काशीपुर: उधम सिंह नगर जिले में काशीपुर में बनाई जा रही अवैध मजारों प्रकाशित होने के बाद उधम सिंह नगर जिला विकास प्राधिकरण ने नोटिस जारी करते हुए भुल्लन शाह मजार के खादिम को दो दिन में जवाब देने को कहा है था, जवाब नहीं देने पर प्राधिकरण ने पुनः नोटिस देते हुए लिखा है कि 15 दिन में स्वयं अवैध निर्माण हटा ले अन्यथा प्रशासन ध्वस्तीकरण की कारवाई करेगा और उसकी वसूली भी की जाएगी।
इस मामले में न तो अभी तक नोटिस के जवाब में अवैध मजार इंतजामिया कमेटी ने कोई संतोष जनक जवाब दिया और न ही स्वयं अवैध निर्माण को तोड़ा। इस मामले में प्रशासनिक कार्रवाई के इंतजार में भी 5 माह का समय बीत गया है। काशीपुर शहर और ग्रामीण क्षेत्र में एक दो नहीं करीब तीस मजारे अवैध रूप से बना दी गई और इनमें से कुछ तो लोगों की निजी जमीन पर कब्जे करने की नियत से भी बनाई गई है। जिसे लेकर कई बार तनाव भी हो चुके है।
जानकार बताते है कि इतने फकीर तो काशीपुर में कभी देखे सुने भी गए जो यहां दफना दिए गए होंगे। हकीकत ये है कि इन मजारों के अंदर कुछ भी नहीं है। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में धामी सरकार ने 5 सौ से अधिक अवैध मजारों को ध्वस्त किया है और इनमें कोई किसी भी प्रकार का अवशेष नहीं मिला। जानकार बताते है कि इन मजारों में मुस्लिम सजदा नहीं करते बल्कि हिंदू अंधविश्वासी जाते हैं और ये एक बिजनेस करने का अड्डा है जहाँ मुस्लिम खादिम बैठकर हिंदुओं को झाड़फूंक कर पैसा कमाते हैं।
बहरहाल काशीपुर में अचानक से आलीशान मजारों के बनने के पीछे क्या रहस्य है, कौन इन्हें फंडिंग कर रहा है ? किसकी अनुमति से ये बनाई गई है और इनके पीछे क्या उद्देश्य है? अवैध मजारों को लेकर हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों में गहरा आक्रोश भी देखा जा रहा है।
उधर इस बारे में एडीएम पंकज उपाध्याय ने बताया कि अवैध निर्माण के खिलाफ बीते कल भी कार्रवाई की गई है और आगे भी की जाएगी,बेहतर होगा कि लोग खुद ही अतिक्रमण, अवैध निर्माण हटा ले।
नगर निगम के मेयर दीपक बाली ने भी स्पष्ट किया है कानून के दायरे में जो निर्माण किया जाएगा वहीं स्वीकार किया जा सकता है, अवैध निर्माण, अतिक्रमण के बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देशों पर हम काम करेंगे। काशीपुर को हमने काशी जैसी सनातन नगरी बनाना है यहां कोई जेहाद नहीं चलने दिया जाएगा।
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