देहरादून । योग महोत्सव से पूर्व देव भूमि उत्तराखंड में एक जून से विभिन्न स्थानों में योग शिविर लगने शुरू हो गए है, इस बार इन शिविरों के जरिए एक अभिनव पहल की गई है। जिसमें योग के साथ साथ सनातन के वेद पुराणों के बारे में भी लोगों को जानकारी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार एवं राज्य स्वच्छ गंगा मिशन, नमामि गंगे उत्तराखण्ड के संयुक्त तत्वावधान में प्रदेशभर में योग शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
सचिव पेजयल शैलेश बगौली जी व कार्यक्रम निदेशक रणवीर सिंह चौहान जी के दिशा निर्देशो में नमामि गंगे कार्यक्रम ने एक नई पहल करते हुए योग शिविरों के साथ-साथ आसपास स्थित मंदिरों, मठों और धार्मिक स्थलों,नदियों के तटों पर पर योग शिविरों का आयोजन कर रहा है इन शिविरो का आयोजन 1 जून से 21 जून तक होगा।
जिनमें योग के लिए आने वाले आमजनमानस, विद्यार्थियों आदि को नदियों की सभ्यता, संस्कृति और धार्मिक ग्रन्थों, वेद, पुराणों की जानकारी योगाभ्यास के साथ साथ दी जायेगी। जिसका मुख्य उद्देश्यं वेदों, पुराणों में वर्णित नदियों के महत्व, गंगा नदी की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक भूमिका शामिल है।
नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत 43 महाविद्यालय सूचीबद्ध है जिनमें से इस बार 13 महाविद्यालयों को चयनित किया गया।
इसके लिए 13 नमामि गंगे नोडल अधिकारी नामित किए गए है। जोकि योगाशिविरों के लिए योगा आर्चाय, इतिहासकार और वेद पुराण के ज्ञाताओं से समन्वय किया गया है। जो इन शिविरों में अपने-अपने विषयों पर जानकारी देगें।
योग, वेदों का एक साथ प्रचार प्रसार : पुष्कर सिंह धामी
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि नई पीढ़ी को योग के साथ साथ अपने वेद पुराणों उपनिषदों की भी जानकारी दिए जाने की आवश्यकता को देखते हुए,नमामि गंगा उत्तराखंड के जरिए ये अभिनव पहल की गई है। ज्ञान और योग की गंगा देव भूमि से एक साथ निकलती है हम ये संदेश देश को देना चाहते है।
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