डेटा में डटे भारत के कदम तकनीक : डेटा में डटे भारत के कदम
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

डेटा में डटे भारत के कदम

भारत में जैसे-जैसे डिजिटल अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, डेटा खपत भी बढ़ रही है। एआई, 5जी और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी नए तकनीकों के उपयोग से इसमें और वृद्धि होगी। स्पष्ट है कि भारत के एक बड़े डेटा सेंटर के रूप में उभर रहा

by  डॉ. शशांक द्विवेदी
Jun 3, 2025, 01:45 pm IST
in भारत, विश्लेषण, विज्ञान और तकनीक
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

आज के सूचना और तकनीकी युग में डेटा एक नए संसाधन के रूप में उभरा है। इंटरनेट, स्मार्टफोन, क्लाउड कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे आधुनिक तकनीकी नवाचारों से डेटा की मांग कई गुना बढ़ गई है। डेटा को सुरक्षित रूप से संग्रहीत, प्रोसेस और ट्रांसफर करने के लिए जिस आधारभूत संरचना की आवश्यकता होती है, वह है–डेटा सेंटर।

डॉ. शशांक द्विवेदी
परियोजना प्रबंधक, टीएसएससी
(कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, भारत सरकार)

भारत जैसे विशाल और तेजी से डिजिटल होते देश में डेटा सेंटर उद्योग एक तकनीकी आवश्यकता से इतर आर्थिक इंजन का रूप ले रहा है। इसमें डिजिटल इंडिया अभियान, 5G तकनीक का आगमन और डेटा-संचालित सेवाओं की बढ़ती मांग इसे गति प्रदान कर रही है। सरकार और निजी कंपनियां डिजिटल अवसंरचना को जहां सशक्त बना रही हैं, वही डेटा सुरक्षा और स्थानीयकरण के नियमों ने भी डेटा सेंटर के महत्व को बढ़ा दिया है। डेटा सेंटर एक ऐसी संरचना है, जहां इंटरनेट सेवाओं, वेबसाइट्स, क्लाउड एप्लिकेशन, डिजिटल बैंकिंग, सोशल मीडिया और विभिन्न तकनीकी प्रणालियों से जुड़े डेटा की संग्रहीत और प्रबंधित किया जाता है। यह अत्याधुनिक सर्वर, नेटवर्क डिवाइसेज़, स्टोरेज सिस्टम, बिजली आपूर्ति, सुरक्षा उपकरण और बैकअप सेवाओं से युक्त होता है। इसे हम डिजिटल युग का ‘डिजिटल गोदाम’ भी कह सकते हैं।

डेटा सेंटर का वर्तमान परिदृश्य

देश में गत 5 वर्ष में डेटा सेंटर उद्योग का अभूतपूर्व विकास हुआ है। कोविड-19 महामारी के बाद डिजिटल सेवाओं की मांग में तेजी आई है। 2023 में देश की डेटा सेंटर क्षमता लगभग 1.5 गीगावाट थी, जिसके 2030 तक 17 गीगावाट तक पहुंचने की संभावना है। यह 12 गुना वृद्धि को दर्शाता है। पिछले 3 वर्ष में इस क्षेत्र में 27 अरब डॉलर से अधिक का निवेश हुआ है, जो 2027 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। 2020 में देश की कुल डेटा सेंटर क्षमता करीब 350 मेगावाट थी।

माइक्रोसॉफ्ट ने एआई और क्लाउड अवसंरचना के लिए 3 अरब डॉलर निवेश की घोषणा की है, जबकि रिलायंस, अडाणी, एयरटेल (Nxtra) और CtrlS जैसी भारतीय कंपनियां भी बड़े पैमाने पर डेटा सेंटर बना रही हैं। अडाणी समूह ने एक गीगावाट के दो डेटा सेंटर के लिए 10 अरब डॉलर के निवेश की योजना बनाई है, जिससे 2030 तक इनकी कुल क्षमता 10 गीगावाट तक पहुंच सकती है। हाल ही में मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने दुनिया का सबसे बड़ा डेटा सेंटर बनाने की योजना की घोषणा की है, जो वर्तमान प्रमुख सुविधाओं की क्षमता से संभवतः तीन गुना अधिक होगा और इसमें 20-30 अरब डॉलर का अनुमानित निवेश होगा।

