वक्फ कानून पर 97 लाख लोगों से राय ली, याचिकाकर्ता पूरे मुस्लिम समाज के प्रतिनिधि नहीं : सुप्रीम कोर्ट में सरकार
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

वक्फ कानून पर 97 लाख लोगों से राय ली, याचिकाकर्ता पूरे मुस्लिम समाज के प्रतिनिधि नहीं : सुप्रीम कोर्ट में सरकार

वक्फ संशोधन अधिनियम पर केंद्र ने SC में कहा—97 लाख लोगों से सुझाव मिले, JPC की सिफारिश पर संशोधन हुआ, याचिकाकर्ता पूरे समुदाय का प्रतिनिधि नहीं।

by SHIVAM DIXIT
May 21, 2025, 10:52 pm IST
in भारत, दिल्ली
supreme court

भारत का सर्वोच्च न्यायालय

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन अधिनियम (Waqf Amendment Act) को लेकर दूसरे दिन की सुनवाई हुई।  इस सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में पक्ष रखा।

व्यापक चर्चा और परामर्श के बाद हुआ संशोधन : सरकार

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि वक्फ कानून में किए गए संशोधन व्यापक विमर्श और बहुपक्षीय सलाह-मशविरा के बाद लाए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता संपूर्ण मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को सरकार की ओर से बताया गया कि-

  • 97 लाख से अधिक लोगों से सुझाव प्राप्त हुए।
  • 25 वक्फ बोर्डों से राय ली गई, जिनमें से कई ने स्वयं उपस्थित होकर अपनी बातें रखीं।
  • राज्य सरकारों से भी विधेयक पर चर्चा की गई।
  • प्रत्येक संशोधन धाराओं (क्लॉज़) पर विस्तार से विचार किया गया। इसमें आए कुछ सुझावों को स्वीकार किया गया।

ट्रांसपेरेंसी के साथ लिया गया निर्णय : सरकार

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति बी.आर. गवई ने यह प्रश्न उठाया कि क्या इस मामले में सरकार स्वयं ही अपने दावे की पुष्टि कर सकती है?

इसके उत्तर में सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा- यह बात सही है कि सरकार खुद अपने दावे की पुष्टि नहीं कर सकती। प्रारंभिक विधेयक में कलेक्टर को निर्णयकर्ता नियुक्त किया गया था, लेकिन इस पर आपत्ति जताई गई कि वह स्वयं ही मामले में जज और पक्षकार दोनों होंगे।

इसीलिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के सुझाव पर कलेक्टर के अतिरिक्त किसी अन्य अधिकारी को नामित करने की बात मानी गई। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारी केवल रिकॉर्ड के आधार पर निर्णय लेते हैं, न कि संपत्ति के टाइटल का अंतिम निर्धारण करते हैं।

भूमि और ट्रस्ट की भूमिका पर सरकार की स्पष्टता

सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कोर्ट को यह भी बताया कि सरकार देश की ज़मीन को सभी नागरिकों की ओर से ट्रस्ट की तरह संभालती है। वक्फ से संबंधित उपयोग मालिकाना हक के आधार पर नहीं, बल्कि लंबे समय तक के उपयोग पर आधारित होता है।

उन्होंने सवाल उठाया- “अगर कोई इमारत सरकारी ज़मीन पर बनी है, तो क्या सरकार को यह जाँचने का अधिकार नहीं होना चाहिए कि वह संपत्ति उसकी है या नहीं..?”  इसी उद्देश्य से धारा 3(C) को अधिनियम में जोड़ा गया है।

बहुपक्षीय विचार-विमर्श पर सरकार का ज़ोर

सरकार ने यह भी कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम को संयुक्त संसदीय समिति में गहन विचार-विमर्श के बाद अंतिम रूप दिया गया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया कि याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए प्रत्येक मुद्दे का बिंदुवार उत्तर प्रस्तुत किया जाएगा।

सरकार का रुख स्पष्ट था कि यह कानून किसी एकपक्षीय सोच या चुनिंदा व्यक्तियों की राय पर आधारित नहीं है, बल्कि इसे समावेशी और विस्तृत प्रक्रिया के तहत तैयार किया गया है।

Topics: Waqf Act Supreme Court hearingMuslim community representation lawSolicitor general tushar mehtaवक्फ संशोधन अधिनियमWaqf Amendment Act 2025सुप्रीम कोर्ट सुनवाई वक्फ97 लाख सुझाव वक्फ कानूनJPC सिफारिश वक्फवक्फ विवाद भारतWakf Property India
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

UMEED portal waqf

केंद्र सरकार ने लागू किए UMEED नियम: वक्फ संपत्तियों का डिजिटल प्रबंधन शुरू

सुप्रीम कोर्ट

वक्फ संशोधन अधिनियम-2025: सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल के तर्क, वक्फ को बताया अल्लाह का दान

प्रतीकात्मक तस्वीर

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम-2025 की सुनवाई 20 मई तक टाली, कहा-सभी वकील तैयार होकर आएं

सुप्रीम कोर्ट

वक्फ कानून के खिलाफ याचिकाओं पर जस्टिस गवई की बेंच करेगी सुनवाई, चीफ जस्टिस खन्ना 13 मई को हो रहे सेवानिवृत 

मुर्शिदाबाद में हिंदू परिवारों को विशेष रूप से निशाना बनाया गया

मुर्शिदाबाद: शमशेरगंज में भीड़ ने हिंदू परिवारों को बनाया निशाना, पुलिस रिपोर्ट में खुलासा, ममता सरकार के दावे पर सवाल

वक्फ संशोधन एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून को लेकर आज सुनवाई, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने संशोधनों का किया समर्थन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

न्यूयार्क के मेयर पद के इस्लामवादी उम्मीदवार जोहरान ममदानी

मजहबी ममदानी

फोटो साभार: लाइव हिन्दुस्तान

क्या है IMO? जिससे दिल्ली में पकड़े गए बांग्लादेशी अपने लोगों से करते थे सम्पर्क

Donald Trump

ब्राजील पर ट्रंप का 50% टैरिफ का एक्शन: क्या है बोल्सोनारो मामला?

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies