पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के मामले में गिरफ्तार किए गए दो गद्दार हारुन औऱ मोहम्मद तुफैल यूपी एटीएस की पूछताछ में टूट गए हैं। इन दोनों ने राज उगलने शुरू कर दिए हैं। ये दोनों पाकिस्तानू दूतावास में तैनात मुजम्मिल के संपर्क में थे। इन दोनों ने जांच एजेंसी को बताया है कि मुजम्मिल ही पैसे देता था।
लाइव हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, अब एटीएस की टीम इन दोनों से ये जानने की कोशिश कर रही है कि मुजम्मिल किन लोगों को पैसे दिलवाता था, साथ ही कहां-कहां से उससे इंटेलीजेंस मांगे गए थे। यह भी पता करने की कोशिश की जा रही है कि मुजम्मिल ने अब तक कितने लोगों को पाकिस्तान का वीजा दिलवाया था। हारुन जो कि कई बार पाकिस्तान की यात्रा कर चुका है, उसने एजेंसी को बताया कि वह देश के कई हिस्सों में जा चुका है। जबकि, तुफैल से उन 600 नंबरों के बारे में पता किया गया, जिनके जरिए वह पाकिस्तान में अपने आकाओं से संपर्क करता था।
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फेसबुक से मिला नफीसा से
तुफैल ने पाकिस्तानी सेना की अधिकारी नफीसा से मुलाकात को लेकर भी जानकारी साझा की कि वह उससे फेसबुक के जरिए मिला था। तुफैल को नफीसा ने बताया था कि वो खुद यूपी की ही रहने वाली है। बहरहाल, अब जांच एजेंसी आगे की पड़ताल में लगी हुई है।
24 मई को गिरफ्तार हुए थे हारुन और तुफैल
गौरतलब है कि यूपी एटीएस ने 24 मई को वाराणसी निवासी मोहम्मद तुफैल और दिल्ली के सीलमपुर निवासी हारुन को गिरफ्तार किया था। इन पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पहलगाम आतंकी हमले के बाद मोहम्मद तुफैल के मोबाइल से कुछ व्हाट्सएप चैट डिलीट हुए थे। वहीं, कबाड़ का काम करने वाले हारुन को लेकर यह खुलासा किया गया था कि वह पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारी मुजम्मल हुसैन के साथ मिलकर पाकिस्तान का वीजा दिलवाने के नाम पर अवैध धन वसूली कर रहा है और उसके साथ राष्ट्र हित से जुड़ी सुरक्षा संबंधित सूचना साझा कर देश-विरोधी गतिविधियों में लिप्त है।
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