आतंक की खेती करने वाले पाकिस्तान के मंसूबों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तगड़ा झटका लगा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य के तौर पर वह आतंकवाद से जुड़ी प्रमुख समितियों का अध्यक्ष बनना चाहता था। लेकिन, अंत में उसे एक ही समिति का अध्यक्ष बनाया गया। पाकिस्तान यूएनएससी में 1988 के तालिबान प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा वह 1373 काउंटर टेररिज्म कमेटी का उपाध्यक्ष भी बना है।
कौन हैं वो चार समितियां
1373 काउंटर टेररिज्म कमेटी (CTC): इसका गठन 11 सितंबर 2001 के हमलों के बाद किया गया था। यह समिति सदस्य देशों की आतंकवाद विरोधी नीतियों की निगरानी करती है और सलाह देती है, लेकिन इसमें स्वतंत्र रूप से सजा देने या कार्रवाई करने की शक्ति नहीं है। 2025 के लिए अल्जीरिया इसका अध्यक्ष है।
1988 तालिबान प्रतिबंध समिति: इसे तालिबान से जुड़े व्यक्तियों और समूहों पर संपत्ति जब्ती, यात्रा प्रतिबंध और हथियार प्रतिबंध जैसे प्रतिबंध लागू करने के लिए बनाया गया है। पाकिस्तान 2025 में इसका अध्यक्ष है, और गुयाना व रूस उपाध्यक्ष हैं।
1267 अल-कायदा और आईएसआईएस प्रतिबंध समिति: इस समिति को अल-कायदा, आईएसआईएस और संबद्ध संगठनों पर प्रतिबंध लागू करती है। डेनमार्क 2025 में इसका अध्यक्ष है, जबकि रूस और सिएरा लियोन उपाध्यक्ष हैं।
1540 गैर-प्रसार समिति: यह समिति गैर-राज्य तत्वों द्वारा सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार को रोकने पर केंद्रित है। 2025 में पनामा इसका अध्यक्ष है।
पाकिस्तान जिन चार समितियों का अध्यक्ष बनना चाहता है, वो 1373 काउंटर टेररिज्म कमेटी (CTC), 1988 तालिबान प्रतिबंध समिति, अलकायदा औऱ आईएसआईएस 1267 प्रतिबंध समिति, 1540 गैर प्रसार समिति का अध्यक्ष पाकिस्तान बनना चाहता था। लाइव हिन्दुस्तान ने सरकारी सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि यूएनएससी में पाकिस्तान लगातार असंगत औऱ गैर जरूरी मांग कर रहा था, जिसके कारण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सहमति नहीं बन सकी। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के अड़ियल रवैये से यूएनएससी के सदस्य खुश नहीं थे।
इसी कारण से फैसले लेने में देरी हुई। यही एक कारण था कि कमेटियों के आवंटन में पांच माह की देरी हुई। इस प्रक्रिया को जनवरी 2025 में ही पूरी होनी चाहिए थी। वहीं सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन को इन समितियों का अध्यक्ष बनने में कोई रुचि नहीं थी, क्योंकि इन पदों की शक्तियां सीमित हैं।
काउंटर टेररिज्म कमेटी का रह चुका है अध्यक्ष
गौरतलब है कि सुरक्षा परिषद में काउंटर टेररिज्म समिति का अध्यक्ष दो बार पहले ही रह चुका है। वर्ष 2022 में सीटीसी का अध्यक्ष रह चुका है। इससे पहले 2011-12 में भी यह पद भारत के पास ही था। इस बात का जिक्र इसलिए, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र में भारत की भूमिका काफी अधिक प्रभावशाली रही है।
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