की शुरुआत मनसुख टाइम्स (साप्ताहिक समाचार पत्र) से की। इसके बाद वे संचार टाइम्स, समाचार प्लस, दैनिक निवाण टाइम्स, और दैनिक हिंट में विभिन्न भूमिकाओं में कार्य किया, जिसमें रिपोर्टिंग, डिजिटल संपादन और सोशल मीडिया प्रबंधन शामिल हैं।
उन्होंने न्यूज़ नेटवर्क ऑफ इंडिया (NNI) में रिपोर्टर कोऑर्डिनेटर के रूप में काम किया, जहां इंडियाज़ पेपर परियोजना का नेतृत्व करते हुए 500 वेबसाइटों का प्रबंधन किया और इस परियोजना को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान दिलाया।
वर्तमान में, शिवम् राष्ट्रीय साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य (1948 में स्थापित) में उपसंपादक के रूप में कार्यरत हैं।
शिवम् की पत्रकारिता में राष्ट्रीयता, सामाजिक मुद्दों और तथ्यपरक रिपोर्टिंग पर जोर रहा है। उनकी कई रिपोर्ट्स, जैसे नूंह (मेवात) हिंसा, हल्द्वानी वनभूलपुरा हिंसा, जम्मू-कश्मीर पर "बदलता कश्मीर", "नए भारत का नया कश्मीर", "370 के बाद कश्मीर", "टेररिज्म से टूरिज्म", और अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले के बदलाव जैसे "कितनी बदली अयोध्या", "अयोध्या का विकास", और "अयोध्या का अर्थ चक्र", कई राष्ट्रीय मंचों पर सराही गई हैं।
उनकी उपलब्धियों में देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान (2023) शामिल है, जिसे उन्होंने जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार खान की साजिश को उजागर करने के लिए प्राप्त किया।
शिवम् की लेखन शैली प्रभावशाली और पाठकों को सोचने पर मजबूर करने वाली है, और वे डिजिटल, प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रहे हैं। उनकी यात्रा भड़ास4मीडिया, लाइव हिन्दुस्तान, एनडीटीवी, और सामाचार4मीडिया जैसे मंचों पर चर्चा का विषय रही है, जो उनकी पत्रकारिता और डिजिटल रणनीति के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
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