ब्रिटेन में इन दिनों बुर्के को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है। लोग बुर्के को अलगाववादी पोशाक कह रहे हैं। सुएला ब्रैवरमेन जहां टेलीग्राफ में लिख चुकी हैं कि ब्रिटेन में बुर्के पर प्रतिबंध लगना चाहिए तो वहीं एक और सांसद केमी बेडनोश ने कहा कि वे अपने संसदीय क्षेत्र में उस महिला से बात नहीं करती हैं, जो बुर्का पहने होती हैं।
संडे टेलीग्राफ के साथ बातचीत में केमी ने कहा कि ब्रिटेन जहां बुर्के पर पूरे देश में प्रतिबंध लगा सकता है, लेकिन ब्रिटेन में समावेशीकरण को लेकर और भी कई बड़े मुद्दे हैं, जिन्हें संबोधित किये जाने की आवश्यकता है। इनमें शरिया अदालतें और कज़िन के साथ शादी शामिल हैं। अगर आप मुझसे पूछें कि आप एकीकरण की शुरुआत कहां से करते हैं – तो शरिया अदालतें, ये सब बकवास सांप्रदायिकता की बातें, पहले चचेरे भाई-बहनों के साथ शादी- तो ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो कहीं ज़्यादा छल से भरी हैं और जो ज़्यादा समस्याओं को जन्म देती हैं।
The Telegraph asked me about Burqa Bans.
I don’t like these sorts of face coverings in fact I won’t hold my constituency surgeries with people in face coverings….but burqa bans won’t fix the problem of cultural separatism. There are better ways.
More in my response below👇 https://t.co/L7qdjyAPzx pic.twitter.com/7UE7ISfGSG
— Kemi Badenoch (@KemiBadenoch) June 8, 2025
आपको अपना ढका हुआ चेहरा खोलना ही होगा
उन्होंने कहा कि मेरा विचार है कि लोगों को वो पहनने की इजाजत होनी चाहिए जो वो पहनना चाहती हैं, न कि वो जो उनके शौहर उन्हें पहनने के लिए कह रहे हैं या वो जो उनका समुदाय कहता है कि उन्हें पहनना चाहिए। अगर आप मेरे निर्वाचन क्षेत्र में आते हैं, तो आपको अपना ढका हुआ चेहरा खोलना ही होगा, फिर चाहे वह बुर्का हो या बालाक्लावा। सांसद केमी कहती हैं कि वह उन लोगों से बात नहीं करती हैं, जो उन्हें चेहरा नहीं दिखाती हैं। मेरा यह भी मानना है कि अन्य लोगों के पास यह नियंत्रण होना चाहिए।
कार्यालयों और बुर्के पर की बात
कार्यालयों और बुर्के की बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह अधिकार सभी के पास होना चाहिए कि वे यह तय कर सकें कि उनके ऑफिस में आने वाले लोग क्या कपड़े पहनते हैं। संगठनों को यह तय करने का अधिकार होना चाहिए कि उनके कर्मचारी क्या पहनें; यह ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए जिसे लोग अनदेखा कर सकें।
निशाने पर लिया जाता है
हालांकि उनका यह भी मानना है कि केवल बुर्का प्रतिबंधित करने से समस्याओं का हल नहीं निकलेगा। ब्रिटेन के कानून में यह व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह कौन से वस्त्र पहनें। कार्यालय अधिकतर निशाने पर आ जाते हैं, यदि वे अपने कर्मचारियों से कहते हैं कि वे बुर्का या नकाब हटा दें। उन्हें इस आधार पर निशाने पर लिया जाता है कि वे किसी मजहबी यकीन के खिलाफ कदम उठा रहे हैं।हालांकि स्वास्थ्य कारणों से या सुरक्षा के कारणों का हवाला देकर कुछ नियम लागू करवाए जा सकते हैं।
ब्रिटेन की शरणार्थी व्यवस्था टूट चुकी है
केमी ने कहा कि वह अवैध अप्रवासन को रोकने के लिए डिजिटल आईडी कार्ड लाने का स्वागत करती हैं। केमी अवैध अप्रवासियों के खिलाफ भी बोलती हैं, लेकिन इसे लेकर वे लोगों के निशाने पर हैं। वे लगातार इसके खिलाफ बोलती रहती हैं। उन्होंने एक्स पर पोस्ट भी किया कि ब्रिटेन की शरणार्थी व्यवस्था टूट चुकी है। यदि हम अपनी सीमाओं को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं या फिर विदेशी अपराधियों को भेज नहीं सकते हैं, तो हमें उन संधियों से बाहर आ जाना चाहिए, जो हमें ऐसा करने से रोकती हैं।
कई नेताओं ने किया समर्थन
यूके की कंजरवेटिव पार्टी की सांसद केमी का यह बयान उस समय आया है, जब रिफॉर्म यूके की सांसद सारा पोंछिन ने संसद में कीर स्टार्मर से बुर्के पर प्रतिबंध की मांग की थी। रिफॉर्म यूके की एक और नेता निगेल फ़ैरेज ने भी इस मांग का समर्थन किया था और उन्हें इस कारण मुस्लिम समूहों से और साथ ही अपनी ही पार्टी से कुछ लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था।
जिया यूसुफ क्या बोले
रिफॉर्म पार्टी के चेयरमैन जिया यूसुफ ने इसे बचकाना बताते हुए इस विवाद के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि अब वे पार्टी में वापस आ गए हैं। उन्होंने मात्र 48 घंटे के भीतर ही अपना निर्णय बदलते हुए कहा कि इस्तीफा एक गलती थी, जो काफी समय तक काम करने के कारण थकावट के चलते हो गई थी। यूसुफ मुस्लिम हैं और गार्डियन के अनुसार उनका कहना है कि बुर्का के विषय मे उनके बहुत कट्टर विचार नहीं है, यदि मतदान होता और मैं संसद में होता, तो संभवतः मैं वास्तव में इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए मतदान करता।
यह देखना होगा कि ब्रिटेन में उठ रही इन आवाजों का परिणाम क्या निकलता है क्योंकि लगभग सभी का मानना यही है कि बुर्का महिलाओं को देश के साथ एकीकृत होने से रोकता है।
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