ऑपरेशन सिंदूर के बाद दुनियाभर में पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए भेजा गया बहुदलीय प्रतिनिधि मंडल ब्राजील पहुंच गया है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर इस प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे हैं। 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल कोलंबिया से सीधे ब्राजीलिया पहुंचा है।
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ब्राजीलिया पहुंचने पर भारतीय दूतावास ने प्रतिनिधिमंडल का जोरदार स्वागत किया। हालांकि, नवनियुक्त राजदूत के आने से पहले दूतावास चार्ज डी’अफेयर्स के नेतृत्व में चल रहा है। भारतीय मूल के राहुल घनसोला, जो उत्तराखंड से हैं, ने कहा, “हमें गर्व है कि भारत ने पहलगाम हमले का करारा जवाब दिया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ आतंकवाद के खिलाफ हमारी मजबूत इच्छाशक्ति का प्रतीक है।” ब्राजील में भारतीय समुदाय इस दौरे से उत्साहित है और इसे भारत की वैश्विक छवि को मजबूत करने वाला कदम मान रहा है।
ब्राजील के दौरे पर थरूर की अगुवाई में ये प्रतिनिधिमंडल कोलंबिया के दौरे गया था। , जहां कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सिंधु जल समझौते का जिक्र करते हुए कहा था कि भारत केवल अपने आत्मरक्षा के अधिकारों का प्रयोग कर रहा है। उन्होंने कोलंबिया के बागोटा में कहा कि सद्भावना और सौहार्द की भावना से 1960 के दशक की शुरुआत में पाकिस्तान को सिंधु जल संधि की पेशकश की थी। लेकिन, आतंकवाद के जरिए पाकिस्तान ने बार-बार उस सद्भावना को धोखा दिया। अब तो केवल भारत अपने आत्मरक्षा के अधिकार का प्रयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि दशकों से भारत पर आतंकी हमलों और संघर्षों के बाद भी ये संधि चालू रही, लेकिन वर्तमान सरकार ने अब इसे स्थगित कर दिया है। इसका अर्थ ये है कि ये प्रभावी रूप से निलंबित है।
थरूर ने ये भी कहा था कि जहां तक संधि के संचालन की बात की जाए तो हम एक उदार पड़ोसी रहे हैं। हम सिंधु नदी के ऊपरी तटवर्ती राज्य हैं। पूरी उदारता के साथ हमने पाकिस्तान को वो पानी दिया, जिसका वो हकदार था। यहां तक कि हमने संधि के तहत अपने हक वाले पानी तक का इस्तेमाल नहीं किया। लेकिन, अब ये स्पष्ट हो चुका है कि सद्भावना के आधार पर एकतरफा काम करने का समय अब खत्म हो चुका है।
आतंकवाद पर भारत के दृढ़ रुख को दोहराया
शशि थरूर ने कोलंबिया की सरकार के समक्ष आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख को स्पष्ट करते हुए कहा कि देश ने तय कर लिया है कि पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों को दंडित किए बिना नहीं छोड़ना है। इसीलिए ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ढांचों पर हमले शुरू किए गए हैं। थरूर ने पाकिस्तान की मिलीभगत को सामने रखते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान वहां (पाकिस्तान) प्रतिबंधित लिस्ट में शामिल आतंकियों में से एक का सुप्रचारित अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें पाकिस्तानी सेना के अधिकारी और पुलिस कर्मी भी शामिल हुए थे।
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