भुवनेश्वर: ओडिशा के जनजातीय बहुल सुंदरगढ जिले के फुलझर ग्राम पंचायत में चार जनजातीय परिवारों के 14 लोगों ने घर वापसी की है। इनमें दो मुंडा जनजाति के परिवार व दो भूयां जनजाति के परिवार शामिल हैं। ईसाई मिशनरियों द्वारा प्रलोभन देकर कुछ साल पहले इनका कनवर्जन कराया गया था लेकिन इन लोगों को अपनी गलती का अहसास होने के बाद उन्होंने घर वापसी की। यह घर वापसी कार्यक्रम हिंदू जागरण मंच द्वारा आयोजित किया गया था। संत हरि बाबा के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम में विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल व अन्य हिन्दू संगठनों की सहभागिता रही।
घरवापसी के कार्यक्रम से पहले सैकडों की संख्या में गांव के लोगों ने कलस शोभायात्रा निकाली। इसके बाद एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया गया। घर वापसी करने वाले परिवारों को पुरुष सदस्य अपना बाल मुंडन करा कर व स्नान कर नये वस्त्र पहना। इसके बाद वैदिक रीति नीति में उन्होंने घर वापसी की।
इस घर वापसी कार्यक्रम में प्रमुख भूमिका निर्वाह करने वाले भरत कुमार महांत ने बताया कि कुछ समय पूर्व ईसाई मिशनरियों ने फुलझर ग्राम पंचायत के कुछ परिवारों को प्रलोभित कर व अन्य गैर कानूनी उपायों से कनवर्ट कर लिया था लेकिन उन परिवारों को अपनी गलती का अहसास होने के बाद उन्होंने इस कार्यक्रम के जरिये घरवापसी की। उनके घर वापसी करने पर उनका हम स्वागत करते हैं।
हिन्दू जागरण मंच के स्थानीय कार्यकर्ता विजय कुमार बारिक ने बताया कि ईसाई मिशनरी शक्तियां गत कुछ सालों से ही फुलझर पंचायत व आस पास के पंचायतों में काफी अधिक सक्रिय हैं। वे विभिन्न जनजाति संप्रदाय जैसे मुंडा, भूयां ल पात्र संप्रदाय के लोगों को झूठे आश्वासन व प्रलोभन देकर ईसाइयत में कनवर्ट करने के प्रयासों में लगे हुए हैं । मिशनरियों के इन प्रलोभन व झूठे आश्वासनों के शीकार कुछ परिवारों को लगा कि उनके साथ धोखा हुआ है। इस कारण हिन्दू जागरण मंच व अन्य हिन्दू संगठनों के सहयोग से यह कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें अपने स्वधर्म में लौटाया गया। अब वे जडों से फिर से जुड गये हैं।
यह हमारे लिए प्रसन्नता का विषय है। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ओडिशा (पश्चिम) प्रांत के समरसता प्रमुख शांतनु कुसुम ने पांचजन्य से बात करते हुए बताया कि ईसाई मिशनरियों के निशाने पर ओडिशा के जनजातीय लोग हैं । उनके द्वारा जनजाति समुदायों को आस्था उपचार और आत्मिक मुक्ति के नाम पर गुमराह कर उन्हें कनवर्ट किया जा रहा है। इसमें न केवल जनजातीय लोग अपने जडों से कट जा रहे हैं बल्कि समाज में विद्वेष की भावना भी बढ रही है। इस लिए उनके इस तरह के कार्यों पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि जो लोग कानून का उल्लंघन कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
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