कट्टरपंथियों द्वारा जलाया गया मंदिर (फोटो साभार: द हिन्दू वॉयस)
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार किए जा रहे हैं। इसमें भी हिन्दू समुदाय के लोगों को चुन-चुन कर कट्टरपंथी अटैक कर रहे हैं। हालांकि, मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली कट्टरपंथी सरकार इसे केवल एक प्रोपागेंडा बता रही है। ताजा मामला छत्रग्राम जिले के सीताकुंडा उपजिला की बताई जा रही है, जहां इस्लामिक कट्टरपंथियों ने काली माता के मंदिर पर हमला करके उसमें जमकर तोड़ फोड़ की और पूरे मंदिर को ही जला दिया।
एक्स हैंडल हिन्दू वॉयस की रिपोर्ट के अनुसार, छत्रग्राम जिले के अंतर्गत आने वाले सीताकुंडा उपजिला के सलीमपुर जाफराबाद गांव में स्थित काली माता के मंदिर पर बड़ी संख्या में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने हमला कर दिया। कट्टरपंथियों ने सबसे पहले वहां तोड़फोड़ और लूटपाट की। इससे भी जब मन नहीं भरा तो उन्होंने पूरे मंदिर को ही जला दिया। हैंडल के द्वारा शेयर किए गए वीडियो और फोटो में काली माता की मूर्तियों के अवशेषों को देखा जा सकता है। इसके अलावा वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि मंदिर को जला दिया गया है। अब वहां केवल राख का ढेर ही नजर आता है।
गौरतलब है कि जब बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार थी, तब भी ऐसी घटनाएं अक्सर सामने आती थीं, लेकिन 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना के तख्तापलट के साथ ही वहां पर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने सत्ता की बागडोर संभाली। इसके बाद तो कोई भी दिन ऐसा नहीं बीता, जब किसी हिन्दू या हिन्दू मंदिर को निशाना बनाने की कोशिश न की गई हो। केवल 5 अगस्त से 9 अगस्त 2024 के बीच ही कट्टरपंथियों सैकड़ों की संख्या में हिन्दू मंदिरों पर हमले किए, तोड़फोड़ की थी और लूटा भी। एक दिन पहले भी जैसोर जिले के दहरामशियाहाटी गांव से सामने आया है, जहां अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय के 20 घरों को कट्टरपंथियों ने लूटने के बाद आग के हवाले कर दिया गया। उन्मादियों के हिंसक हमले में पीड़ित हिन्दुओं ने अपनी संपत्ति और घर सहित सब कुछ खो दिया।
हमलावर कट्टरपंथियों ने पहले हिन्दू घरों से नकदी और सोने-चांदी के आभूषण लूट लिए, उसके बाद हिन्दू महिलाओं से छेड़छाड़ करते हुए कई लोगों के साथ मारपीट की गई। साथ ही, गांव के मंदिर को भी इस्लामिक चरमपंथियों ने निशाना बनाया। उन्मादियों के इस हमले में कई लोग घायल हुए हैं। माणिकगंज जिले में मां काली के मंदिर में भी आग लगा दी गई थी।
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