उत्तर प्रदेश

पहले मथुरा और अब हनुमानगढ़ी पहुंच गए हैं विराट कोहली, पत्नी अनुष्का भी साथ

भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली और उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा ने अयोध्या में हनुमानगढ़ी के दर्शन किए। हाल ही में वे वृंदावन में प्रेमानंद महाराज से भी मिले, जहाँ महाराज ने उन्हें सफलता और असफलता में धैर्य रखने की सीख दी।

Published by
Kuldeep singh

भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ लगातार देवस्थानों के दर्शन करने के लिए जा रहे हैं। इसी क्रम में भगवान राम की नगरी अयोध्या में पहुंचे हैं, जहां उन्होंने हनुमानगढ़ी जाकर वहां भगवान हनुमान जी के चरणों में माथा टेका। इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा भी साथ थीं। दोनों ने वैदिक विधि विधान से पूजा अर्चना की।

संन्यास के बाद गए थे मथुरा

टेस्ट क्रिकेट से सन्यास लेने के बाद क्रिकेटर विराट कोहली अपनी पत्नी अनुष्का संग मथुरा के वृंदावन में केली कुंज आश्रम में प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंचे थे। ये विराट कोहली का तीसरा मथुरा दौरा था। इससे पहले वह चार माह पहले 10 जनवरी 2025 को प्रेमानंद महाराज से मिलने गए थे।

इस दौरान प्रेमानंद महाराज ने अनुष्का और विराट से उनका कुशल क्षेम पूछा। इस पर अनुष्का ने पूछा कि जब हम लोग यहां पिछली बार आए थे, तो मन में कुछ सवाल थे, जिन्हें मैं आपसे पूछ नहीं पाई थी। क्यों जो सवाल मेरे अंदर होते थे, वो कोई न कोई पूछ ही लेता था।

इस पर प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि श्री जी वो व्यवस्थाएं कर देती हैं। वो कहते विराट कोहली को संबोधित करते हुए कहते हैं कि जब ये विजयी होते हैं तो पूरे भारत में आनंद का माहौल होता है। पटाखे फूटते हैं, क्या ये इनकी साधना नहीं है। इनके साथ तो पूरे भारत का बच्चा-बच्चा खुश होता है।

असफलता में रखें धैर्य

विराट कोहली के धैर्य में कैसे रहें? सवाल के जवाब में प्रेमानंद महाराज ने भगवान का ध्यान करते हुए धैर्य रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि धैर्य रखना सबसे अधिक कठिन होता है। क्योंकि जब आप असफलता में धैर्य के साथ मुस्कुराते हुए आगे बढ़ जाएं तो ये बड़ी बात होती है। रात है तो दिन का आना निश्चित है। इसलिए हमें धैर्यपूर्वक भगवान का ध्यान करना चाहिए। वह कहते हैं कि जो सम्मान सफलता में मिलता है, वो असफलता में नहीं मिलता है।

वहीं अनुष्का ने कहा कि मुझे तो आप प्रेम भक्ति दे दो बस। इस पर प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि ऐसा प्रतीत होता है कि आप पर भक्ति का विशेष प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि भक्ति के ऊपर कुछ भी नहीं है।

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