झारखंड में पुलिस से मुठभेड़ में गोली लगने से घायल नक्सली अखिलेश यादव उर्फ मिथलेश यादव उर्फ बुट्टन उर्फ गौतम वाराणसी में छिपकर इलाज करा रहा था। झारखंड पुलिस की सूचना पर लंका पुलिस ने इलाज करा रहे अखिलेश यादव को पकड़ लिया है। नाम पता बदलकर लंका थाना क्षेत्र के रोहित नगर इलाके में साईं मेडिसिटी सेंटर के ICU में भर्ती था। 5 दिनों से छिपकर इलाज करा रहा था।
डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने बताया कि 17 मई को पलामू के मनातू थाना क्षेत्र के बसकटिया के जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। मुठभेड़ में टीएसपीसी ( प्रतिबंधित माओवादी संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति सम्मेलन ) का जोनल कमांडर शशिकांत दस लाख का इनामी, पांच लाख का इनामी मुखदेव शंभू सिंह, गौतम समेत सात आठ लोग बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए रुके हुए थे। पुलिस और सुरक्षाबलों ने घेराबंदी की तो उधर से फायरिंग शुरू कर दी गई। जवाबी कार्रवाई में कई नक्सली घायल हुए। जिनमें अखिलेश यादव उर्फ मिथलेश उर्फ गौतम को उसके साथी लेकर जंगलों में फरार हो गए।
घायल अखिलेश अपने भतीजे आकाश के साथ कार से इलाज कराने वाराणसी भाग आया। चेकिंग प्वाइंट पर भतीजे द्वारा गलत नाम पता बताया गया। साईं मेडिसिटी सेंटर में डाक्टरों ने इलाज शुरू कर दिया और ICU में भर्ती कर दिया। झारखंड पुलिस ने भतीजे का नंबर सर्विलांस पर लगाया तो लोकेशन वाराणसी का मिला। लंका पुलिस ने अस्पताल पहुंचकर जांच किया तो पता चला अखिलेश ने मिथलेश नाम से इलाज करवाया है। वही अस्पताल के द्वारा गनशाट की जानकारी पुलिस को नहीं दी गई। पुलिस द्वारा सीएमओ को लिखित इस बात की जानकारी कार्रवाई हेतु दिया गया है।
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