भारतीय शतरंज ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश (Dommaraju Gukesh) ने एक बार फिर अपने जबरदस्त प्रदर्शन से दुनिया को चौंका दिया है। नॉर्वे चेस 2025 के छठे राउंड में उन्होंने पांच बार के वर्ल्ड चैंपियन मैग्नस कार्लसन को क्लासिकल टाइम कंट्रोल फॉर्मेट में पहली बार पराजित कर इतिहास रच दिया। यह जीत न सिर्फ गुकेश के करियर की एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि भारतीय शतरंज के लिए भी गौरव का क्षण है। गुकेश की इस ऐतिहासिक जीत के बाद पूरे भारत में जश्न का माहौल है। खेल प्रेमियों और विशेषज्ञों ने उनकी रणनीतिक बुद्धिमत्ता और आत्मविश्वास की जमकर सराहना की है।
वहीं दूसरी ओर, हार से बेहद आहत मैग्नस कार्लसन अपना आपा खो बैठे। मैच खत्म होते ही उन्होंने गुस्से में शतरंज बोर्ड पर जोरदार घूंसा मारा, जिससे वहां मौजूद दर्शक और आयोजक चकित रह गए। हार के बाद मैग्नस कार्लसन यह रिएक्शन, जिसमें उन्होंने हार के बाद चेस बोर्ड पर घूंसा मारा, सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। हालांकि तुरंत ही उन्हें अपनी गलती का एहसास भी हुआ और उन्होंने तुरंत माफी मांगी और खेल की गरिमा को बनाए रखते हुए विजेता गुकेश को जीत की बधाई दी। इस पूरे घटनाक्रम ने खेल की दुनिया में एक बार फिर यह साबित कर दिया कि असली खेल भावना हार और जीत से ऊपर होती है। जहां गुकेश की जीत ने भारत को गौरवान्वित किया, वहीं कार्लसन की माफी और विनम्रता ने भी दर्शकों का सम्मान जीता। गुकेश की यह जीत यह दर्शाती है कि नई पीढ़ी के भारतीय खिलाड़ी अब विश्व स्तर पर दबदबा कायम करने लगे हैं।
डी गुकेश की शानदार जीत।
पांच बार के चैंपियन मैग्नस कार्लसन को दी करारी मात।
डी गुकेश ने रविवार को नॉर्वे चेस टूर्नामेंट के छठे राउंड में मैग्नस कार्लसन को पहली बार क्लासिकल गेम में हराकर अपना बदला पूरा कर लिया। pic.twitter.com/vDY4JSIFgG
— Panchjanya (@epanchjanya) June 2, 2025
गुकेश डी ने ऐसे मनाया जीत का जश्न
नॉर्वे चेस 2025 के छठे राउंड में जब डी. गुकेश ने पूर्व विश्व चैंपियन और लंबे समय तक नंबर-1 रहे मैग्नस कार्लसन को क्लासिकल फॉर्मेट में हराया, तो यह एक ऐतिहासिक पल बन गया। लेकिन इस बड़ी उपलब्धि के बाद भी गुकेश ने कोई जश्न नहीं मनाया, न ही कोई आक्रामक प्रतिक्रिया दी। मैच खत्म होते ही उन्होंने बस शांत भाव से कार्लसन से हाथ मिलाया, फिर चुपचाप अपनी सीट से उठे और एक कोने में जाकर खड़े हो गए। उन्होंने अपने दोनों हाथ मुंह पर रख लिए, जैसे खुद को यह यकीन दिला रहे हों कि यह सपना नहीं, हकीकत है उन्होंने सच में मैग्नस कार्लसन को मात दे दी है। उनकी यह सादगी और आत्मसंयम ने खेल प्रेमियों का दिल जीत लिया। यह क्षण केवल एक जीत नहीं, बल्कि एक नई पीढ़ी के आत्मविश्वास, धैर्य और खेल भावना का प्रतीक बन गया।
गुकेश डी ने की कमाल की वापसी
19 वर्षीय भारतीय ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश ने नॉर्वे चेस 2025 में न सिर्फ इतिहास रचा, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि सच्चा खिलाड़ी हार से नहीं, बल्कि उसके बाद की प्रतिक्रिया से पहचाना जाता है। पहले राउंड में जब गुकेश को मैग्नस कार्लसन से हार का सामना करना पड़ा था, तब कार्लसन ने एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा था, ‘जब आप राजा के खिलाफ खेलते हैं तो चूकना नहीं चाहिए।’ इस पोस्ट को कई लोगों ने गुकेश के प्रति एक चेतावनी या आत्मविश्वास से भरा संदेश माना। लेकिन गुकेश ने सोशल मीडिया पर कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने इसका जवाब अपने खेल से दिया। छठे राउंड में उन्होंने उसी “राजा” को मात दी, और वह भी क्लासिकल फॉर्मेट में, जहां कार्लसन को हराना दुनिया के लिए अब भी किसी चुनौती से कम नहीं माना जाता। गुकेश की यह जीत न केवल तकनीकी रूप से शानदार थी, बल्कि यह एक युवा खिलाड़ी के आत्मबल, धैर्य और शांति से मिले जवाब की भी कहानी बन गई।
पूरे मुकाबले के दौरान गुकेश ने दिया धैर्य और अनुशासन का परिचय
नॉर्वे चेस 2025 के छठे राउंड में जब 19 वर्षीय डी. गुकेश सफेद मोहरों के साथ बोर्ड पर उतरे, तो सामने थे शतरंज के महानायक मैग्नस कार्लसन। शुरुआती खेल में कार्लसन ने दबदबा बनाए रखा और अधिकांश समय बढ़त में रहे। लेकिन गुकेश ने न तो घबराहट दिखाई, न ही जल्दबाज़ी की, उन्होंने पूरे खेल में धैर्य और अनुशासन का अद्भुत परिचय दिया। जैसे-जैसे खेल इंक्रीमेंट टाइम कंट्रोल की ओर बढ़ा, गुकेश ने एक के बाद एक सटीक चालें चलकर संतुलन बनाना शुरू किया। उन्होंने कार्लसन की एक छोटी-सी चूक को भांपते हुए खेल की दिशा ही पलट दी। इस एक गलती पर आधारित गुकेश की रणनीति ने मैच का रुख बदल दिया।आख़िरी पलों में गुकेश ने एक चौंकाने वाले काउंटरअटैक के साथ न सिर्फ दबाव बनाया, बल्कि मैच को अपने नाम भी कर लिया। यह जीत सिर्फ एक गेम नहीं थी, यह संयम, विश्लेषण और आत्मविश्वास से जीती गई एक ऐतिहासिक बाज़ी थी। गुकेश की इस शानदार वापसी ने दिखा दिया कि वो अब सिर्फ उभरते सितारे नहीं, बल्कि दिग्गजों की कतार में खड़े होने को तैयार हैं।
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