कैपिटल लैंड इनवेस्टमेंट ने देश में डेटा सेंटर निर्माण के लिए 20-25 करोड़ डॉलर की निधि के लिए खाड़ी देशों के निवेशकों को लक्षित किया है, जो भारत को एआई शक्ति के रूप में उभरने में मदद करेगा। देश में अभी 121 कोलोकेशन डेटा सेंटर हैं और 87 नए केंद्रों की योजना बनाई गई है, जो महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों में केंद्रित हैं। मुंबई, पुणे, चेन्नै, बेंगलुरु, हैदराबाद और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र डेटा सेंटर के प्रमुख केंद्र बनते जा रहे हैं। मुंबई विशेष रूप से फाइबर केबल लैंडिंग स्टेशन और समुद्री संपर्क के कारण डेटा सेंटर के क्षेत्र में अगुआ बन कर उभरी है। मुंबई में डेटा सेंटर निर्माण की लागत तोक्यो और सिडनी की तुलना में कम है, जो निवेश के लिए इसे आकर्षक बनाता है।

सरकार की भूमिका और निजी क्षेत्र

केंद्र सरकार ने डेटा सेंटर को इन्फ्रास्ट्रक्चर स्टेटस देने की घोषणा की है, जिससे इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया जैसी योजनाएं भी इस क्षेत्र को गति प्रदान कर रही हैं। 2020 में प्रस्तावित डेटा सेंटर नीति के तहत सरकार ने एक रूपरेखा प्रस्तुत की थी, जिसमें भूमि आवंटन, बिजली की उपलब्धता, क्लियरेंस प्रक्रिया में सरलता और वित्तीय प्रोत्साहन जैसे बिंदुओं पर जोर दिया गया था। देश में कई प्रमुख कंपनियां जैसे एनटीटी, रिलायंस जिओ, भारती एयरटेल, अडाणी कॉनेक्स, जीडीसी इंडिया और हीरानंदानी समूह डेटा सेंटर सेक्टर में निवेश कर रही हैं। वैश्विक कंपनियां जैसे अमेजन वेब सर्विसेस ,माइक्रोसॉफ्ट अजुरे और गूगल क्लाउड भी भारत में डेटा सेंटर स्थापित कर रही हैं। शहरी क्षेत्रों में उपयुक्त भूमि की कमी एक चुनौती है, जिसे विशेष आर्थिक क्षेत्रों और डेटा सेंटर पार्क के विकास से हल किया जा रहा है।

डेटा स्थानीयकरण और कानून

डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम-2023 के तहत डेटा स्थानीयकरण को अनिवार्य है, यानी विदेशी कंपनियों को भारतीयों का डेटा देश में संग्रहित करना होगा। इससे भी डेटा सेंटर की मांग बढ़ी है।

हालांकि भारत में डेटा सेंटर के लिए उपयुक्त बाजार मौजूद है, परंतु इस क्षेत्र में कई चुनौतियां भी हैं। जैस-डेटा सेंटर में अत्यधिक बिजली की आवश्यकता पड़ती है। देश के हर क्षेत्र में सस्ती और निरंतर ऊर्जा उपलब्ध नहीं है। डेटा सेंटर से काफी मात्रा में गर्मी व कार्बन उत्सर्जन होता है, जिससे पर्यावरणीय समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। अत्याधुनिक तकनीक को संचालित करने के लिए प्रशिक्षित कर्मचारियों की आवश्यकता होती है, जो अभी भी सीमित संख्या में उपलब्ध हैं। कई राज्यों में मंजूरी प्रक्रिया में देरी और नियामकीय अस्पष्टता बनी हुई है।

