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ऑपरेशन मीर जाफर: देश के भीतर छिपे गद्दारों पर बड़ा प्रहार

गद्दारों को लेकर कहावत है कि ‘कुल्हाड़ी को लकड़ी का दस्ता न होता, तो जंगल कटने का कोई रस्ता न होता।

by राकेश सैन
May 21, 2025, 02:19 pm IST
in भारत
ऑपरेशन मीर जाफर

ऑपरेशन मीर जाफर

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गद्दारों को लेकर कहावत है कि ‘कुल्हाड़ी को लकड़ी का दस्ता न होता, तो जंगल कटने का कोई रस्ता न होता।’ अपने देश को यह शाप है कि यहां इस तरह के दस्तों की कभी कोई कमी नहीं रही है, जब देश को नुकसान हुआ है इन्हीं जयचन्दी दस्तों से ही हुआ है। अपनी सैन्य क्षमता के कारण भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर आतंकी ठिकानों को नष्ट किया है और अपने नागरिकों की जान-माल की रक्षा करने में पूरी तरह सफल रहा है, लेकिन इसके बावजूद ऑपरेशन स्थगित होने के बाद ऐसी खबरें आ रही हैं जो देशवासियों के लिए शर्मनाक है।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद सुरक्षा बलों ने देश के विभिन्न हिस्सों में गुप्त रूप से ऑपरेशन मीर जाफर शुरू किया है, जिसका उद्देश्य घर के बांसों में छिपे दीमकों को नष्ट करना है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने सबसे पहले पाकिस्तान से हिसाब चुकता करते हुए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पड़ोसी देश में खुलकर एक्शन लिया। अब बारी देश में छुपे पाक परस्त जासूसों की है, सुरक्षा बल अब देश में ऑपरेशन मीर जाफर के तहत उन लोगों पर धड़ाधड़ एक्शन ले रहे हैं, जिन्होंने भारत की कार्रवाई के दौरान पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को सूचनाएं उपलब्ध कराई। इसी एक्शन का परिणाम है कि देश के विभिन्न हिस्सों में लगभग दर्जन भर लोगों को हिरासत में लिया गया है। वर्तमान में यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा ​​आधुनिक जयचंद का चेहरा बनकर उभरी हैं और उन्हें हिसार में गिरफ्तार कर लिया गया है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद खुफिया एजेंसियों की निगाहें पाकिस्तान को जानकारी उपलब्ध कराने वाले लोगों पर टिक गई। एजेंसियों का मानना था कि पाकिस्तान को अनेक फोटो और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां विभिन्न स्रोतों के जरिए मुहैया कराई गई। खुफिया एजेंसियों को यह भी पता चला कि इस पूरे मामले में दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास की भी बड़ी भूमिका है। यह भी पता चला है कि कुछ भारतीय पाकिस्तानी दूतावास में मौजूद खुफिया एजेंसी के लोगों के संपर्क में हैं। जांच के बाद यह भी पता चला कि अनेक लोगों को विदेशी यात्राओं के जरिए या कुछ पैसे दे कर और कुछ अन्य प्रलोभनों के जरिए पाकिस्तान अपने हिसाब से अपने मतलब की जानकारियां इकट्ठा कर रहा है। इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की जांच के द्वारा यह भी पता चला कि भारतीय मोबाइल फोनों के जरिए और अन्य इलेक्ट्रानिक माध्यमों के जारी बहुत सी सामग्री पाकिस्तान भेजी जा रही है. यह भी पता चला कि इसमें दिल्ली पंजाब हरियाणा राजस्थान जम्मू कश्मीर उत्तर प्रदेश समेत कुछ अन्य जगह के लोग शामिल हैं।

बताया जाता है कि पंजाब के 823 यू-ट्यूबर और ट्रैवल ब्लॉगर पुलिस के निशाने पर हैं। ये वह यूट्यूटबर और ट्रैवल ब्लॉगर है, जिनके वीडियो में पाकिस्तान संबंधी कंटेंट रहता है। इन्हें पड़ोसी देश में ज्यादा पसंद किया जाता है। पंजाब पुलिस ने इन्हें केवल इस आधार पर निशाने पर नहीं लिया है, बल्कि यह राज्य के सीमावर्ती इलाकों से लेकर धार्मिक स्थलों, कॉरिडोर और अतिसंवेदनशील सैन्य ठिकानों के इर्द-गिर्द और उनसे संबंध रखने वाले ठिकानों पर वीडियो कंटेंट साझा करते हैं। वीडियो सामग्री के जरिये सीमांत इलाकों और संवेदनशील जगहों की मौजूदा स्थिति को वीडियो सामग्री के जरिये साझा कर यह राष्ट्र सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं। ऐसे में पंजाब पुलिस अब इन 823 यू-ट्यूबर और ट्रैवल ब्लॉगर की न केवल पूरी कुंडली निकालने में जुट गई है, बल्कि इनके हर एक कंटेंट की मॉनीटरिंग की जा रही है। पंजाब पुलिस के महानिदेशक श्री गौरव यादव ने बताया कि स्पेशल टेक्निकल एक्सपर्ट की टीम इसकी मॉनीटरिंग कर रही है। पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है। पाक के साथ लगती पंजाब की 553 किलोमीटर के सीमांत इलाके में कई सैन्य ठिकाने और संवेदनशील पॉइंट हैं, जिनसे जुड़ी जानकारी सामने आने पर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है। ऐसे में अब पुलिस इन यूट्यूबर और ट्रैवल ब्लॉगर की अपने स्तर पर जांच कर रही है।

जासूसी के आरोप में दबोची गई हिसार की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के संपर्क को भी पुलिस खंगालने में जुटी है। वहीं, करतारपुर गलियारे के खोले जाने के समय पंजाब और देश के कई बड़े यू ट्यूबर और ट्रैवल ब्लॉगर यहां आए थे। जांच एजेंसियों की रिपोर्ट में कई संवेदनशील बिंदु सामने आए, जिन पर एजेंसियां काम कर रही हैं। एजेंसियों से जुड़े लोगों के अनुसार कई सालों में करतारपुर कॉरिडोर को विशेष निगरानी में रखा गया है, इस कॉरिडोर के जरिये कई बार जासूसी के इनपुट सामने आ चुके हैं।

पंजाब पुलिस इस दिशा में पहलगांव आतंकी हमले से पहले ही सक्रिय थी, पुलिस ने इस साल 10 अप्रैल तक 121 सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक किया है, जो विदेश बैठे गैंगस्टरों से जुड़ी पोस्ट और उनके नेटवर्क के बीच एक प्रकार से डाटा शेयरिंग और बातचीत का माध्यम बने हुए थे। इसमें पाकिस्तान बैठे बब्बर खालसा इंटरनेशनल के चीफ हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा, हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासियां, जीवन फौजी, अनमोल बिश्नोई, गोल्डी बराड़ और अन्य गैंगस्टरों के नेटवर्क के सोशल मीडिया अकाउंट्स शामिल थे। पंजाब पुलिस ने जब इन अकाउंट्स को ब्लॉक किया, उसमें अपनी रिपोर्ट में यह तर्क दिया है कि इन अकाउंट्स पर पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई के लोग भी एक्टिव थे। बीते साल पंजाब पुलिस ने 483 सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक किया था, जो गैंगस्टरों से जुड़े हुए थे।

पाक जासूस जालंधर में काबू

गुजरात पुलिस ने जालंधर पुलिस की मदद से एक संयुक्त ऑपरेशन में पाकिस्तानी जासूस मोहम्मद मुर्तजा अली को जालंधर के भार्गव कैंप क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। इस ऑपरेशन में पुलिस ने आरोपी के कब्जे से 4 मोबाइल फोन और 3 सिम कार्ड बरामद किए हैं। मोहम्मद मुर्तजा अली गांधी नगर में किराए के मकान में रहता था और वहां एक आलीशान कोठी का निर्माण भी करवा रहा था। जांच में खुलासा हुआ है कि अली ने हाल ही में 25 मरले का प्लॉट खरीदा था, जिस पर डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से कोठी बनाई जा रही थी। पुलिस ने उसके बैंक खाते की जांच की तो एक महीने में 40 लाख रुपये की संदिग्ध लेन-देन का पता चला। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि अली भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान भारतीय न्यूज चैनलों की एक विशेष एप्लिकेशन बनाकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को भारत की गोपनीय जानकारी मुहैया कराता था। इस एप्लिकेशन के जरिए वह भारतीय न्यूज चैनलों की सामग्री और देश के आंतरिक हालातों की खबरें पाकिस्तान भेजता था। इसके बदले में उसे पाकिस्तान से मोटी रकम प्राप्त होती थी।

6 मई को गिरफ्तार हुए गजाला और यामीन

6 मई को मलेरकोटला पुलिस ने गजाला और यामीन मोहम्मद को पाकिस्तानी अधिकारी दानिश को सैन्य जानकारी देने के आरोप में गिरफ्तार किया था। गजाला की मुलाकात दानिश से नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में हुई थी, जहां वह उसकी मुखबिर बन गई और उसे सेना की गतिविधियों की जानकारी पैसे के बदले देती थी। जांच में सामने आया कि दानिश ने यामीन, जो एक पासपोर्ट और वीजा एजेंट है, को गजाला को पैसे ट्रांसफर करने का निर्देश दिया था। गजाला को यामीन से 10,000 और दानिश से सीधे 20,000 मिले, जिन्हें उसने अन्य स्रोतों तक पहुंचाया।

पठानकोट में गिरफ्तारी

12 मई को पठानकोट पुलिस ने नीरज कुमार नामक 28 वर्षीय सेल्समैन को फर्जी दस्तावेजों के जरिए अवैध रूप से सिम कार्ड जारी करने के आरोप में गिरफ्तार किया। मामला तब सामने आया जब शाहपुरकंडी निवासी मोहित कुमार ने शिकायत दर्ज करवाई कि 2020 में उसने नीरज से सिम कार्ड खरीदा था, लेकिन बाद में पता चला कि उसके दस्तावेजों पर एक और सिम कार्ड बिना उसकी अनुमति के जारी किया गया था। जांच में पता चला कि यह अवैध सिम कार्ड पाकिस्तान में सक्रिय था, जिसे बाद में निष्क्रिय कर दिया गया।

बठिंडा छावनी से दर्जी काबू

बठिंडा में 12 मई को पुलिस ने छावनी में कार्यरत दर्जी रकीब के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की, जो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के संपर्क में था और उसके पास संवेदनशील सैन्य दस्तावेज पाए गए। सेना अधिकारियों ने यह मामला पुलिस के सामने लाया और दो मोबाइल फोन भी सौंपे। पूछताछ में रकीब ने बताया कि जनवरी 2025 में उसे पाकिस्तानी नंबरों से कॉल और वायस मैसेज मिले थे। उसने यह भी स्विकार किया कि उसके पास जो सैन्य दस्तावेज हैं, वे सेना के जवानों की ओर से दुकान में छोड़े गए थे।

ज्योति मल्होत्रा के संपर्क में थे पंजाब के लोग

हरियाणा के हिसार की यू ट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के संपर्क में पंजाब के सरहदी क्षेत्रों के कुछ लोगों के होने की बात सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक पंजाब पुलिस के साथ कुछ इनपुट केंद्रीय एजेंसियों की ओर से सांझा किए गए है जिन पर पंजाब पुलिस ने काम करना शुरू कर दिया है। जो लोग ज्योति मल्होत्रा के संपर्क में थे उन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में लिया जाएगा। लड़कियों से दोस्ती व पैसे का लालच के चलते यह लोग ज्योति के लिए काम कर रहे थे।

पंजाब के दौरांगल से दो काबू

गुरदासपुर पुलिस ने जासूसी की बड़ी साजिश नाकाम करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपी सुखप्रीत सिंह और करनबीर सिंह ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को लीक कर रहे थे। जांच में सामने आया है कि ये दोनों व्यक्ति ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी गोपनीय जानकारी, जिसमें पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में सेना की गतिविधियों और रणनीतिक ठिकानों की जानकारी शामिल है, आईएसआई एजेंट्स के साथ साझा कर रहे थे। पुलिस ने इनके कब्जे से तीन मोबाइल फोन और .30 बोर के आठ कारतूस बरामद किए हैं। जब्त मोबाइल फोनों की फॉरेंसिक जांच में इस जासूसी गतिविधि की पुष्टि हुई है। प्रारंभिक जांच से यह भी पता चला है कि आरोपी सीधे आईएसआई के हैंडलर्स के संपर्क में थे और उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों से जुड़ी कई संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तान तक पहुंचाई थीं।

छावनी की वीडियो बनाते हुए काबू

पंजाब में गुरदासपुर की तिब्बड़ी सैन्य छावनी के समीप सेना की गतिविधियों की वीडियो और तस्वीरें बनाते हुए दो संदिग्ध युवकों को मिलिट्री इंटेलिजेंस ने रंगे हाथों काबू किया। प्रारंभिक पूछताछ के बाद दोनों को थाना पुराना शाला पुलिस को सौंप दिया गया। गिरफ्तार युवकों की पहचान फायज हुसैन पुत्र साजिद साह और बबलू पुत्र बदलू साह के रूप में हुई है, जो उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के मीरगंज क्षेत्र के गांव जफरपुर के रहने वाले हैं। जानकारी के अनुसार, ये दोनों युवक नवां शाला क्षेत्र में सेना क्षेत्र के पास नारियल बेचने का काम करते थे। हाल ही में इनकी संदिग्ध गतिविधियों पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर गई। इनके मोबाइल फोन से सेना की मूवमेंट की वीडियो और पाकिस्तान के कुछ मोबाइल नंबर बरामद हुए।

आरोपियों में एक सांझा नाम है दानिश

पंजाब पुलिस पहलगाम आतंकी हमले के बाद पठानकोट, मालेरकोटला, बठिंडा और गुरदासपुर से पकड़े गए छह जासूसों के सभी संपर्कों की जांच कर रही है। जो आरोपी पकड़े गए है उनके फोन कॉल्स से कई लोग जांच के दायरे में आए हैं। यह लोग केवल पंजाब के नहीं बल्कि हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड, राजस्थान के जिलों से भी है। आरोपियों से जो जानकारियां मिल रही है उन्हें दूसरे राज्यों की पुलिस के साथ सांझा किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि दानिश दिल्ली के पाकिस्तानी उच्चायोग में अफसर रहा है और आईएसआई के लिए काम करता है। वह कई आरोपियों के बीच सांझी कड़ी के रूप में सामने आया है। जासूसी के इन आरोपियों के बीच एक अन्य तथ्य सामने आया है कि आरोपी छोटी-मोटी राशि के लिए ही अपना ईमान बेच रहे थे।

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