भविष्य की संभावनाएं

भारत के लिए डेटा सेंटर वैश्विक केंद्र बनने की अपार संभावनाएं हैं। एशिया के मध्य में स्थित होने के कारण यह डेटा रूटिंग के लिए रणनीतिक रूप से लाभप्रद है। इंटरनेट व स्मार्टफोन का तेजी से प्रसार भी भारत को डेटा खपत का सबसे बड़ा बाजार बना रहा है। पश्चिमी देशों की तुलना में यहां निर्माण व संचालन लागत कम है। कई कंपनियां सौर व पवन ऊर्जा से ग्रीन डेटा सेंटर विकसित कर रही हैं, जो भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत है। एआई और आईओटी जैसी उभरती तकनीकों के लिए डेटा सेंटर की मांग और बढ़ेगी।

कुल मिलाकर भारत में तेजी से विकसित होता डेटा सेंटर उद्योग डिजिटल अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण स्तंभ बन सकता है। उचित नीतियों, पर्याप्त निवेश और तकनीकी नवाचार के साथ घरेलू मांग पूरी करने के साथ भारत में एशिया-प्रशांत क्षेत्र का डेटा स्टोरेज और प्रोसेसिंग का प्रमुख केंद्र बनने की क्षमता है। इसमें सरकार, उद्योग जगत और तकनीकी संस्थानों के बीच समन्वय आवश्यक है। सरकार की डेटा स्थानीयकरण नीति, डिजिटल इंडिया अभियान और क्लाउड सेवाओं की बढ़ती मांग ने डेटा सेंटर उद्योग को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। भारत को डेटा सेंटर का वैश्विक केंद्र बनाने में उचित नीति, निजी और सार्वजनिक निवेश तथा तकनीकी नवाचार के समुचित समन्वय के अलावा आईटी प्रतिभा, रणनीतिक स्थान, प्रतिस्पर्धी लागत और सरकारी समर्थन इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

Topics: डिजिटल अवसंरचनातकनीकी युगआर्टिफिशियल इंटेलिजेंसडिजिटल इंडियाडिजिटल अर्थव्यवस्था
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

शिक्षा से रोजगार तक

CM Yogi Aadityanath 11 yrs of Modi government

मोदी सरकार के 11 वर्ष: CM योगी आदित्यनाथ ने कहा- ‘सेवा और सुशासन का नया भारत’

AI से साइबर अपराध पर लगेगी लगाम : गृहमंत्री अमित शाह ने बताई सरकार की बड़ी योजना, आसानी से होगी म्यूल अकाउंट्स की पहचान

PM Narendra modi

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सफलतापूर्वक उपयोग करने से परिवर्तनकारी बदलाव संभव : प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक डिजिटल नियमों और नैतिक एआई पर जोर दिया, बताया क्या है भारत में डिजिटल का आधार

विषय अच्छा तो वीडियो चैनल भी उत्तम

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

“एक आंदोलन जो छात्र नहीं, राष्ट्र निर्माण करता है”

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, हाईकोर्ट ने दिया ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ का आदेश

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्याओं का समाधान’

दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

पंजाब में ISI-रिंदा की आतंकी साजिश नाकाम, बॉर्डर से दो AK-47 राइफलें व ग्रेनेड बरामद

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

बच्चों में अस्थमा बढ़ा सकते हैं ऊनी कंबल, अध्ययन में खुलासा

हमले में मारी गई एक युवती के शव को लगभग नग्न करके गाड़ी में पीछे डालकर गाजा में जिस प्रकार प्रदर्शित किया जा रहा था और जिस प्रकार वहां के इस्लामवादी उस शव पर थूक रहे थे, उसने दुनिया को जिहादियों की पाशविकता की एक झलक मात्र दिखाई थी  (File Photo)

‘7 अक्तूबर को इस्राएली महिलाओं के शवों तक से बलात्कार किया इस्लामी हमासियों ने’, ‘द टाइम्स’ की हैरान करने वाली रिपोर्ट

राजस्थान में भारतीय वायुसेना का Jaguar फाइटर प्लेन क्रैश

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies